ट्रंप के एक्शन से दुनियाँ में हलचल – भारत को अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ कम करना होगा, वरना 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू!
भारत को अमेरिका से राजनयिक संबंधों की मज़बूती करने,अच्छे व्यापारिक संबंध बनाए रखनें,विवादों से बचने,विज़न 2047 को रेखांकित कर सटीक निर्णय की आवश्यकता
-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं

गोंदिया (महाराष्ट्र) – वैश्विक स्तर पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नीतिगत फैसलों से दुनियाभर में हलचल मची हुई है। चाहे वह आर्थिक प्रतिबंध हों, अवैध नागरिकता संबंधी मुद्दे हों या फिर “अमेरिका फर्स्ट” की नीति, ट्रंप के निर्णयों का असर विश्व की अर्थव्यवस्थाओं पर व्यापक रूप से पड़ रहा है। इसी कड़ी में, उन्होंने भारत को चेतावनी दी है कि यदि वह अमेरिकी वस्तुओं पर लगाए गए टैरिफ में कटौती नहीं करता, तो 2 अप्रैल 2025 से अमेरिका भी भारत पर समान जवाबी टैरिफ (Reciprocal Tariff) लगाएगा।
अमेरिका में मंदी की आशंका और भारत पर असर
अमेरिकी अर्थव्यवस्था पहले से ही मंदी के खतरे से जूझ रही है। यदि अमेरिका भारत पर टैरिफ बढ़ाता है, तो यह न केवल भारत के व्यापार को प्रभावित करेगा, बल्कि अमेरिकी बाजार में भी वस्तुओं के दाम बढ़ सकते हैं, जिससे वहां के उपभोक्ताओं पर भी बोझ पड़ेगा।
प्रमुख प्रभाव:

- भारतीय आईटी उद्योग पर असर – अमेरिका भारतीय आईटी उद्योग का सबसे बड़ा बाजार है। भारत का आईटी सेक्टर हर साल 280 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात करता है, जिसमें से लगभग 50% अमेरिका से आता है। यदि टैरिफ बढ़ता है, तो भारतीय आईटी कंपनियों की लागत बढ़ जाएगी और निर्यात प्रभावित होगा।
- व्यापारिक संतुलन पर असर – भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंधों में पहले से ही असमानता देखी जा रही है। ट्रंप का कहना है कि भारत “टैरिफ किंग” है, क्योंकि वह दुनिया के उच्चतम सीमा शुल्क वाले देशों में से एक है।
- राजनयिक संबंधों में चुनौती – भारत और अमेरिका के बीच संबंध हाल के वर्षों में मजबूत हुए हैं, लेकिन व्यापारिक मुद्दों के कारण इनमें तनाव आ सकता है।
ट्रंप का सख्त रुख – भारत को दी चेतावनी
20 मार्च 2025 को अमेरिकी समयानुसार रात में ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि भारत के साथ अमेरिका के अच्छे संबंध हैं, लेकिन भारत द्वारा लगाए गए ऊँचे टैरिफ एक बड़ी समस्या हैं। ट्रंप ने दो अप्रैल से भारतीय उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगाने की धमकी दी है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ कम नहीं करता, तो अमेरिका भी उतना ही टैरिफ लगाएगा।
भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे पर ट्रंप की टिप्पणी

ट्रंप ने भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) पर भी चर्चा की और इसे “महत्वपूर्ण देशों का समूह” बताया, जो व्यापार में बाधा डालने वाले देशों का मुकाबला करने के लिए एक साथ आ रहे हैं।
आगे की रणनीति – भारत को क्या करना चाहिए?
भारत को इस स्थिति से निपटने के लिए एक संतुलित रणनीति अपनानी होगी।
राजनयिक संबंधों को मजबूत करना – भारत को अमेरिका के साथ कूटनीतिक स्तर पर बातचीत करनी होगी ताकि व्यापारिक संबंधों में सुधार हो।
टैरिफ विवाद को हल करना – भारत को अपनी व्यापारिक नीतियों की समीक्षा करनी चाहिए ताकि अनावश्यक विवादों से बचा जा सके।
भविष्य की रणनीति तैयार करना – भारत को विजन 2047 के तहत दीर्घकालिक व्यापार नीतियों को विकसित करना होगा ताकि ऐसी स्थितियों से निपटा जा सके।
निष्कर्ष
ट्रंप की टैरिफ नीति से भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है, जिसका असर विशेष रूप से आईटी और निर्यात उद्योगों पर पड़ेगा। भारत को एक संतुलित कूटनीतिक रणनीति अपनानी होगी ताकि वह अमेरिका के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को बनाए रखते हुए अपने आर्थिक हितों की रक्षा कर सके।