स्वयंसेवी संस्था ‘ग्रामीण भारत’ के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने उठाए गंभीर सवाल

नई दिल्ली,रेवाड़ी, चंडीगढ़, 18 फरवरी 2025 – स्वयंसेवी संस्था ‘ग्रामीण भारत’ के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने अमेरिका से अवैध प्रवासी भारतीयों के निर्वासन को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के तुरंत बाद भी दो खेप में भारतीय नागरिकों को हथकड़ियों में जकड़कर डिपोर्ट किया गया। इससे यह स्पष्ट हो गया कि मोदी जी के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिलने का कोई लाभ भारतीयों को नहीं मिला।

विद्रोही ने कहा कि भारतीय नागरिकों को हथकड़ियों में जकड़कर अमेरिकी सैन्य विमान से अमृतसर भेजने की घटना से यह साबित होता है कि प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिका दौरा आम भारतीयों के लिए व्यर्थ की कवायद रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने भारतीय प्रवासियों के सम्मान की रक्षा के बजाय अपने उद्योगपति मित्र गौतम अडानी के हितों को प्राथमिकता दी।

331 भारतीयों को हथकड़ियों में भेजा गया भारत

विद्रोही ने खुलासा किया कि अब तक अमेरिका ने कुल 331 भारतीय नागरिकों को हथकड़ियों में जकड़कर डिपोर्ट किया है। इन नागरिकों में –

  • 126 पंजाब के,
  • 110 हरियाणा के,
  • 74 गुजरात के निवासी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश होने के साथ-साथ वैश्विक बाजार भी है, लेकिन इसके बावजूद अमेरिका भारतीय नागरिकों के साथ अपमानजनक व्यवहार कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रम्प से मुलाकात के बावजूद अपने देश के अवैध प्रवासी नागरिकों को सम्मानजनक तरीके से भारत भेजने के लिए अमेरिकी प्रशासन को राजी नहीं कर सके। यह दर्शाता है कि अमेरिका की नजरों में भारत की राजनीतिक स्थिति क्या है।

वेनेजुएला का उदाहरण और भारत की कमजोरी

विद्रोही ने वेनेजुएला का उदाहरण देते हुए कहा कि जब अमेरिका ने वेनेजुएला के नागरिकों को हथकड़ियों में जकड़कर निर्वासित किया, तो वहां की सरकार ने कड़ा रुख अपनाया और अमेरिकी सैन्य विमान को वापस भेज दिया। वेनेजुएला सरकार ने स्पष्ट कहा कि जब तक उनके नागरिकों को सम्मानजनक तरीके से नहीं भेजा जाएगा, वे उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे। अमेरिकी प्रशासन को वेनेजुएला सरकार के इस कड़े स्टैंड के सामने झुकना पड़ा और आखिरकार उनके नागरिकों को सम्मानजनक ढंग से भेजा गया।

इसके विपरीत, भारत जैसे विशाल देश का प्रधानमंत्री कोई ठोस स्टैंड लेने में असफल रहा, जिसके चलते अमेरिकी प्रशासन भारतीय नागरिकों को अपमानजनक तरीके से निर्वासित कर रहा है। विद्रोही ने कहा कि यह मोदी सरकार की विदेश नीति की बड़ी असफलता और सरकार की कमजोरी का जीवंत प्रमाण है।

विदेश नीति की असफलता पर सरकार जवाब दे

विद्रोही ने मोदी सरकार से सवाल करते हुए कहा कि जब एक छोटा देश अमेरिका के सामने झुकने को मजबूर कर सकता है, तो भारत सरकार ऐसा क्यों नहीं कर पाई? उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह भारतीय प्रवासियों के सम्मान की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए और अमेरिका के समक्ष कड़ा रुख अपनाए।

error: Content is protected !!