क्या अमित शाह की रैली राव नरबीर को ला पाएगी मुकाबले में ?

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। बादशाहपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी राव नरबीर सिंह टिकट तो धमकी देकर ले आए किंतु स्थानीय भाजपाईयों को अपने पक्ष में न कर पाए। ऐसी स्थिति में आरंभ से यह चर्चाएं चलती रहीं कि राव नरबीर सिंह जीत पाएंगे?

राव नरबीर सिंह की सभाओं में भी भाजपा पदाधिकारियों की कमी लगातार महसूस की जाती रही है। दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी वर्धन यादव को टिकट मिलने के पश्चात उनके ससुर जोकि पंजाबी हैं, उनके पक्ष में निरंतर प्रचार कर रहे हैं। इससे राव नरबीर सिंह के मनोहर लाल खट्टर के मित्र होने के ब्यानों पर भी धक्का लगा।

राव नरबीर सिंह अपनी हर सभा में अपने ब्यानों में यह कहते रहे हैं कि मनोहर लाल खट्टर से मेरे बड़े अच्छे संबंध थे और वह मेरी हर बात मानते थे तथा मेरे कार्यकाल में बादशाहपुर विधानसभा में विकास की गंगा बही थी तो इसके उत्तर में जो लोगों में चर्चा है, वह यह है कि यदि मनोहर लाल खट्टर के राव नरबीर सिंह इतने ही प्रिय थे तो 2019 में उन्हें टिकट क्यों नहीं मिली?
दूसरे विकास की गंगा का उत्तर यह मिलता है कि बादशाहपुर से ही स्व. विधायक राकेश दौलताबाद की पत्नी सोशल मीडिया पर चैलेंज कर रही हैं कि राव नरबीर सिंह सार्वजनिक मंच पर मेरे से चर्चा करें कि किसके काल में कितना अधिक विकास हुआ है। मिस्टर राव नरबीर की ओर से कोई उत्तर आया नहीं या फिर राव नरबीर के समर्थकों और राव नरबीर ने सोशल मीडिया पर उनकी चुनौती देखी न हो।

2019 के चुनावों में राकेश दौलताबाद की जीत का कारण चर्चाओं में यह बताया जा रहा है कि कांग्रेस प्रत्याशी भी कांग्रेस के मनोरूप नहीं था और भाजपा से राव नरबीर टिकट मांग रहे थे, उन्हें मिला नहीं था। ऐसी स्थिति में असंतुष्ट कांग्रेसी और भाजपाईयों ने राकेश दौलताबाद को वोट दिए थे और उन्हें विजयश्री प्राप्त हुई थी। संभव है कि इस दफा भी कुछ ऐसा ही चल रहा हो लेकिन अभी स्पष्ट तौर पर ऐसा कहा नहीं जा सकता।

भाजपा की बात करें तो इस समय भाजपा बैकफुट पर है। इनके मुख्यमंत्री नायब सैनी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वर्तमान में राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़, स्वास्थ मंत्री कमल गुप्ता आदि अनेक दिग्गज अपनी सीटों के लिए जूझ रहे हैं। ऐसी स्थिति में यह भी देखा जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी, योगी आदित्यनाथ, नितिन गडक़री, राजनाथ सिंह आदि अनेक दिग्गज और राष्ट्रीय मंत्री प्रचार में आ रहे हैं परंतु हरियाणा की जनता में चर्चा है कि जब चुनाव हरियाणा के हो रहे हैं तो हरियाणा के नेता हरियाणा की जनता का सामना नहीं कर पा रहे। ऐसे में बाहरी नेता आकर क्या हरियाणा की जनता को बरगलाना चाहते हैं। अब कल राव नरबीर के पक्ष में आ रहे गृह मंत्री अमित शाह का जादू चलता है या नहीं? यह देखना होगा।

Previous post

उद्योगों को गति देने के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र में कई योजनाएं: अशोक बुवानीवाला

Next post

हरियाणा में सरकार नाम की कोई चीज नहीं, अपराधियों से डरकर पलायन कर रहे व्यापारी, कारोबारी – दीपेंद्र हुड्डा

Post Comment

You May Have Missed

error: Content is protected !!