288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव एक ही चरण में कराना व 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा का चुनाव दो चरणों करवाना चुनाव आयोग का ऐसा फैसला जो चीख-चीखकर कह रहा कि वह न तो स्वतंत्र है और न ही निष्पक्ष : विद्रोही पत्रकारों ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस द्वारा ईवीएम संदर्भ में दी गई शिकायत पर सवाल पूछा तो बिना जांच किये चुनाव आयोग ने इस शिकायत को गलत बताने से फिर साफ हो गया कि भारत में निष्पक्ष-स्वतंत्र चुनाव की अवधारणा अब इतिहास बन चुकी है : विद्रोही 16 अक्टूबर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि झारखंड विधानसभा चुनाव दो चरणों में तथा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एक चरण में करवाने की घोषणा से एकबार फिर चुनाव आयोग की निष्पक्षता व स्वतंत्रता पर प्रश्नचिन्ह लग ही गया है। साथ में उत्तप्रदेश के मिल्कीपुर क्षेत्र में विधानसभा उपचुनाव याचिका लम्बित होने के नाम पर चुनाव न करवाने व सीसामऊ में भी चुनाव याचिका लम्बित होने पर भी उपचुनाव की घोषणा करने से फिर प्रमाणित हो गया कि चुनाव आयोग मोदी-भाजपा का तोता है और उसे अपनी विश्वसनियता, स्वतत्रंता, निष्पक्षता पूर्णतया खो दी है। विद्रोही ने कहा कि 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव एक ही चरण में कराना व 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा का चुनाव दो चरणों करवाना चुनाव आयोग का ऐसा फैसला है जो चीख-चीखकर कह रहा है कि वह न तो स्वतंत्र है और न ही निष्पक्ष। चुनाव आयोग का हर फैसला कानून, नियमों, लोकतांत्रिक परम्पराओं अनुसार न होकर मोदी-भाजपा को चुनाव जितवाने का ऐसा अलोकतांत्रिक फैसला होता है जो बार-बार उसकी विश्वसनियता को कटघरे में खडा रकता है। झारखंड में जहां थोडा बहुत नक्सलवाद की समस्या है, उतनी ही नक्सलवाद की थोडी बहुत समस्या गढ़ चिरौली-महाराष्ट्र में भी है। विद्रोही ने कहा कि इसीे तरह भाजपा को चुनावी हार की फजीहत से बचाने के लिए अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव आयोग द्वारा यह कहकर नही कराया कि वहां चुनाव याचिका लम्बित है, पर उसी उत्तरप्रदेश के सीसामऊ क्षेत्र में चुनाव याचिका लम्बित होने पर भी विधानसभा उपचुनाव करवाना चुनाव आयोग का ऐसा बेशर्मीभरा पक्षपातपूर्ण फैसला है जिसे देखकर कोई भीे व्यक्ति बेहिचक कह सकता है कि आज का चुनाव आयोग भाजपा का इलेक्शन डिपार्टमैंट बन गया है और चुनाव आयोग संविधान, कानून, नियमों, लोकतांत्रिक परम्पराओं के अनुसार कार्य करने की बजाय मोदी-भाजपा-संघ के आदेश पर उनका तोता बनकर काम करता है। विद्रोही ने कहा कि इसीे तरह महाराष्ट्र व झारखंड चुनावों की घोषणा के समय की गई प्रैस कान्फ्रैस में पत्रकारों ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस द्वारा ईवीएम संदर्भ में दी गई शिकायत पर सवाल पूछा तो बिना जांच किये चुनाव आयोग ने इस शिकायत को गलत बताने से फिर साफ हो गया कि भारत में निष्पक्ष-स्वतंत्र चुनाव की अवधारणा अब इतिहास बन चुकी है और चुनाव आयोग भाजपा को चुनाव जितवाने के लिए भाजपा द्वारा की जा रही धांधली मेें साझीदार है। Post navigation 17 अक्टूबर को पंचकूला में होगा प्रधानमंत्री का आगमन सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग, मशीनों से सत्ता में आई भाजपा: नीरज शर्मा