माननीय उच्च न्यायालय ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, डिपार्टमेंट अर्बन लोकल बॉडी, हरियाणा सरकार को कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का नोटिस जारी करते हुए 3 फरवरी 2025 को उपस्थित होने का आदेश दिया

डॉ. बी.आर. आंबेडकर अधिकार मंच के सदस्य प्रताप सिंह कदम

गुरुग्राम/चंडीगढ़, 11 जनवरी 2025,सतीश भारद्वाज: – 10 जनवरी को डॉ. बी.आर. आंबेडकर अधिकार मंच के सदस्य प्रताप सिंह कदम ने बताया कि माननीय हाई कोर्ट में नगर निगम गुरुग्राम के वार्डों में अनुसूचित जाति के लिए कम सीटें निर्धारित करने को लेकर हरियाणा सरकार की मनमानी के खिलाफ सुनवाई हुई।

मामले की पृष्ठभूमि

मार्च 2024 में गुरुग्राम के अनुसूचित जाति के सदस्यों ने माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की थी। दिनांक 20 मार्च 2024 को माननीय न्यायमूर्ति श्री सुधीर सिंह और न्यायमूर्ति श्री हर्ष बंगर की खंडपीठ ने रिट याचिकाकर्ता प्रताप सिंह कदम और अन्य को एक सप्ताह के भीतर एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (डिपार्टमेंट अर्बन लोकल बॉडी, हरियाणा सरकार) को मेमोरेंडम सौंपने और तीन सप्ताह के भीतर इस पर विचार करने का आदेश दिया था।

1 अप्रैल 2024 को मेमोरेंडम सौंपने के बावजूद 7-8 महीनों तक सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। इसके उपरांत, याचिकाकर्ताओं ने आरटीआई और रिमाइंडर पत्र भेजे, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

10 जनवरी 2025 की सुनवाई

आज की सुनवाई में, प्रताप सिंह कदम और अन्य बनाम श्री विकास गुप्ता (आईएएस, एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डिपार्टमेंट अर्बन लोकल बॉडी हरियाणा सरकार) के मामले में माननीय न्यायमूर्ति श्री हरकेश मनुजा की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार के अटॉर्नी जनरल से जवाब मांगा।

सरकार की ओर से समय मांगने पर, याचिकाकर्ताओं के वकील, राम सिंह चौधरी (रिटायर्ड सेशन जज), ने दलील दी कि जल्द ही चुनाव की घोषणा होने वाली है, इसलिए चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। सरकार के अटॉर्नी जनरल ने कहा कि फिलहाल चुनाव की घोषणा नहीं हुई है।

माननीय उच्च न्यायालय ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, डिपार्टमेंट अर्बन लोकल बॉडी, हरियाणा सरकार को कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का नोटिस जारी करते हुए 3 फरवरी 2025 को उपस्थित होने का आदेश दिया।

आंदोलन और ज्ञापन

याचिकाकर्ताओं ने 19 दिसंबर 2024 को कोर्ट में कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट की छुट्टियों के बाद 7 जनवरी 2025 को अर्जेंट सुनवाई की तारीख मिली। इससे पहले, याचिकाकर्ताओं ने हरियाणा के मुख्यमंत्री, राज्य चुनाव आयोग, और अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था।

सरकार ने याचिकाकर्ताओं की मांग को अनदेखा कर केवल तीन सीटों पर चुनाव कराने का नोटिफिकेशन जारी किया, जिससे याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय का रुख किया।

आगे की कार्रवाई

अब 3 फरवरी 2025 को हाई कोर्ट में अगली सुनवाई होगी, जहां सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थित होना होगा।

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