स्किल इको सिस्टम को समझने एक दिवसीय कार्यशाला में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय पहुंचा उत्तराखंड आईटीआई का दल,शीघ्र एक दल और करेगा शिरकत।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

पलवल : उत्तराखंड के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों का दल बुधवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में स्किल इकोसिस्टम पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला में हिस्सा लेने पहुंचा। इन विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में विभिन्न विश्व स्तरीय लैब में प्रशिक्षण लिया और अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित मशीनों के बारे में जानकारी हासिल की। इससे पूर्व कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि सर्टिफिकेट से स्किल नहीं आती, बल्कि उसके लिए हमें किसी एक कौशल को अर्जित कर उसमें पारंगत होना पड़ता है। भविष्य कौशल पर ही आधारित है। जो कुशल होगा, वही सफल होगा और उसी की मार्केट में मांग भी होगी। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने उत्तराखंड से आए दल को ऑन द जॉब ट्रेनिंग और हैंड्स ऑन प्रैक्टिस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही विद्यार्थियों को नई प्रौद्योगिकी सीखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को कौशल के माध्यम से करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने इस पहल के लिए उत्तराखंड सरकार की सराहना भी की।

अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने कौशल शिक्षा के मॉडल के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि यह देश में एक अनुपम प्रयोग है। देश के पहले राजकीय कौशल विश्वविद्यालय का आज विभिन्न राज्यों की सरकारें अनुसरण कर रही हैं। प्रोफेसर राठौड़ ने कहा कि इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को दक्ष बनाना है।

देहरादून आईटीआई के प्रिंसिपल नितिन शर्मा ने स्किल एजुकेशन के विभिन्न आयामों पर चर्चा की और इसे आगे बढ़ाने पर जोर दिया। इंस्ट्रक्टर मीनाक्षी डोभाल और स्वराज सिंह ने पाठ्यक्रम से लेकर ऑन द जॉब ट्रेनिंग पर विमर्श किया। विद्यार्थियों ने अत्याधुनिक मशीनों में गहरी दिलचस्पी दिखाई। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के निदेशक डॉ. मनी कंवर सिंह ने उत्तराखंड से आए दल को सभी लैब का अवलोकन करवाया और मशीनों की उपयोगिता पर चर्चा की।

डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, डीन प्रोफेसर कुलवंत सिंह और डॉ. संजय सिंह राठौर ने विद्यार्थियों को कौशल के महत्व से अवगत करवाया। डॉ. संजय कुमार, मोहम्मद सालिम और ओमप्रकाश ने विद्यार्थियों को लैब और मशीनों के बारे में बताया। डॉ. प्रीति ने कार्यशाला का मंच संचालन किया।

विद्यार्थियों ने अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं देखने के पश्चात प्रसन्नता जताई।

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