अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने बड़ी उम्मीदों के साथ हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में 88 पर चुनाव लड़ा था, लेकिन यहां उसका सूपड़ा साफ होता दिख रहा है. सभी एग्जिट पोल्स में आप को शून्य पर सिमटता दिखाया गया है. चंडीगढ़ – हरियाणा के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और उनके सेकंड इन कमांड मनीष सिसोदिया पूरे दमखम से चुनाव प्रचार किया. यहां आप का पूरा फोकस पिछले चुनाव के प्रदर्शन को सुधारते हुए किंगमेकर बनने का था. हालांकि हरियाणा चुनाव को लेकर सामने आए एग्जिट पोल्स में दिल्ली और पंजाब में अपना जादू बिखरने वाली झाड़ू के हरियाणा में तिनके बिखरते दिखे. आम आदमी पार्टी हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने की कोशिश में थी. हालांकि सीट बंटवारे को लेकर बात नहीं बन सकी और दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा. एग्जिट पोल्स में जहां आप को शून्य को सिमटता दिखाया गया है, वहीं कांग्रेस की जबर्दस्त आंधी का अनुमान लगाया गया है. कांग्रेस की आंधी, शून्य पर सिमटती आपअरविंद केजरीवाल की आप ने बड़ी उम्मीदों के साथ राज्य की 90 विधानसभा सीटों में 88 पर चुनाव लड़ा था, लेकिन यहां उसका सूपड़ा साफ होता दिख रहा है. सभी एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी को शून्य पर सिमटता दिखाया गया है. हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर मैट्रिज के सर्वे से लेकर ध्रुव रिसर्च तक किसी भी सर्वे में आम आदमी पार्टी को एक भी सीट मिलती नहीं दिख रही. हरियाणा चुनाव को लेकर मैट्रिज की तरफ से जारी एग्जिट पोल में कांग्रेस को 55 से 62 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं, बीजेपी को 18-24 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं ध्रुव रिसर्च के सर्वे में कांग्रेस को 57 सीटें, बीजेपी को 27 और अन्य को छह सीटें मिलने का अनुमान है. दूसरी तरफ दैनिक भास्कर के एग्जिट पोल्स में कांग्रेस को 44 से 54 सीटों के साथ सरकार बनाते दिखाया गया है. इन सभी एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिलने का अनुमान जताया गया है. Post navigation भाजपा के 10 साल के राज से परेशान जनता ने हरियाणा की किस्मत पहले ही लिख दी है:कुमारी सैलजा हरियाणा में बदलाव की बात या बरकरार रहेगी सरकार?