परिणाम घोषित होने के बाद एक माह में देना होगा खर्च का विवरण हलका व जिलास्तर पर बनाई एक्सपेंडिचर मॉनिटरिंग कमेटी गुरूग्राम, 28 अगस्त। विधानसभा चुनाव के दौरान जिला के चार विधानसभा क्षेत्रों से जो भी उम्मीदवार होंगे, उनको चुनाव परिणाम आने के बाद एक माह में अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में जमा करवाना होगा। भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार तय समयावधि में चुनावी खर्च का ब्यौरा न देने वाले उम्मीदवारों को भविष्य में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है। डीसी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी निशांत कुमार यादव ने बताया कि इस बार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार के लिए चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा 40 लाख रुपये निर्धारित की गई है। आयोग के नियम अनुसार उम्मीदवार द्वारा नामांकन पत्र भरने के साथ ही चुनावी खर्च की गणना शुरू हो जाती है। इसके लिए उम्मीदवार को अलग से एक रजिस्टर में अपने रोजाना के चुनावी खर्च का हिसाब रखना होता है। हर उम्मीदवार को चुनाव के लिए अलग से बैंक खाता खुलवाना होगा। उन्होंने बताया कि चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक खर्च की गणना की जाती है। इस दौरान कोई भी उम्मीदवार तय सीमा से अधिक रकम खर्च नहीं कर सकता है। डीसी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार उम्मीदवार या राजनीतिक दलों द्वारा दस हजार रुपये से अधिक का चुनाव व्यय उम्मीदवार के बैंक खाते से चेक, ड्राक्रट, आरटीजीएस, एनईएफटी या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक मोड में किया जाएगा। जैसे ही विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होंगे, उस तिथि से एक माह के भीतर उम्मीदवारों को अपने चुनाव खर्च का ब्यौरा देना अनिवार्य है। चुनाव खर्च का हिसाब रखने के लिए विधानसभा क्षेत्र व जिला स्तर पर एक्सपेंडिचर मॉनिटरिंग कमेटियां गठित की गई हैं। जो कि अपने स्तर पर प्रत्येक उम्मीदवार के चुनाव खर्च का हिसाब रखेंगी। चुनाव के बाद मॉनिटरिंग कमेटी के खर्च रजिस्टर और उम्मीदवार के खर्च रजिस्टर का मिलान किया जाएगा। इसमें जो भी व्यय अधिक होगा, उसे अंतिम खर्च माना जाएगा। डीसी ने बताया कि निर्वाचन विभाग ने टेंट, होर्डिंग, चाय, जलपान, भोजन, कुर्सी, झंडे, माइक सिस्टम, वाहन आदि सभी मदों के रेट निर्धारित कर दिए हैं। जिनकी सूची उम्मीदवार को भी नामांकन के समय दी जाएगी। Post navigation डीसी ने निशांत कुमार यादव ने अधिकारियों से आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा … बताओ धन धन का टोटा है या फिर काम करने का मन नहीं !