हरियाणा भाजपा में सिर फुटव्वल, राव इंद्रजीत, राव नरबीर के बगावती तेवरों के बाद रणजीत चौटाला व हिसार सीट पर टकराव 

रणजीत सिंह चौटाला ने कहा वह चुनाव जरूर लड़ेंगे, जीतेंगे भी बीजेपी अपना देख ले

बादशाहपुर, रानियां के बाद हिसार सीट आपसी टकराव 

रेवाड़ी में कार्यकर्ताओं की मीटिंग के बीच विधायक और कार्यकर्ताओं कहासुनी, विधायक ने उंगली मरोड़ी

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा विधानसभा चुनाव की घोषणा के बीच भाजपा में एक के बाद एक धमाके हो रहे हैं। अभी कल रानियां से पूर्व विधायक एवं सरकार में बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला के बगावती तेवरों के बाद हिसार विधानसभा सीट पर राज्य सरकार में मंत्री डॉक्टर कमल गुप्ता वह कुरुक्षेत्र सांसद नवीन जिंदल की मां पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल के बीच आपसी रार खुलकर सामने आ गई है। 

हिसार सीट पर मंत्री कमल गुप्ता अपनी टिकट कंफर्म मान कर चल रहे हैं। वहीं मंत्री के फैसलों का विरोध कर जिंदल परिवार भी पूरी टक्कर दे रहा है। जिंदल परिवार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुआ जिसके बाद उन्हें लोकसभा टिकट मिल गई। हाई कमान तक उनकी पहुंच से मंत्री की टिकट अब खतरे में दिखाई दे रही है। स्थिति यह कि सावित्री जिंदल मंत्री कमल गुप्ता के कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं। वहीं कमल गुप्ता भी सावित्री जिंदल के प्रोग्रामों मैं जाने से परहेज कर रहे हैं। 

‍ उधर रानियां सीट को लेकर विवाद भी जग जाहिर हो चुका है। इस सीट पर कांडा बंधुओ ने घमासान मचा दिया। हलोपा नेता गोपाल कांडा के भाजपा नेता भाई गोविंद कांडा ने सिरसा की रानियां सीट पर अपने बेटे धवल कांडा को उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसको लेकर राज्य की भाजपा सरकार में बिजली मंत्री रंजीत सिंह चौटाला भड़क गए और सोमवार को अपने समर्थकों की मीटिंग बुला ली। इस बैठक में भाजपा नेताओं को नहीं बुलाया गया। बैठक में रणजीत चौटाला ने गोपाल कांडा को लेकर तीखी बयान बाजी की। रणजीत चौटाला ने कहा कि गोपाल कांडा का काम है एक सीट जीतो और फिर सीएम से सीएलयू करवाओ। इस बार वे सिरसा से भी हारेंगे। उन्होंने चेतावनी दी अगर हलोपा भाजपा का मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो रानियां सीट पर किसी ओर को उतारा गया तो वह अपना फैसला लेने को मजबूर होंगे। भाजपा अगर उन्हें टिकट देती है तो ठीक है अन्यथा वह चुनाव जरूर लड़ेंगे और जीतेंगे भी। मैं चौधरी देवीलाल का बेटा हूं, प्रदेश की 90 सीटों पर मेरा जनाधार है। अगर वह कांग्रेस में शामिल होते हैं तो चौधरी बीरेंद्र सिंह के बाद वह दूसरे नेता होंगे जो भाजपा को झटका देंगे।

हालांकि रणजीत सिंह चौटाला ने कहा है कि मैं भाजपा में हूं और आगे भी भाजपा में ही रहूंगा रानियां हल्के से भाजपा के टिकट का फैसला हाई कमान करेगा। भाजपा ने हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष गोपाल कांडा के सामने शर्त रखी है कि एक ही सीट देंगे, वह भी गोपाल कांडा को छोड़कर उनके परिवार के एक सदस्य को। उन्होंने कहा कि वह 100 प्रतिशत रानियां से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस में जाने व हुड्डा से हाथ मिलाने के सवाल पर उनका कहना है कि यह समय की बात है, राजनीति में समय बदलता रहता है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा चल रही है कि वह 22 अगस्त को चंडीगढ़ में कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं।

