पिछले पाँच साल में गुरुग्राम में किसान आंदोलन हुआ, मज़दूर आंदोलन हुआ, आंगनवाड़ी वर्करों आंदोलन हुआ, आशा वर्कर आंदोलन हुआ, सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन हुआ, कर्मचारी आंदोलन हुआ, मकानों के नाजायज तोड़फोड़ के ख़िलाफ़ आंदोलन हुआ तथा जनहित के अन्य मुद्दों पर आंदोलन हुए, लेकिन कांग्रेस पार्टी के घोषित उम्मीदवार वर्धन यादव किसी भी आंदोलन में शामिल नहीं हुए। 2019 के विधानसभा चुनाव में भी वह कांग्रेस पार्टी के किसी भी प्लैटफ़ॉर्म पर नज़र नहीं आए थे।

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से वर्धन यादव का नाम आते ही क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है चर्चाओं का मुख्य केंद्र यह रहा है की यह सीट कांग्रेस ने भाजपा को परोस कर दे दी है अधिक कुछ हम ना कहते हुए आपको विगत दो चुनावों के बादशाहपुर का विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं आप देखकर निर्णय कीजिए की क्या यह वर्तमान स्थिति में कांग्रेस का भाजपा के सम्मुख आत्म समर्पण तो नहीं ।

आज के दिन हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर है और कांग्रेस पार्टी का टिकट मिलते ही कार्यकर्ताओं में उत्साह होना चाहिए था लेकिन जैसे ही कांग्रेस पार्टी ने बादशाहपुर से टिकट घोषित की है, पूरे बादशाहपुर क्षेत्र में सन्नाटा सा पसर गया है और ऐसा लगता है कि अब की बार भी 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों के तथ्यात्मक आंकड़ों के अनुसार 2024 में भी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राव नरबीर सिंह का मुक़ाबला अन्य समाज के उम्मीदवार के साथ होने की संभावना है तथा कांग्रेस पार्टी का हाल 2014 वे 2019 के विधानसभा नतीजों के अनुसार होने की संभावना है।

बादशाहपुर विधानसभा के तथ्यात्मक आंकड़े

2014 विधानसभा चुनावों में भाजपा के यादव समाज के राव नरबीर सिंह (यादव) को 86672 वोट (39.82%)
कांग्रेस के यादव समाज के विरेन्द्र सिंह यादव (यादव) को 10989 वोट (5.05%) तथा आईएनएलडी के उम्मीदवार राकेश दौलताबाद को 68540 वोट (31.49%) मिले।भाजपा के यादव समाज के राव नरबीर सिंह यादव (यादव) 18132 वोट से जीत गए।आईएनएलडी के राकेश दौलताबाद 68540 वोट के साथ सैकेंड आए तथा कांग्रेस के यादव समाज के विरेन्द्र सिंह यादव (यादव) को केवल(5.05%) वोट मिले और ज़मानत ज़ब्त हो गई।

2019 विधानसभा चुनावों में भाजपा के यादव समाज के मनीष यादव को 96641 वोट(42.58%), कांग्रेस के यादव समाज के कमल बीर सिंह (यादव) को 10610 वोट (4.67%) तथा निर्दलीय उम्मीदवार राकेश दौलताबाद को 106827 वोट(47.06%) मिले। राकेश दौलताबाद 10186 वोट से जीते। यादव समाज के भाजपा के मनीष यादव 96641 वोट के साथ सैकिण्ड आए। कांग्रेस के यादव समाज के कमल बीर यादव को केवल (4.67%) वोट मिले और ज़मानत ज़ब्त हो गई।

2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में बादशाहपुर विधानसभा के तथ्यात्मक आंकड़े के अनुसार यादव समाज का वोट बैंक भाजपा को जाता है तथा उसका मुक़ाबला अन्य समाज के उम्मीदवार से होता है। भारतीय जनता पार्टी ने बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से पहले ही यादव समाज के राव नरबीर सिंह, जो कि हरियाणा में तीन बार कैबिनेट मिनिस्टर रहे है, को उम्मीदवार बनाया है और जिनका यादव समाज में पूरा प्रभाव है और यादव समाज ज़्यादातर राव नरबीर सिंह को व भारतीय जनता पार्टी को वोट देगा। ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने अन्य सामाजिक व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए था ताकि वो भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राव नरबीर सिंह को टक्कर देता लेकिन कांग्रेस पार्टी ने बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से यादव समाज के ही वर्धन यादव को उम्मीदवार घोषित किया है जो कभी भी जनता के बीच सक्रिय नहीं रहा है।

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