-कमलेश भारतीय

यह ईवीएम भी कमाल है । चुनाव के शुरू होने से लेकर खत्म होने तक इसके चर्चे सबसे ज्यादा होते हैं । चर्चा या कुचर्चा में रहती है यह निगोड़ी ईवीएम ! वैसे यदि चुनाव जीत जायें तो ईवीएम को कोई याद भी नहीं करता लेकिन चुनाव हारने वाले सारा दोष इस मुई ईवीएम पर ही मढ़ देते हैं । जैसे अपने हरियाणा में हुआ और हो रहा है । एग्जिट पोल तक बता रहे थे कि हरियाणा में सरकार कांग्रेस बनाने जा रही है और कांग्रेस नेता भी डंके की चोट कह रहे थे कि कांग्रेस आयेगी, भाजपा जायेगी ! इसके बावजूद जब चुनाव परिणाम घोषित हुए तो भाजपा इतनी ढीठ निकली कि गयी ही नहीं और कांग्रेस इतनी सुस्त पड़ गयी कि आई ही नहीं ! सारे एग्जिट पोल झूठ के पुलिंदे साबित हुए !

मज़ेदार बात यह कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह बात चुनाव परिणाम से एक दिन पहले कह दी थी कि कांग्रेस हार जायेगी और सारा दोष, ईवीएम पर धर देगी । जैसे वे दीवार फिल्म का जोरदार डायलॉग कह रहे थे-हमारे पास ईवीएम है, तुम्हारे पास क्या है? तब किसी ने ईवीएम की बात नहीं उठाई क्योंकि एग्जिट पोल पर भरोसा जो था । अब दूसरे दिन जब ईवीएम मशीन ने करतब दिखाना शुरू किया तो कांग्रेस चकरा गयी बल्कि बीच में दो घंटे तक ईवीएम डुबकी ही लगा गयी जैसे अंदर ही अंदर फैसला कर रही हो कि कांग्रेस को आने देना है या नहीं ? भाजपा को हरियाणा से विदाई देनी है या नहीं? बस, जैसे ही डुबकी से ऊपर उठकर बाहर आई कांग्रेस चारों खाने चित्त होती दिखाई दी । अब कांग्रेस के ऊपर से नीचे तक नेता परेशान हो रहे हैं कि आखिर ईवीएम की हमसे क्या दुश्मनी थी या ईवीएम ने हमसे किस जन्म का बदला लिया है, जो हमें जिताते बीच में ही भाजपा को जिताने लगी ! इसे दो घंटे के अंदर अंदर क्या हो गया ? आखिर उसी को सत्ता में लौटा दिया और हम कांग्रेसी अंगूर खट्टे हैं कहते ही रह गये, वैसे सत्ता के अंगूर कभी खट्टे नहीं होते । सत्ता तो खट्टी हो या मीठी स्वीकार है सबको !

अब दीपेंद्र हुड्डा भी आज ईवीएम को दोष दे रहे हैं । वे कह रहे हैं कि निर्वाचन आयोग हमारे सवालों का जवाब दे, हमसे प्रेम क्यों नहीं किया? बोलो है न प्रेम हमसे? बोलो, बोलो, है न? पर यह निगोड़ी ईवीएम अब तो बोल चुकी, अब क्या बोले? जैसे समरथ को नहिं दोष गुसाईं, ऐसे ही ईवीएम को नहीं दोष गुसाईं ! अब रोते रहो ईवीएम की जान को, यह तो कानों में तेल डालकर सो गयी है। अब पांच साल बाद ही जागेगी, तब पूछना कि हमसे प्यार है कि नहीं? वैसे पांच साल से पहले महाराष्ट्र और झारखंड भी जायेगी, वहां पूछ लेना!

-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी। 9416047075

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