यहां यह बता दे की अहीरवाल के दो बड़े नेताओं ने टिकटों को लेकर पहले से ही बगावती तेवर अपना रखे हैं। राव इंद्रजीत सिंह चाहते हैं कि उनकी बेटी के साथ-साथ उनके समर्थकों को भी टिकट दिया जाए। हालांकि अभी वह चुप्पी साधे हैं जिसे तूफान से पहले की आहट बताया जा रहा है। 

इस पूर्व बादशाहपुर से पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह ने भी टिकट को लेकर पार्टी और प्रशासन के खिलाफ खुलकर बयान बाजी की। उनकी इस बयान बाजी से उनकी नाखुशी जग जाहिर हो गई। यहां यह बता दे कि उनकी टिकट पिछली बार राव इंद्रजीत सिंह के इशारे पर कट गई थी।

अभी रेवाड़ी में भाजपा संगठन की एक बैठक के दौरान बवाल मच गया। बैठक में कोसली के विधायक लक्ष्मण यादव और कुछ वर्करों में बहसबाजी के बाद थप्पड़ चल गए। बात इतनी बढ़ गई कि गुस्से में विधायक ने एक कार्यकर्ता की अंगुली मरोड़ डाली। विवाद बढ़ता देख विधायक और पार्टी की प्रदेश सचिव रेणु डाबला वहां से निकल गए।

वर्कर के सवाल के बाद शुरू हुआ विवाद 

दरअसल शुक्रवार शाम को रेवाड़ी के कोसली विधानसभा हलके के बरेली गांव में कार्यकर्ताओं की मीटिंग रखी गई थी। इस बैठक में बीजेपी की प्रदेश सचिव रेणु डाबला और कोसली के भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव भी मौजूद थे। बैठक के बीच ही प्रेमप्रकाश नाम के वर्कर ने पूर्व जिला पार्षद अमित यादव को कोसली विधानसभा सीट के लिए चुनाव संयोजक बनाए जाने पर सवाल उठा दिया और यहीं से ये सारा विवाद शुरू हुआ। 

जब वर्कर ने पूछा अमित यादव को संयोजक किस आधार पर बनाया गया? तो इसके जवाब में भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव ने गुस्से में कहा ‘अमित को संयोजक संगठन मैंने बनाया है’। इतना सुनते ही वर्कर ने विधायक की तरफ अंगुली उठा दी और कहा कि इलाके में पार्टी का भट्ठा इसी ने बैठाया है। 

विधायक ने मरोड़ दी वर्कर की अंगुली 

फिर क्या था, ये देखते ही विधायक भी तैश में आ गए और वर्कर प्रेमप्रकाश की अंगुली पकड़कर मरोड़ दी। ये विवाद यहीं खत्म नहीं हुआ। इसके बाद विधायक के पास बैठे मंडल अध्यक्ष इंद्र ने वर्कर को थप्पड़ जड़ दिया। बैठक में मौजूद पार्षद सुरेंद्र माडिया ने इसका विरोध किया। इसके बाद उन दोनों में बहस हो गई। 

जमकर चले थप्पड़ और मुक्के 

बताया जा रहा है कि पार्षद सुरेंद्र माडिया और मंडल अध्यक्ष इंद्र में भी हाथापाई शुरू हो गई थी। देखते ही देखते दोनों पक्षों की तरफ से थप्पड़ थप्पड़-मुक्के चलने लगे। वहीं विवाद को बढ़ता देख विधायक और प्रदेश सचिव रेणु डाबला वहां से निकल गए। इसके बाद कुछ कार्यकताओं ने बीच बचाव करते हुए मामले को शांत करवाया।

उपरोक्त घटनाएं और एक के बाद एक भाजपा नेताओं के बगावती तेवर देखकर यह लगता है कि भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। टिकट वितरण के बाद खुलकर बगावत देखने को मिल सकती है। लगता है नेताओं को यह आभास हो गया कि भाजपा अब डूबता जहाज है। भाजपा तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने में कितनी सफल होगी यह तो चुनाव परिणाम तय करेगा कि मतदाता उसे कितना पसंद करता है। यहां यह बता दे कि 2014 और 2019 में 10 की 10 सीटे देने वाला हरियाणा 2024 में उसे आधी सीटों पर ले आया।

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