17 अगस्त सुबह 6 बजे से 18 अगस्त 6 बजे तक कुल 24 घंटे सभी अस्पताल बंद रहेंगे

भिवानी जिले के सभी अस्पताल विरोध स्वरूप टोटल बंद रहेंगे

समाज की एक और होनहार निर्भया बेटी का बलात्कार , असहनीय पीड़ा

मरीजों को असुविधा के लिए खेद : इन्डियन मेडिकल एसोसिएशन

भिवानी , 16 अगस्त । इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भिवानी और हरियाणा शाखा आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल कोलकाता में हुए बर्बर कृत्य पर अपना दुख और पीड़ा व्यक्त करती है। सिस्टम की नाकामी के कारण एक युवा प्रशिक्षु डॉक्टर “एक और निर्भया” की जान चली गई। आईएमए मुख्यालय के आह्वान पर आई एम ए भिवानी और हरियाणा की बाकी शाखाओं ने 13 अगस्त को शहर में विरोध स्वरूप एक मौन कैंडल मार्च निकाला था । फिर 14 अगस्त को पुनः लोक सभा सांसद को एक ज्ञापन सौंपा था । गुंडे तत्त्वों ने बंगाल सरकार की निष्क्रियता के चलते आर जी कर मेडिकल कॉलेज कोलकाता में न्याय मांग रहे आंदोलनरत डॉक्टरों पर आधी रात को जान लेवा हमला किया और पूरे अस्पताल को सबूत मिटाने के इरादे से तहस नहस कर दिया। मजबूरन केंद्रीय आई एम ए के आवाह्न पर अब पूरे देश के डॉक्टर शनिवार 17 अगस्त की सुबह 6 बजे से रविवार 18 अगस्त की सुबह 6 बजे तक डायग्नोस्टिक सेवाओं सहित सभी गैर-आवश्यक सेवाएं बंद रखेंगे ।

इसी अनुपालना में भिवानी जिले के सभी अस्पताल विरोध स्वरूप टोटल बंद रहेंगे क्योंकि समाज की एक और होनहार निर्भया बेटी का बलात्कार हुआ है । भिवानी ब्रांच के प्रधान डॉक्टर नरेश कुमार गर्ग , सचिव डॉक्टर राज मेहता , हरियाणा राज्य ईकाई के पूर्व प्रधान डॉक्टर करन पूनिया ने बताया कि यह एक असहनीय पीड़ा है । मरीजों को असुविधा के लिए बेशक हमें खेद है लेकिन समाज को और मरीजों को भी सोचना होगा कि गैंग रेप के बाद हत्या की शिकार लड़की उनकी भी बहन बेटी थी । इन्डियन मेडिकल एसोसिएशन का यह आंदोलन लाचार और बेबस आत्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए है । साथ ही सरकारों को और सिस्टम को चेतावनी भी है ताकि भविष्य में ऐसा कृत्य किसी के द्वारा दोहराया न जा सके ।

अनिश्चित बंद और उग्र आंदोलन न करना पड़े इसलिए केंद्र सरकार , सीबीआई और बंगाल सरकार को भी चेतावनी है और मांग है कि कोलकाता निर्भया को शीघ्र न्याय मिले ।सीबीआई फास्ट ट्रैक आधार पर जांच पूरी करे और दोषियों को कानूनन शीघ्र से शीघ्र अधिकतम सजा दी जाए । केंद्र सरकार से चिकित्सा प्रतिष्ठानों और कर्मियों के खिलाफ हिंसा की रोकथाम कानून 2019 के मसौदे पर विचार करे और इसके लिए एक केंद्रीय कानून बनाए जिससे अस्पतालों में हिंसा में शामिल उपद्रवियों के खिलाफ त्वरित मामला दर्ज करने और मुकदमा चलाने को सुनिश्चित किया जा सके । साथ ही रेजिडेंट डॉक्टरों को तर्कसंगत ड्यूटी के घंटों के साथ मानवीय और सुरक्षित कामकाजी माहौल प्रदान किया जाना सुनिश्चित किया जाय ।

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