*राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप स्कूलों में छात्र व शिक्षकों का अनुपात किया जाएगा सुनिश्चित, आगामी शैक्षणिक सत्र से कोई भी स्कूल ऐसे नहीं बचेगा, जहां शिक्षकों की कमी हो – नायब सिंह सैनी*

*कॉलेजों में स्मार्ट क्लास रूम के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए तैयार की जाएगी रूपरेखा, ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को होगा बड़ा फायदा*

चंडीगढ़, 11 जनवरी – हरियाणा को वैश्विक शिक्षा का केंद्र बनाने के लिए नायब सरकार द्वारा प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए स्कूलों का कायाकल्प किया जाएगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप छात्र और शिक्षकों के अनुपात को सुनिश्चित करते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए। स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए नए सिरे से कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप आगामी शैक्षणिक सत्र से प्रदेशभर में कोई भी स्कूल ऐसा नहीं बचेगा, जहां शिक्षकों की कमी हो।

मुख्यमंत्री शुक्रवार देर सायं मौलिक शिक्षा, स्कूल शिक्षा और उच्चतर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ अहम बैठक कर रहे थे। बैठक में शिक्षा मंत्री श्री महीपाल ढांडा भी उपस्थित थे।

श्री नायब सिंह सैनी ने बिंदुवार समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था करने के लिए राशनलाइजेशन कर व्यापक योजना तैयार की जाए ताकि यदि कहीं किसी स्कूल में शिक्षकों की कमी है तो उसे पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा में शिक्षकों की कमी नहीं है, केवल छात्रों की संख्या के अनुरूप शिक्षकों की तनाती की व्यवस्था निश्चित की जाए। नए शैक्षणिक सत्र से पहले सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाए।

*जनता में किया जाए विश्वास जागृत, ताकि अधिक से अधिक बच्चे सरकारी स्कूलों में करें शिक्षा ग्रहण*

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों के प्रति जनता में विश्वास जागृत किया जाए ताकि अधिक से अधिक बच्चे सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने आएं। सरकार प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप बच्चों को संस्कारवान बनाने व सांस्कृतिक ज्ञान प्रदान करने के लिए आठवीं कक्षा तक गीता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।

उन्होंने कहा कि बच्चों को ऊर्जावान बनाने के लिए स्कूलों में खेल और स्वच्छता को अनिवार्य किया जाए। साथ ही, शिक्षकों का भी कौशल विकास किया जाए ताकि वे नई-नई पद्धतियों के अनुसार बच्चों को पढ़ा सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि स्कूलों व कॉलेजों में मूलभूत सुविधाएं जैसे पेयजल, शौचालय की व्यवस्था व स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाए।

*ब्लॉक स्तर पर मॉडल संस्कृति स्कूलों की बढ़ाई जाए संख्या*

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार ने ब्लॉक स्तर पर मॉडल संस्कृति स्कूल खोले, जो सीबीएसई बोर्ड से एफिलिएटिड हैं। इन स्कूलों में बच्चों को इंग्लिश मीडियम सहित गणित व विज्ञान की शिक्षा दी जा रही है। इन स्कूलों में प्रवेश लेने के लिए होड़ लगी है, इसलिए ब्लॉक स्तर पर मॉडल संस्कृति स्कूलों की संख्या बढ़ाई जाए।

*तय समय सीमा में पूरा किया जाए हर कार्य, अनावश्यक देरी किसी भी सूरत में नहीं होगी बर्दाशत*

मुख्यमंत्री घोषणाओं की समीक्षा करते हुए श्री नायब सिंह सैनी ने निर्देश दिए कि लंबित विकास कार्यों को तीव्र गति से पूरा किया जाए। हर कार्य के लिए समय सीमा तय की जाए और उस समय सीमा में भी कार्य पूर्ण किया जाए। अनावश्यक देरी किसी भी प्रकार से बर्दाशत नहीं की जाएगी। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग के इंजीनियरिंग विंग के कार्यों के लिए अन्य विभागों के एक्सईएन लेवल के अधिकारियों को टेंडर इत्यादि प्रक्रियाओं के लिए अधिकृत किया जाए। उन्होंने कहा कि जो ठेकेदार कार्य तय समय में पूरा नहीं करते हैं उनके विरुद्ध भी सख्त एक्शन लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हर बच्चे को ट्रैक किया जाए कि वह 12वीं कक्षा के बाद किस संस्थान में शिक्षा ग्रहण कर रहा है। हरियाणा से बाहर भी यदि कोई बच्चा शिक्षा ग्रहण कर रहा है तो उसकी भी जानकारी रखी जाए ताकि प्रदेश का कोई भी बच्चा शिक्षा के मूलभूत अधिकार से वंचित न रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार का उद्देश्य हरियाणा को शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक शिक्षा का केंद्र बनाना है, एआई के युग में हमें आधुनिक शिक्षा में अमूल चूक परिवर्तन करने होंगे । इसके लिए सभी अधिकारी व कर्मचारी अपने कार्य को गंभीरता से लें। जब भी बैठक में आए तो उन्हें हर जानकारी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि सभी अधिकारी व कर्मचारी अपनी कार्य प्रणाली में सुधार करें, किसी भी स्तर पर कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

