लिस्ट के जारी होते ही हरियाणा भाजपा में भगदड़ मची, दलबदलूओं को टिकट देने से पुराने नेता नाराज, रणजीत चौटाला ने समर्थकों की बैठक बुलाई

रणजीत चौटाला सहित दो मंत्रियों के टिकट कटे, खट्टर की खुब चली

बाबा राम रहीम को परौल देने वाले सुनील सांगवान को टिकट मिला, बबीता फोगाट व योगेश्वर दत्त को झटका

11 जाट, 8 पंजाबी, 9 ब्राह्मण, 5 बनिया, 12 जाट, 5 गुर्जर, 5 यादव, 2 बिश्नोई उम्मीदवार घोषित, ओबीसी पर फोकस 

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने बीते कल शाम 67 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट के जारी होते ही हरियाणा भाजपा में भगदड़ मच गई है। हरियाणा के सियासी गलियारों में दल बदल की नीति जोरों पर हैं, जिसको जहां फायदा मिलता दिख रहा है वहीं का रुख करते नजर आ रहे हैं।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर पार्टी के उपाध्यक्ष और कई पूर्व विधायकों ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। पूर्व मंत्री करण देव कंबोज ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। नमें से कुछ के विपक्षी कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा है। सोनीपत से कविता जैन के भी बगावत पर उतरने की खबर है। रणजीत सिंह चौटाला ने टिकट में मिलने पर अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाई है, सूत्रों का कहना है कि वह भी भाजपा को छोड़ सकते हैं।

प्रदेश भर में चहूंओर से इस्तीफों व बगावत की खबरें आ रही है।

अब तक जिन लोगों ने इस्तीफे दिए हैं। उनमें भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक सुखविंदर सिंह श्योराण भी शामिल हैं। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और फेसबुक पर ‘अलविदा भाजपा’ लिखकर इसका सार्वजनिक तौर पर ऐलान कर दिया है। वह बाढ़डा सीट से टिकट के दावेदार थे लेकिन पार्टी ने यहां से उमेद पातूवास को टिकट दिया है। सुखविन्दर ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहल बड़ौली को पत्र लिखकर कहा है कि वह पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। उनके अलावा उकलाना से भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सीमा गैबीपुर ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। रतिया से बीजेपी विधायक लक्ष्मण नापा ने बीजेपी को अलविदा कह दिया और बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। रानियां ,महम, रेवाड़ी, गुरुग्राम, बाढ़ड़ा, उकलाना, सफीदों, पृथला व अटेली से नाराजगी की खबरें मिल रही है। नारनौल में सभी समर्पित कार्यकर्ताओं ने स्थानीय व संगठन के व्यक्ति को टिकट देने के लिए प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखा है।

भाजपा किसान मोर्चा चरखी दादरी के जिलाध्यक्ष विकास उर्फ भल्ले चेयरमैन ने भी इस्तीफा दे दिया है। महम से भाजपा की टिकट के दावेदार शमशेर सिंह खरकड़ा के भी पार्टी छोड़ने की चर्चा है। हिसार जिले के उकलाना से टिकट के दावेदार शमशेर गिल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वहीं गुरुग्राम से दो दावेदारों जीएल शर्मा और नवीन गोयल ने भी पार्टी के खिलाफ बगावत करते हुए अपने समर्थक कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। चर्चा है कि हरियाणा भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा कांग्रेस में जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब भाजपा सरकार में बिना खर्ची-पर्ची के नौकरियां दी जा रही हैं, तो टिकट देने में यह पैमाना क्यों नहीं अपनाया गया। शर्मा ने कहा कि वह अगले दो दिनों में आगामी रणनीति पर फैसला करेंगे। इधर अटेली सीट को लेकर अपने कार्यकर्ताओं की मीटिंग ले चुकी संतोष यादव भी कुछ नया करने चक्कर में है। सोनीपत से भाजपा युवा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं विधानसभा चुनाव प्रभारी अमित जैन ने भाजपा छोड़ी इसके साथ भाजपा पूर्वांचल प्रकोष्ठ प्रदेश सह-संयोजक संजय ठेकेदार ने भी पार्टी छोड़ी है। मांगेराम बिश्नोई  ने भाजपा को अलविदा कह दिया। 

