… जिज्ञासा, कौन महिला गुरुग्राम जिला से विधानसभा में दूसरी विधायक होगी

जिला गुरुग्राम से विधानसभा चुनाव के लिए तीन महिला उम्मीदवार

पटौदी से भाजपा की बिमला चौधरी और कांग्रेस की पर्ल चौधरी प्रत्याशी

बादशाहपुर के पूर्व विधायक राकेश की धर्मपत्नी कुमुदिनी राकेश की चुनौती

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम । हरियाणा में पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने के बाद विधानसभा और लोकसभा में महिला आरक्षण का मामला एक राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है। महिला वर्ग की मांग है कि विधानसभा और लोकसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध करवाया जाए। इस मामले में समय-समय पर कांग्रेस और भाजपा सहित अन्य पॉलिटिकल पार्टियों के द्वारा अपने तरीके से अपनी बात को कहते हुए समर्थन की वकालत भी की जाती आ रही है । लेकिन अमलीजामा कब पहनाया जाएगा ? यह भविष्य के गर्भ में है । सीधा-सीधी बात भी यही है कि पॉलिटिकल पार्टियों ही इस अनुपात में महिला वर्ग को चुनाव के लिए टिकट देने में कंजूसी का परिचय देता आ रही है ।

बहरहाल जिज्ञासा इस बात को लेकर है कि वर्ष 2024 में हरियाणा विधानसभा के अंदर जिला गुरुग्राम से कौन महिला उम्मीदवार महिला विधायक के तौर पर पहुंचने में सफल रहेगी। हरियाणा बनने के करीब 48 वर्ष के बाद पहली बार जिला गुरुग्राम से हरियाणा विधानसभा में विमला चौधरी भाजपा विधायक के रूप में चुनाव जीतकर पहुंची। उनको जिला गुरुग्राम की पहली महिला विधायक होने का गौरव भी प्राप्त हुआ । हालांकि इससे अलग देखा जाए तो गुरुग्राम नगर निगम में पहली बार नगर निगम चुनाव में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और और डिप्टी मेयर के पद पर महिलाएं ही विराजमान हुई। जिला परिषद के अध्यक्ष पद पर भी महिलाओं में शिक्षा यादव , कविता यादव, आशा चौहान विराजमान रही और आज भी दीपाली चौधरी है । नगर परिषद और नगर पालिका की बात की जाए तो जिला गुरुग्राम में अलग-अलग पालिका क्षेत्र में अध्यक्ष अथवा अध्यक्ष पद पर महिलाएं विराजमान रह चुकी है। इसका मुख्य कारण यही है कि शहरी निकाय क्षेत्र में होने वाले चुनाव में रोटेशन के मुताबिक महिला आरक्षण की व्यवस्था को लागू किया गया है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में ऐसी व्यवस्था अभी उपलब्ध नहीं है।

जिला गुरुग्राम की आरक्षित पटौदी विधानसभा सीट पर वर्ष 2024 में मुख्य पॉलीटिकल पार्टी भाजपा के द्वारा 2014 की पूर्व विधायक विमला चौधरी को ही अपना उम्मीदवार बनाया गया है। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के द्वारा पूर्व विधायक स्वर्गीय भूपेंद्र चौधरी की पुत्री सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट पर्ल चौधरी पर भरोसा करते हुए हरियाणा विधानसभा में पहुंचने के लिए भेजा गया है। राजनीतिक पृष्ठभूमि के मुताबिक केंद्र में तीसरी बार भाजपा सरकार में मंत्री बने राव इंद्रजीत सिंह को विमला चौधरी का पॉलिटिकल गॉडफादर कहा जाता है । 2014 की टिकट भी और अब 2024 में भी राव इंद्रजीत के द्वारा ही विमला चौधरी को विधानसभा चुनाव की टिकट दिलवाया जाना ठहराया है । इससे अलग प्रदेश कांग्रेस एससी सेल की प्रदेश महासचिव सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट श्रीमती पर्ल चौधरी अपने स्वर्गीय पूर्व विधायक भूपेंद्र चौधरी की राजनीतिक विरासत को लेकर पटौदी के चुनावी मैदान में पहुंची है। पटौदी क्षेत्र से ही विधायक का चुनाव जीतने वाले उनके मामा स्वर्गीय शिवलाल भी पटौदी विधानसभा क्षेत्र से ही विधायक का रूप में पटौदी क्षेत्र की सेवा कर चुके हैं।

2024 में जिला गुरुग्राम से ही विधायक बनने के लिए चुनावी मैदान में मौजूद पूर्व विधायक स्वर्गीय राकेश दौलताबाद की धर्मपत्नी कुमुदिनी राकेश दौलताबाद अपने पति की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अन्य दावेदारों को चुनौती दे रही है। हरियाणा बनने के बाद 2024 के चुनाव तक राजनीतिक पार्टियों के द्वारा विधानसभा चुनाव में महिला उम्मीदवारों को टिकट देने में या भरोसा किया जाने में कंजूसी ही देखने के लिए मिल रही है । यह पहला मौका है जब पटौदी विधानसभा सीट पर दो राष्ट्रीय पार्टियों के द्वारा महिला उम्मीदवारों पर भरोसा कर जनता जनार्दन के बीच भेजा गया है। पॉलिटिकल पार्टियों के अतिरिक्त महिलाओं के द्वारा आजाद उम्मीदवार के तौर पर भी या फिर कुछ स्थानीय पार्टियों के द्वारा भी महिला उम्मीदवारों पर भरोसा करते हुए चुनाव मैदान में भेजा गया। अब जिज्ञासा इसी बात को लेकर है कि 5 अक्टूबर को मतदान होने के बाद 8 अक्टूबर को विमला चौधरी, पर्ल चौधरी या फिर कुमुदिनी राकेश दौलताबाद में से कौन जिला गुरुग्राम की दूसरी महिला विधायक के रूप में हरियाणा विधानसभा में पहुंचने में सफल रहेगी।

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