गुरुग्राम, 10 अक्तुबर। आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर राजकीय होम्योपैथिक डिस्पेंसरी दौलताबाद में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें अपने मस्तिष्क का ख्याल रखने तथा दिमागी बीमारियों से बचने के बारे में बातचीत की गई।

डॉ. नीतिका शर्मा ने बताया कि आज के इस तनाव भरे वातावरण में हर कोई मेंटल एंजायटी (मानसिक चिंता) सह रहा है। इस वक्त हमें दूसरे की जरूरत है। हमे जरूरत है अपने लिए वक्त निकलने की, अपनी परेशानी एक दूसरे से साझा करने की। अगर हम दिमागी रूप से सही है तभी अपना कोई भी कार्य ठीक से कर सकते हैं। हर किसी को कम से कम 15 मिनट का मेडिटेशन जरूर करना चाहिए। सप्ताह में एक बार जरूर परिवार के साथ बैठ कर अपनी बातें साझा करें। सप्ताहांत पर कहीं घूमने जाएं आउटडोर गेम्स खेलें।

अगर हर छोटी बात पे गुस्सा आ जाता है खुद को नियंत्रित नहीं कर पाते, काम में मन नहीं लगता,घबराहट हो जाती है, नींद नहीं आती तो तुरंत काउंसलर (होमियोपैथिक चिकित्सक) से संपर्क करें। साइकेट्रिस्ट के पास जाना कोई शर्म की बात नहीं है।

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