तीसरी बार भाजपा सरकार बनने के बाद अहीरवाल में पहली बार आये मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जुमलेबाजी तो की लेकिन उनके व्यवहार, बयानों से कहीं भी यह नही लगा कि भविष्य में भी अहीरवाल को उसका वाजिब हक मिलेगा : विद्रोही

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी यह न भूले कि विगत दस सालों सेे हरियाणा में भाजपा की ही सरकार चल रही है, यदि भाजपा हरियाणा के कुछ वर्षो का श्रेय लेती है तो कमियों की जवाबदेही भी भाजपा की है : विद्रोही

31 दिसम्बर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के ढाई माह के कार्यकाल में अहीरवाल में कुछ भी परिवर्तन नही आया। विकास व सामाजिक सरोकारों के मामले में भाजपा सरकार की वही उपेक्षापूर्ण नीति चल रही है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी यह न भूले कि विगत दस सालों सेे हरियाणा में भाजपा की ही सरकार चल रही है, यदि भाजपा हरियाणा के कुछ वर्षो का श्रेय लेती है तो कमियों की जवाबदेही भी भाजपा की है लेकिन प्रदेश में दस सालों से एकदम उल्टा हो रहा है। कांग्रेस जमाने की विकास परियोजनाओं का श्रेय लेने भाजपा सदैव आगे रहती है और जब जवाबदेही लेने का समय आता है तो भाजपा सरकार कमियों व नाकामियों का ठीकरा विगत कांग्रेस सरकार पर डालकर पतली गली से निकल जाती है। अहीरवाल में भाजपा को विगत तीन लोकसभा व तीन विधानसभा चुनावों में एकतरफा समर्थन मिला है। वहीं हरियाणा में तीनों बार भाजपा सरकार अहीरवाल के दम पर बनी है। किसी भी राज्य व क्षेत्र के लिए दस साल का समय विकास करने व जनसरोकारों को लागू करने के लिए काफी होता है।  

ऐसी स्थिति में विद्रोही ने अहीरवाल के लोगों से आग्रह किया कि नववर्ष 2025 में प्रवेश करते समय वे गंभीरता से विचारे कि विगत दस सालों से भाजपा को दिये जा रहे एकतरफा समर्थन से अहीरवाल ने क्या पाया और क्या खोया? जब तक इसका हिसाब-किताब अहीरवाल के नागरिक नही करेंगे, तब तक उनको कोई लाभ नही मिलेगा। विगत दस सालों में भाजपा को जितना अहीरवाल ने दिया है, उसके बदले में इस क्षेत्र को 10 प्रतिशत भी नही मिला। तीसरी बार भाजपा सरकार बनने के बाद अहीरवाल में पहली बार आये मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जुमलेबाजी तो की लेकिन उनके व्यवहार, बयानों से कहीं भी यह नही लगा कि भविष्य में भी अहीरवाल को उसका वाजिब हक मिलेगा। विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों व नये बने मंत्रीयों ने लम्बी-चौडी बाते की, रोज अफसरों को हडकाकर लम्बी-चौडी बाते की, लेकिन विगत ढाई माह में इन विधायकों व मंत्रीयों की कही बातों पर पैसाभर भी असर प्रशासन पर नही दिखा। प्रशासन का वही उपेक्षापूर्ण रवैया यथावत है। अहीरवाल में विकास की रफ्तार उसी कछुआ गति से चल रही है, उसमें कोई परिवर्तन नही आया। अहीरवाल में अपराधे घटनाएं घटने की बजाय बढती जा रही है।  

विद्रोही ने कहा कि सवाल उठता है कि जब भाजपा को एकतरफा समर्थन से अहीरवाल को विकास कार्यो में कुछ नही मिल रहा तो फिर यहां के लोग व्यर्थ में भाजपा का पिछलग्गू बनकर अपने पैरों पर खुद कुल्हाडी क्यों मार रहे है? यहां के भाजपा से निर्वाचित सांसद व विधायक अपनी कथनी-करनी एक करके अहीरवाल के विकास की बजाय अपने निजी हितों को महत्व देकर जनता को क्यों ठग रहे है? विद्रोही ने कहा कि जिस क्षण अहीरवाल के लोग अपना आत्मविश्लेषण करके इस अधंभक्ति को छोडकर अपने हितों व सरोकारों के प्रति सजग होंगे, तभी इस क्षेत्र को विकास में समान भागीदारी मिलेगी और सरकार यहां के जनसरोकारों के प्रति गंभीर होगी अन्यथा अहीरवाल इसीे तरह भेदभाव का शिकार होता रहेगा।    

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