डॉ. आंबेडकर की जयंती पर सामाजिक समरसता को ठेस, सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल

गुरुग्राम, 15 अप्रैल 2025: वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री श्रीमती पर्ल चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हिसार रैली में दिए गए बयान की तीव्र आलोचना करते हुए इसे “विकास से ध्यान भटकाने की राजनीति” करार दिया है। उन्होंने कहा कि जिस दिन देशभर में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती श्रद्धा और गरिमा के साथ मनाई जा रही थी, उसी दिन प्रधानमंत्री द्वारा “पंचर” जैसे शब्दों का प्रयोग न केवल असंवेदनशील था, बल्कि एक समुदाय विशेष पर तंज और गहरे पूर्वाग्रह का संकेत भी था।
पर्ल चौधरी ने कहा, “जब देश का प्रधानमंत्री इस तरह की भाषा का प्रयोग करता है, तो यह केवल पद की गरिमा को ठेस नहीं पहुंचाता, बल्कि सामाजिक समरसता की जड़ों को भी कमजोर करता है। नफरत फैलाने वाले बयान विकास के असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश हैं।”
उन्होंने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री ने संसद में संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करना भी जरूरी नहीं समझा, जबकि चुनावों के दौरान वे उनके बनाये संविधान की दुहाई देने से नहीं चूकते थे
पटौदी विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने बिनोला में इंडियन नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी थी, लेकिन आज तक यह परियोजना अधूरी है। इंडियन नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी एक्ट 2015 को अब तक पारित नहीं किया गया है। उन्होंने पूछा – “पटौदी हल्के के विकास के पहिए को कौन पंचर कर रहा है?”
उन्होंने गुड़गांव जिले की उपेक्षा की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, “देश को सबसे अधिक टैक्स देने वाला जिला पिछले 11 वर्षों में एक नया सिविल अस्पताल तक नहीं देख सका। पुराना अस्पताल आज एक पार्किंग स्थल बनकर रह गया है। यह सीधे तौर पर गुड़गांव के नागरिकों के स्वास्थ्य व्यवस्था को पंक्चर करने जैसा है- कौन है इसके लिए जिम्मेदार ?”
महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर उन्होंने कहा कि “2023 में नारी शक्ति वंदन अधिनियम को नई संसद में बड़े गर्व से पारित किया गया था, लेकिन आज तक इसे लागू करने की तिथि भी घोषित नहीं की गई। क्या आधी आबादी के अधिकारों को लागू करने में यह सरकार गंभीर है?” आख़िर कौन है जो हमारे बहन बेटियों के विकास के पहिए के पंक्चर को ठीक नहीं होने दे रहा ?
बाबा रामदेव के “शरबत जिहाद” वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पर्ल चौधरी ने कहा कि, “रूहअफ़ज़ा जैसे पारंपरिक पेय पर साम्प्रदायिक रंग चढ़ाकर सामाजिक सौहार्द्र पर चोट की जा रही है। ऐसे प्रयास समाज के ताने-बाने को नुकसान पहुंचाते हैं और यही असली ‘विकास का पंचर’ है।”
उन्होंने तीखा व्यंग्य करते हुए कहा, “चाहे आम नागरिक की 1100cc इंजन वाली मारुति डिज़ायर हो या प्रधानमंत्री का 115,300 पाउंड थ्रस्ट देने वाला विमान – दोनों को चलने के लिए एक मजबूत और समरसता वाली सड़क की आवश्यकता होती है। यही बात समाज और राष्ट्र पर भी लागू होती है।”
उन्होंने दो टूक कहा कि “विकास की असली सड़क तब बनती है जब उसमें समावेशिता, समानता और न्याय का कोलतार हो। लेकिन जब नेतृत्व खुद समाज को जाति, धर्म और भाषा के नाम पर बांटने का कार्य करे, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है।”
उन्होंने जनता से आह्वान किया कि अब समय आ गया है कि “देश को ऐसा नेतृत्व मिले जो ‘पंचर गिनाने’ की बजाय उन्हें ठीक करने का माद्दा रखता हो। ऐसा नेतृत्व जो समाज को जोड़ने का काम करे, न कि तोड़ने का।”
अंत में उन्होंने बाबा साहेब के सपनों की याद दिलाते हुए कहा, “समता, सामाजिक न्याय और समान अवसर की भावना ही इस देश को आगे ले जा सकती है। हमें मिलकर ऐसी मजबूत सड़क बनानी होगी, जिस पर देश का विकास बिना किसी भेदभाव के आगे बढ़ सके। यही बाबा साहेब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”