श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में एनएसएस और युवा एंड सेवा फाउंडेशन के तत्वावधान में सेवा प्रबोधन कार्यक्रम आयोजित।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

पलवल : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि हम सेवा, संकल्प और संस्कार को अपने आचरण में लाएं, तभी जीवन में परिवर्तन आएगा। सेवा की विशिष्ट अवधारणा से हम विकसित भारत के लक्ष्य में अपना योगदान सुनिश्चित कर सकते हैं। वह मंगलवार को रत्नागिरी भवन में एनएसएस और युवा एंड सेवा फाउंडेशन द्वारा आयोजित सेवा प्रबोधन कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में युवाओं को सेवा से जुड़ने और राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए प्रेरित किया गया। मुख्यातिथि के रूप में जीवा फाउंडेशन के अध्यक्ष ऋषिपाल चौहान ने कहा कि भारत सबके कल्याण और समृद्धि की कामना करने वाला राष्ट्र है। अंग्रेजों की शिक्षा पद्धति के कारण भारत के सेवा और संस्कार का अहित हुआ है। देश की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पंच कोष के आधार पर बनी है। इसे अपना कर युवा देश के उत्थान में भूमिका निभा सकते हैं।

विशेष अतिथि के रूप में उद्योगपति विनोद कुमार ने कहा कि युवाओं को सेवा कार्यों से जोड़ना हमारा लक्ष्य है। हमारे परिवेश में जन्म से ही बच्चों को सेवा का संस्कार दिया जाता है। युवा एंड सेवा फाउंडेशन स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेकर सेवा कार्य करता है। अभावग्रस्त लोगों के लिए काम करना हमारा कर्तव्य है।

मुख्य वक्ता आभास अग्रवाल ने विद्यार्थियों को प्रेरक प्रसंगों के माध्यम से सेवा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी दिनचर्या में से कुछ न कुछ समय सेवा के लिए सुनिश्चित करना चाहिए। स्वामी विवेकानंद जैसी महान विभूतियों से प्रेरणा लेकर दूसरों का जीवन संवारने में भूमिका निभानी चाहिए।

विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि मनुष्य अकेला ही बीज रोपित करता है और प्रयास से वह वृक्ष का रूप धारण करता है। युवाओं की समाज में अहम भूमिका है। उन्हें अपनी ऊर्जा और प्रतिबद्धता सेवा के लिए लगानी चाहिए।
अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि इस दौर में होना हमारा सौभाग्य है। हम सेवा और संकल्प के माध्यम से 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को अर्जित करने में भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने युवाओं से सेवा कार्यों से जुड़ने का आह्वान किया।

इससे पूर्व शिवनाथ ने फाउंडेशन की अवधारणा से अवगत करवाया और गौरव वर्मा ने अतिथि परिचय करवाया। छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर कुलवंत सिंह ने अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। डॉ. भावना रूपराई ने मंच संचालन किया।

इस अवसर पर प्रोफेसर ऋषिपाल, प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, विशेष कार्य अधिकारी संजीव तायल, डॉ. संजय राठौर, डॉ. मनी कंवर सिंह, एनएसएस के समन्वयक डॉ. नकुल और डॉ. सोहन लाल के अलावा कई अन्य शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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