चंडीगढ़, 01 अक्तूबर।  हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच बाबा राम रहीम की पैरोल को लेकर सिसायत शुरू हो गयी । हरियाणा कांग्रेस ने राम रहीम को पैरोल दिए जाने के खिलाफ चुनाव आयोग को पत्र लिखा है, जिसमें यह कहा गया है कि हरियाणा में मतदान से पहले राम रहीम को पैरोल ना दी जाए, क्योंकि राम रहीम हरियाणा में मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है । इसलिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। 

कांग्रेस के कहना है कि राम रहीम का पिछला इतिहास इस बात का गवाह है कि राम रहीम की हरियाणा में जबरदस्त फॉलोइंग है, वो इसका इस्तेमाल कर सकता है, इसलिए राम रहीम को पैरोल नहीं दी जानी चाहिए । हरियाणा कांग्रेस लीगल सेल के अध्यक्ष केसी भाटिया ने कहा कि उनके पत्र का चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है । बता दें कि, राम रहीम को सशर्त पैरोल के लिए अनुमति दी गई है, अब किसी तरह के भाषण और हरियाणा में उनके आने पर रोक रहेगी । 

वहीं, इस मामले पर हरियाणा निर्वाचन आयोग के नोडल अधिकारी मनीष लोहान का कहना है कि राम रहीम पैरोल मामले को लेकर हरियाणा सरकार की तरफ से पत्र मिला था । चुनाव में आचार संहिता में किसी को पैरोल के नियम हैं । हमने कहा है कि कुछ मुख्य शर्त रहेगी।  हरियाणा में एंट्री नहीं होगी और कोई स्पीच नहीं देंगे, बाकी अंतिम फैसला सरकार को देना है। 

गौरतलब है कि, रेप और मर्डर के केस में 20 साल जेल की सजा काट रहे बाबा राम रहीम ने हाल ही में पैरोल की अर्जी लगाई थी । हालांकि हरियाणा में आगामी 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने की वजह से आचार संहिता लागू है । ऐसे में राम रहीम की 21 दिन के पैरोल की मांग चुनाव आयोग के पास पहुंची, इसमें आयोग ने सरकार से सवाल किया था कि ऐसी क्या इमरजेंसी है जिसकी वजह से राम रहीम को पैरोल दी जाए. अब चुनाव आयोग ने राम रहीम को सशर्त पैरोल के अनुमति दी है, लेकिन इस पर सरकार अंतिम फैसला करेगी। 

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