चंडीगढ़, सतीश भारद्वाज: हरियाणा में एक आईपीएस अधिकारी पर कथित तौर पर लगे महिला पुलिस कर्मियों के साथ यौन शोषण के आरोपों की एसआईटी ने जांच रिपोर्ट शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक को सौंप दी है। वहीं जांच रिपोर्ट की कॉपी महिला आयोग को नहीं दी गई है। सरकार ने महिला आयोग के दबाव में ही इस मामले में एसआईटी का गठन किया था।

महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने एसआईटी की रिपोर्ट डीजीपी को सौंपे जाने की पुष्टि की है। रेणु भाटिया पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों पर यौन शोषण के आरोपी आईपीएस अधिकारी को बचाने का आरोप लगा चुकी हैं। उन्हें इसपर भी कहा था कि आरोपित आईपीएस अधिकारी के खिलाफ अभी तक पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की गई।

वहीं गत वर्ष चार दिसंबर को फरीदाबाद के सेक्टर 12 स्थित लघु सचिवालय में महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने कहा था कि महिला पुलिस कर्मियों के यौन शोषण मामले में पुलिस विभाग के बड़े अधिकारी आरोपित आईपीएस को बचाया चाहते हैं। इस मामले में जींद के सिविल लाइन थाने में दो एफआईआर दर्ज हैं। एक रिपोर्ट यौन शोषण के आरोप में दर्ज है, जबकि दूसरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को लिखे पत्र को वायरल करने के आरोप में यू-ट्यूबर के खिलाफ दर्ज है।

बता दें कि जींद के एसपी रहे सुमित कुमार के खिलाफ एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें काफी गंभीर आरोप महिला पुलिस कर्मियों ने एसपी तथा एक महिला डीएसपी जाखड़ पर लगाए थे। महिला कर्मचारीयों का यौन शोषण करवाने सहित अन्य काफी गंभीर आरोप लगाए थे। जिसकी काफी चर्चाएं सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। जिसमें पुलिस विभाग की काफी किरकिरी हुई थी, जिस पर सरकार ने आरोपी एसपी का तबादला तो रेलवे में कर दिया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की थी,वहीं महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने भी आरोपी एसपी को अपने कार्यालय फरीदाबाद में भी तलब किया था। वहीं एक अन्य प्रदेशवासियों ने भी डीएसपी के खिलाफ उनकी किसी रिश्तेदार को इस घिनौने कार्य में फंसने के आरोप लगाते हुए महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। वहीं गुरुग्राम में भी तैनाती के वक्त उन पर कई गंभीर आरोप बताए जा रहे हैं।

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