हिसार भाजपा उपाध्यक्ष तरूण जैन ने बुलाई समर्थकों की बैठक

वहीं, हिसार में भाजपा के मौजूदा विधायक और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता की खुले तौर पर आलोचना करने वाले और दोबारा टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़ने की घोषणा करने वाले भाजपा नेता तरूण जैन ने बगावत कर दी है। उन्होंने सुबह 10 बजे अपने आवास पर समर्थकों की बैठक बुलाई है।

इस बैठक में वह समर्थकों से राय शुमारी कर पार्टी छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं। तरूण जैन खुद को टिकट की दौड़ में बता रहे थे। हालांकि, टिकट के लिस्ट में उनका नाम पहले दिन से ही पैनल में नहीं था। सावित्री जिंदल और मंत्री डॉ. कमल गुप्ता में से एक को ही टिकट दिया जा सकता था। पार्टी ने पुराने नेता डॉ. कमल गुप्ता पर विश्वास जताया।

सत्ता विरोधी लहर के बावजूद कई मौजूदा मंत्रियों-विधायकों को टिकट

भाजपा की 67 उम्मीदवारों की पहली सूची में पार्टी ने कई सीटिंग विधायकों और हारे हुए विधायकों का टिकट काट दिया है, जो अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सक्रिय नजर आ रहे थे। हालांकि, ऐसे कई मौजूदा मंत्रियों और विधायकों को टिकट दिया गया है, जिनके खिलाफ उनके क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर हावी है। सर्वे रिपोर्ट में इन मंत्रियों और विधायकों की काफी खराब हालत बताई गई थी, बावजूद इसके वे लोग टिकट पाने में कामयाब रहे। पार्टी ने दो बार चुनाव हार चुके उम्मीदवारों पर दांव नहीं खेला और 40 सीटों पर उम्मीदवार बदल दिए हैं। सूची में आठ मंत्रियों, नौ विधायकों, पांच पूर्व मंत्रियों के नाम हैं, जबकि तीन मंत्रियों, पांच विधायकों और चार पूर्व मंत्रियों के टिकट काट दिए गए हैं। बबीता फोगाट तथा योगेश्वर दत्त की टिकट काट दी गई है। वहीं पूर्व सांसद अरविंद शर्मा और कृष्ण लाल पंवार पर फिर विश्वास जाता है

भाजपा ने दो मंत्रियों को रखा होल्ड पर

दो मंत्रियों सीमा त्रिखा, डॉ. बनवारी लाल और पूर्व मंत्री ओम प्रकाश यादव की सीट होल्ड पर रख दी है।भाजपा ने जिन तीन मंत्रियों के टिकट काटे हैं, उनमें बिजली एवं जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला, खेल एवं वन राज्य मंत्री संजय सिंह और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री विशंभर वाल्मीकि शामिल हैं।

रणजीत चौटाला रानियां से निर्दलीय चुनाव जीते थे, लेकिन वह बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। महिला कोच द्वारा यौन शोषण के आरोपों से विवादित चल रहे पूर्व खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह को भी इस बार टिकट नहीं मिला है।

दल-बदलुओं को टिकट देने से पुराने नेता नाराज

भाजपा की लिस्ट जारी होने के बाद कई जिलों में पार्टी के पुराने नेता नाराज हैं। इनमें पूर्व मंत्री और विधायक भी शामिल हैं। पार्टी ने कई दल-बदलुओं को उम्मीदवार घोषित किया है, जो पार्टी के कर्मठ नेताओं को रास नहीं आ रहा है। सियासी जानकारों की मानें तो अगले दो दिनों में एक दर्जन से अधिक नेता पार्टी के खिलाफ बगावत पर उतर सकते हैं। भाजपा ने ऐसे कई दल-बदलुओं को टिकट दिए हैं, जो कांग्रेस और जजपा छोड़कर पार्टी में शामिल हुए थे।

भूतपूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती और सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को तोशाम से टिकट दिया गया है। पूर्व मंत्री अनूप धानक को उकलाना, पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली को टोहाना और रामकुमार गौतम को सफीदों से टिकट दिया गया है। हिसार से टिकट की दावेदारी जता रहे जिंदल परिवार को भी झटका लगा है। यहां से मौजूदा विधायक और सैनी सरकार में मंत्री कमल गुप्ता को फिर से टिकट मिला है। संजय कबलाना और पूर्व जेल अधीक्षक सुनील सांगवान को भी टिकट दिया गया है।

इसमें केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव और हरियाणा के पूर्व सीएम भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई का नाम भी शामिल है। बीजेपी ने अहीरवाल समाज के बड़े नेता माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को महेंद्रगढ़ जिले की अटेली विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, भव्य बिश्नोई को आदमपुर विधानसभ सीट से टिकट दिया गया है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अटेली से मौजूदा विधायक सीताराम का टिकट काट दिया और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव पर भरोसा जाताया है। ऐसा माना जाता है कि आरती राव की राजनीति में सक्रिय तौर से एंट्री कराने के लिए राव इंद्रजीत सिंह ने पिछले चुनावों में भी प्रयास किया था लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया था।

11जाट, 9 ब्राह्मण 8 महिला उम्मीदवार लिस्ट में जातीय समीकरण का ध्यान

राज्य में तीसरी बार सत्ता में आने के लिए भारतीय जनता पार्टी की लिस्ट में जातीय समीकरण दिखा। वोट बैंक के अनुसार, पार्टी ने टिकट का बंटवारा किया। जबकि रिजर्व सीटों पर चमार, वाल्मीकि और धानक जातियों को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है। इसके साथ ही राजपूत, सैनी, कुम्हार, रोड़, बाजीगर को भी पहली लिस्ट में जगह मिली है। भाजपा ने अपने 9 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है।

पंजाबियों का भी रखा गया ध्यान

भाजपा ने उम्मीदवारों की लिस्ट में जातीय समीकरण को साधने का पूरा प्रयास किया। पार्टी ने 67 उम्मीदवारों में से 8 महिलाओं को टिकट दिया। साथ ही जहां जाट और ओबीसी के 11-11 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे गए तो वहीं, पंजाबी और ब्राह्मण के 9-9 उम्मीदवारों को टिकट मिला है। वैश्य समुदाय के 5 प्रत्याशियों को मिला टिकट

बीजेपी ने वैश्य समुदाय से 5 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, राजपूत और बिश्नोई समाज से 2-2 उम्मीदवारों को टिकट मिला है। पार्टी का मकसद तीसरी बार हरियाणा की सत्ता में आना है। पार्टी ने जाति समीकरण के जरिए हर वर्ग के वोटरों की साधने की कोशिश है।

किस जाति के कितने उम्मीदवार

ओबीसी – 11 उम्मीदवार, जाट – 11 उम्मीदवार, ब्राह्मण – 9 उम्मीदवार, पंजाबी – 9 उम्मीदवार, महिला- 8 उम्मीदवार वैश्य – 5 उम्मीदवार, राजपूत – 2 उम्मीदवार, बिश्नोई – 2 उम्मीदवार

टिकटों में खट्टर की खूब चली

हरियाणा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का जलवा दिखा है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ना चाहते हुए भी जननायक जनता पार्टी से आए नेताओं को टिकट दिया गया है। देवेन्द्र बबली को गोहाना, रामकुमार गौतम को सफीदों, पवन कुमार को खरखौदा, संजय काबलाना को बेरी से और पूर्व मंत्री अनूप धानक को उकलाना से उम्मीदवार बनाया गया है। बता दें कि जजपा नेताओं से आए नेताओं को टिकट देने की पैरवी खट्टर ने ही की थी।

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