-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी

भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। यह वायरस खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को निशाना बना रहा है। सरकार ने अलर्ट जारी कर आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। हालांकि, इस वायरस का संक्रमण दर कोरोना वायरस की तुलना में कम है, लेकिन इसका प्रसार तरीका काफी हद तक कोविड-19 जैसा ही है।

सतर्कता क्यों जरूरी है?

एचएमपीवी एक आरएनए वायरस है, जो मुख्यतः सांस से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न करता है। इससे पीड़ित मरीजों को खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ और नाक बहने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, यह वायरस न्यूमोविरिडे फैमिली का हिस्सा है, जिसमें रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (आरएसवी) भी शामिल है। यह वायरस ठंड के मौसम में अधिक सक्रिय होता है और 2 साल तक की उम्र के ज्यादातर बच्चे इससे प्रभावित हो सकते हैं।

फैलने का तरीका

एचएमपीवी के फैलने के तरीके निम्नलिखित हैं:

  1. ड्रॉपलेट्स: संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने से हवा में फैलने वाली बूंदों के माध्यम से।
  2. डायरेक्ट कॉन्टैक्ट: संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संपर्क।
  3. सतहें: दरवाजे के हैंडल, मोबाइल जैसी दूषित सतहों को छूने से।
  4. हवा में मौजूदगी: भीड़भाड़ वाले स्थानों में संक्रमित हवा के जरिए।

किसे ज्यादा खतरा?

इस वायरस का सबसे अधिक असर निम्नलिखित समूहों पर होता है:

  • 5 साल से कम उम्र के बच्चे।
  • 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग।
  • समय से पहले जन्मे बच्चे।
  • कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्ति।
  • अस्थमा और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोग।

संक्रमण के लक्षण

एचएमपीवी संक्रमण के प्रमुख लक्षण हैं:

  • खांसी और बुखार।
  • सांस लेने में कठिनाई।
  • नाक बंद या बहना।

इन लक्षणों की समानता कोविड-19 से है, लेकिन एचएमपीवी पर तापमान का प्रभाव कम पड़ता है, जिससे यह विभिन्न मौसमों में फैल सकता है।

सरकार की तैयारियां

भारत सरकार ने स्थिति पर नजर रखते हुए राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। तेलंगाना और झारखंड जैसे राज्यों ने अपने स्तर पर गाइडलाइंस लागू की हैं। संक्रमित मामलों की निगरानी और रिपोर्टिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग सक्रिय है। जांच के लिए नासॉफैरिंजियल स्वैब, थ्रोट स्वैब और ब्लड सैंपल का उपयोग किया जा रहा है।

नागरिकों की जिम्मेदारी

महामारी से बचाव में नागरिकों का सहयोग अत्यधिक महत्वपूर्ण है। निम्नलिखित सावधानियां अपनाकर संक्रमण से बचा जा सकता है:

  1. खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें।
  2. साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं या सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
  3. भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें।
  4. फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें।
  5. पोषणयुक्त भोजन और पर्याप्त पानी का सेवन करें।
  6. घर पर रहकर आराम करें और दूसरों से संपर्क सीमित रखें।

निष्कर्ष

एचएमपीवी का खतरा भारत में धीरे-धीरे बढ़ रहा है। हालांकि, सरकार पूरी तरह सतर्क है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। नागरिकों को भी सावधानी बरतने और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है। बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखते हुए, हम इस संक्रमण से प्रभावी तरीके से निपट सकते हैं। कोरोना महामारी से मिले सबक हमें इस बार अधिक तैयार और सतर्क बनाते हैं।

-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र

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