*कॉलेजों में स्मार्ट क्लास रूम के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बनाई जाए रूपरेखा, ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को होगा बड़ा फायदा *

उच्चतर शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर कॉलेज में आधारभूत ढांचा सहित सुविधाओं पर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए, ताकि किसी भी प्रकार की कमी को जल्द से जल्द दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि कॉलेजों में स्मार्ट क्लास रूम के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए व्यवस्था बनाने हेतु रूपरेखा तैयार की जाए। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बेहतर व्यवस्था मिल सकेगी।

उन्होंने कहा कि जिन कॉलेजों के भवन निर्माणाधीन हैं, उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भवनों के निर्माण पूरा होने तक अन्य वैकल्पिक भवनों में चल रही इन कॉलेज की कक्षाओं में विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की समस्या न आए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए की कॉलेज भवनों पर सौर पैनल लगाए जाएं। प्रत्येक कॉलेज में चारदिवारी, पानी व शौचालय की व्यवस्था भवनों की मरम्मत संबंधी सभी प्रकार की व्यवस्था को जरूरत के अनुसार निरंतर सुनिश्चित किया जाए।

*पंचकूला में स्थापित होगा बड़ा वाचनालय*

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार का संकल्प है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पाठन सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए शहरों में वाचनालय स्थापित किए जाएं। इसी दिशा में प्राथमिकता के आधार पर पंचकूला में एक बड़ा वाचनालय स्थापित किया जाए ताकि पंचकूला के विद्यार्थियों को चंडीगढ़ न जाना पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार ने हर 20 किलोमीटर पर एक कॉलेज स्थापित किया हुआ है, इसलिए प्रत्येक कॉलेज में वाचनालय स्थापित किया जाए और कॉलेज बंद होने के बाद भी यह वाचनालय खुले रहेंगे ताकि बच्चे वहां जाकर पठन-पाठन का कार्य कर सकें।

*राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूर्ण रूप से लागू करने के लिए लक्ष्यों को तय समयावधि में करें पूरा – शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा*

बैठक में शिक्षा मंत्री श्री महीपाल ढांडा ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूर्ण रूप से लागू करने के लिए अल्पकालिक व दीर्घकालिक लक्ष्यों को तय समयावधि में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में पाठन सामग्री के वितरण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार स्कूलों में विदेशी भाषा सीखाने की दिशा में भी विशेष प्रयास किए जाएं ताकि बच्चों को मातृभाषा के साथ-साथ विदेशी भाषा में भी पारंगत बनाया जा सके ताकि वैश्विक स्तर पर उन्हें रोजगार के अधिक अवसर सहज सुलभ हो सके।

*समय रहते कार्यप्रणाली को करें दुरुस्त, यदि कहीं कोई कमी पाई गई तो संबंधित के खिलाफ की जाएगी सख्त कार्रवाई – महीपाल ढांडा*

शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए कि फील्ड कार्यालयों में कई वर्षों से एक ही पद पर तैनात शिक्षकों को निर्देश जारी किए जाएं कि वे स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों को भी पढ़ाएं। उन्होंने कहा कि अधिकारी समय रहते अपनी कार्यप्रणाली को दुरुस्त करें और जमीनीस्तर पर योजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित करें। अगली बैठक में समीक्षा के दौरान यदि कहीं कोई कमी पाई गई तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

श्री महीपाल ढांडा ने कहा कि उन्होंने पंचकूला के सेक्टर 12 स्थित सार्थक स्कूल का दौरा किया था और व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। सार्थक स्कूल की तरह हर स्कूल को एक आदर्श स्कूल बनाना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में व्यवस्था परिवर्तन करते हुए स्कूलों की तस्वीर बदलनी चाहिए ताकि माता-पिता अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजें। उन्होंने कहा की नए शैक्षणिक सत्र से पहले सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए ताकि स्कूलों में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न रहे।

बैठक में जानकारी दी गई कि कक्षा 3 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मानदंडों को शत – प्रतिशत लागू कर दिया गया है और इस वर्ष में सातवीं कक्षा तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूर्ण रूप से लागू कर दिया जाएगा। शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम में बदलाव किए गए हैं और इस शैक्षणिक सत्र में नए पाठ्यक्रम के अनुसार पुस्तकें दी जाएगी। इतना ही नहीं, फ्रांस एंबेसी के साथ फ्रेंच भाषा सीखाने के लिए एमओयू करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है ताकि बच्चों को स्कूलों में विदेशी भाषा सिखाई जा सके।

बैठक में जानकारी दी गई कि डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देते हुए 22 कॉलेजों में स्मार्ट क्लासरूम बनाए गए हैं। 48 सरकारी कॉलेजों में 83 लैब स्थापित की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप मल्टी डिसीप्लिनरी टीचिंग्स कॉन्सेप्ट को लागू किया गया है।

बैठक में मुख्य सचिव डॉ विवेक जोशी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्री पंकज अग्रवाल और मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव श्री यशपाल यादव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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