… बताओ धन धन का टोटा है या फिर काम करने का मन नहीं !

सीवर का ढक्कन नहीं मिला तो कूड़ा उठाने की रेहडी से ही ढका

बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र के फरुखनगर पालिका इलाके में सड़क का हाल

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम । विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। गुरुग्राम जिला के बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के दावेदार सक्रिय होकर ऐतिहासिक शहर फरुखनगर तक दौड़ लगा रहे हैं। दावा भी किया जा रहा है  चहुंमुखी विकास करवाया जाएगा। किसी प्रकार की समस्याएं नहीं होगी, विपक्ष से अधिक इस प्रकार के दावे सत्ता पक्ष के नेताओं और भाजपा के टिकट के दावेदार नेताओं के द्वारा किए जा रहे हैं । चुनाव जीतना है तो दावे भी किए जाएंगे और करने भी चाहिए।

डबल इंजन की सरकार केंद्र से लेकर हरियाणा तक मौजूद है । हरियाणा सरकार द्वारा भी दावा किया जा रहा है,, न तो पैसे की कमी है और नहीं विकास कार्यों में कोई कमी छोड़ी जा रही है । लेकिन ऐतिहासिक शहर फरुखनगर  में सड़क मार्ग पर बिना ढक्कन का सीवर हॉल इस प्रकार के दावों  पर सवाल के गोले दाग रहा है। शायद यह सीवर होल जो की खुले हालत में बेहद खतरनाक और जानलेवा बना रहेगा। उसका सवाल यही है कि ईमानदारी से बताया जाए धन का टोटा  है या फिर काम करने की नियत नहीं है।

व्यस्त सड़क मार्ग के बीचो-बीच बिना ढक्कन के सीवर हॉल को किसी दूरदर्शी व्यक्ति अथवा सरकारी कर्मचारी कहे या कोई समाजसेवी कहा जाए । उसने इस सीवर हॉल पर कूड़ा उठ कर ले जाने वाली हाथ रेहडी को उल्टा पटक कर ढक दिया। इसका लाभ सबसे अधिक रात के समय विशेष रूप से दो पहिया पर आवागमन करने वालों को होने के साथ राहत भी मिल रही है । इस बात से भी इनकार नहीं यदि यह कूड़ा उठाने अथवा ले जाने वाली हाथ रेहडी यहां पर नहीं रखी जाती तो अभी तक किसी ने किसी दुर्घटना या फिर हद से की खबर भी सुर्खियां बन चुकी होती। यदि धन की कमी नहीं है तो फिर अभी तक यहां पर सीवर हॉल का ढक्कन लाकर लग जाना चाहिए था। या फिर ढक्कन नहीं लगाया गया है तो निश्चित रूप से काम करने की नियत नहीं है। इन दोनों बातों से अलग यदि इस सीवर हॉल पर सीवर का ढक्कन लगा दिया गया है तो यह निश्चित रूप से खतरा भी टल चुका है।

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