कटु सत्य यह है कि प्रदेश में विगत पांच सालों में जितनी भी गु्रप ए व बी श्रेणी अधिकारियों को नौकरियां दी गई है, उनमें 70 प्रतिशत हरियाणा से बाहर के लोगों को नागपुर-संघ की पर्ची से सूटकेश भरकर ली गई खर्ची के बल पर दी गई है : विद्रोही

गु्रप सी व डी की उक्त 56 हजार नौकरियां देने के पीछे वोट बैंक की राजनीति थी तभी जिस सरकार ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में जितनी नौकरियां नही दी उतनी उसने मात्र 6 माह में दी है : विद्रोही

20 हजार नौकरियां जनवरी, फरवरी व मार्च 2024 के ढाई माह में ठीक लोकसभा चुनाव से पहले दी और लगभग 36 हजार नौकरियां जुलाई से अक्टूबर के बीच तीन माह के बीच विधानसभा चुनाव से पूर्व दी गई : विद्रोही

1 जनवरी 2025 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार गु्रप सी व डी नौकरियां हरियाणावासियों को देने का राग अलापकर प्रदेश में गु्रप ए व बी श्रेणी प्रथम व द्वितीय श्रेणी की नौकरियां को सुनियोजित ढंग से सूटकेश भरकर पैसे लेकर बेचने व प्रदेश से बाहरी उम्मीदवारों को देने का सच दबाना व छुपाना चाहती है।

विद्रोही ने कहा कि भाजपा सरकार का दावा है कि उसने वर्ष 2024 में 56830 गु्रप सी व डी की सरकारी नौकरी बेरोजगार युवाओं को दी है जिसमें से लगभग 20 हजार नौकरियां लोकसभा चुनाव से पहले व 36 हजार नौकरियां लोकसभा चुनाव बाद आचार संहिता हटने से अक्टूबर में बनी नई भाजपा सरकार के समारोह के बीच दी गई है। भाजपा सरकार का टाईमिंग लाईन को देखकर तो कोई अंधा भी बता सकता है कि गु्रप सी व डी की उक्त 56 हजार नौकरियां देने के पीछे वोट बैंक की राजनीति थी तभी जिस सरकार ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में जितनी नौकरियां नही दी उतनी उसने मात्र 6 माह में दी है। 20 हजार नौकरियां जनवरी, फरवरी व मार्च 2024 के ढाई माह में ठीक लोकसभा चुनाव से पहले दी और लगभग 36 हजार नौकरियां जुलाई से अक्टूबर के बीच तीन माह के बीच विधानसभा चुनाव से पूर्व दी गई। 

विद्रोही ने कहा कि गु्रप सी व डी की 56 हजार उक्त नौकरियां कथित बिना पर्ची-खर्ची के युवाओं के वोट हडपने के लिए माहौल बनाने खातिर देकर युवाओं को ठगा गया है जबकि सूटकेश भर-भरकर के प्रथम व द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियां के सच को बडी चालाकी से सुनियोजित ढंग से छिपा लिया गया है। कटु सत्य यह है कि प्रदेश में विगत पांच सालों में जितनी भी गु्रप ए व बी श्रेणी अधिकारियों को नौकरियां दी गई है, उनमें 70 प्रतिशत हरियाणा से बाहर के लोगों को नागपुर-संघ की पर्ची से सूटकेश भरकर ली गई खर्ची के बल पर दी गई है। सवाल उठता है कि चपरासी व बाबू की नौकरी हरियाणा के युवाओ को देकर उन्हे ठगो, वहीं प्रशासन का संचालन करने वाले ग्रुप ए व बी श्रेणी की सरकारी अधिकारियों की नौकरियां प्रदेश के बाहर के संघीयों को देकर मोटा माल लेकर दो, यह लूट नही तो और क्या है? प्रशासन व सरकार का संचालन गु्रप सी व डी चपरासी व बाबू नही करते, प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारी करते है।  

विद्रोही ने कहा कि भाजपा सरकार हरियाणा के प्रशासन पर लम्बे समय तक कब्जा बनाये रखने के लिए एक सुनियोजित षडयंत्र से प्रदेश के बाहर के संघी विचारधारा के अफसरों को बैठा रही है जिसके दूरगामी दुष्परिणाम प्रदेश के किसान, मजदूरों, मेहनतकश, आमजनों के विरूद्ध आयेंगे और लम्बे समय तक संघी लूट के शिकार होते रहेंगे। विद्रोही ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को खुली चुनौती दी कि यदि वे सच्चे, ईमानदार और पारदर्शिता में विश्वास करते है तो भाजपा राज में विगत दस सालों में नियुक्त किये गए प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों का पूरा रिकार्ड उनके नाम, स्थाई पते, मैट्रिक शिक्षा कहां से की, इसका पूरा ब्यौरा सार्वजनिक करने की हिम्मत दिखाये। यह ब्यौरा आते ही अधिकारियों की भर्ती में लूट, धन, पर्ची-खर्ची का सारा सच सामने आ जायेगा।    

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