दक्षिणी क्षेत्र में चौधर लाने के लिए राम-इन्द्र की जोड़ी ने झोंकी ताकत, पहले दोनों के बीच थी दूरियां

2014 में भाजपा ने दोनों को किया था सीएम के तौर पर किया था प्रचारित, पहली बार अपने बलबूते पर बनी थी बीजेपी सरकार

अशोक कुमार कौशिक 

नारनौल। दक्षिणी हरियाणा में चौधर लाने के लिए दो धुरंधरों की जोड़ी ने ताकत झोंक दी है। सार्वजनिक मंचों से भी दक्षिणी हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाने के लिए दावेदारी जता चुके यह दोनों कद्दावर नेता अब एक-दूसरे की तारीफों के जमकर कसीदे पढ़ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और भाजपा के भीष्म पितामह कहे जाने वाले प्रो. रामबिलास शर्मा दक्षिणी हरियाणा के मजबूत स्तंभ माने जाते हैं। भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में दोनों को बतौर मुख्यमंत्री प्रचारित किया गया था लेकिन ताजपोशी खट्टर की कर दी गई।

गत विधानसभा चुनावों तक दोनों एक-दूसरे के कार्यक्रमों में लगने वाले पोस्टरों तक से गायब रहते थे, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव से इनमें नजदीकियां बढ़ गई हैं। ‘राम इन्द्र’ की जोड़ी अब खुले मंच से एक दूसरे को लेकर कसीदे पढ़ रहे हैं। राव इंद्रजीत सिंह कभी प्रो. रामबिलास शर्मा की तारीफ करते दिखाई देते हैं, तो रामबिलास शर्मा भी कार्यकर्ताओं की बैठक में राव इंद्रजीत की जय-जयकार लगा चुके हैं।

हरियाणा की 11 सीटों पर दोनों का है प्रभाव

राम और राव दक्षिणी हरियाणा की राजनीति में धुरंधर माने जाते हैं। दोनों का दक्षिणी हरियाणा की करीब 11 विधानसभा सीटों पर प्रभाव है। हालांकि पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश में भाजपा को पौधे से वटवृक्ष बनाने वाले प्रो. रामबिलास शर्मा को महेंद्रगढ़ सीट से टिकट न देकर ठिकाने लगा दिया। रामबिलास को टिकट दिलाने के लिए केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने पार्टी पर खूब दबाव बनाया था।

आरती को जिताने के लिए दोनों सांझा कर रहे मंच

अटेली विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरीं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को जिताने के लिए प्रो. शर्मा व राव दोनों खूब मंच साझा कर रहे हैं। दोनों के प्रभाव के कारण तीन निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी नामांकन वापस ले लिया है। कांग्रेस से बागी एक निर्दलीय एडवोकेट हेमंत शर्मा ने आरती के समर्थन की घोषणा भी की और भाजपा की सदस्यता ले ली। लेकिन, दो ने पत्ते नहीं खोले है। हालांकि, अंदर खाते से कमल खिलाने में मदद का भी आश्वासन दिया है। अटेली सीट पर राव इंद्रजीत सिंह का सारा जोर अपनी पुत्री को जिताने में लगा है।

केंद्रीय मंत्री कर चुके हैं हरियाणा में चौधर का दावा

राव इंद्रजीत सिंह कई बार सार्वजनिक मंचों से मुख्यमंत्री की दावेदारी जता चुके हैं। लोकसभा चुनावों में भी उन्होंने कहा था कि हरियाणा में सरकार बनाने का रास्ता दक्षिणी हरियाणा से जाता है। बीते दिनों एक कार्यक्रम में राव राजा ने कहा था 12 साल में तो कुरड़ी का भी समय आ जाता है। उनका इशारा इस बार उन्हें मौका मिलने से था।

नांगल चौधरी में दोनों का रुख भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ

नांगल चौधरी विधानसभा पर भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर अभय सिंह के खिलाफ दोनों की नाराजगी। राव राजा इंद्रजीत सिंह ने यद्यपि खुलकर उनके खिलाफ कुछ नहीं बोला लेकिन उनके समर्थक डॉ अभय सिंह को हराने में पूरा जोर लगा रहे हैं। राव राजा के बारे में सरल विधि है कि वह अपने विरोधी को निपटाने में पूरी ताकत लगा देते हैं। इसी रणनीति के तहत अटेली विधानसभा से बौचड़िया निवासी ओम प्रकाश इंजीनियर निर्दलीय के रूप में अटेली विधानसभा से अपना नामांकन वापस लिया और वह अंदरुनी रूप से आरती राव का समर्थन कर रहे हैं। वही ओम प्रकाश इंजीनियर नांगल चौधरी से उन्होंने जजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। पंडित रामबिलास शर्मा ने गत दिवस नारनौल में ओमप्रकाश इंजीनियर को आशीर्वाद देकर मतदाताओं को संकेत दे दिया कि वह डॉक्टर अभय सिंह के खिलाफ है।

महेंद्रगढ़ में राव राजा का अभी मौन, पंडित जी नाराज

महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट पर राव इंद्रजीत सिंह अभी चुप्पी की साधे हैं पंडित रामबिलास शर्मा महेंद्रगढ़ की बजाय अटेली व नारनौल पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। दोनों नेताओं की रणनीति महेंद्रगढ़ में भाजपा प्रत्याशी के लिए हार जीत का निर्णय करेगी।

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