हरियाणा चुनावों के लिए 20629 पोलिंग स्‍टेशन बनाए जाएंगे. जिनमें 7000 शहरी तो 13000 के करीब गांव देहात के क्षेत्रों में होंगे. 

चंडीगढ़ – हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. राज्‍य में 1 अक्‍टूबर को चुनाव होंगे और 4 अक्‍टूबर को मतगणना होगी. चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार, हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में चुनाव होंगे. खास बात यह है कि इस बार सोनीपत, गुरुग्राम और फरीदाबाद में मल्‍टीस्‍टोरी सोसाइटियों में पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे. इसकी व्‍यवस्‍था चुनाव आयोग की तरफ से की गई है. राज्‍यों में सभी पोलिंग बूथ 100 फीसदी सीसीटीवी से लैस होंगे. कहीं से भी कोई शिकायत मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी.

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्‍त एसएस संधु और ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में इसका ऐलान किया. राजीव कुमार के अनुसार, राज्य में 2.01 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें लगभग 1.06 करोड़ पुरुष और 95 लाख महिला मतदाता हैं. राज्य में 4.52 लाख युवा पहली बार अपने मतदान अधिकार का प्रयोग करेंगे. इसके अलावा 2.54 लाख 85 वर्ष से अधिक वरिष्ठ नागरिक और 1.5 लाख दिव्यांग मतदाता पंजीकृत हैं. 10,381 से अधिक मतदाता 100 साल से अधिक उम्र के हैं.

उनके अनुसार, इन चुनावों के लिए 20629 पोलिंग स्‍टेशन बनाए जाएंगे. जिनमें 7000 शहरी तो 13000 के करीब गांव देहात के क्षेत्रों में होंगे.

दरअसल, चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों ने इस महीने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा का दौरा किया था. अगले कुछ दिनों में अधिकारी महाराष्ट्र का दौरा भी कर सकते हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने अपने दो अन्य चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और एस.एस. संधू के साथ चंडीगढ़ में हरियाणा चुनावों की तैयारी की व्यापक समीक्षा की थी.

राज्य में मुकाबला सत्तारुढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच है. हालांकि, आम आदमी पार्टी भी सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. दुष्‍यंत चौटाला की जेजेपी भी इन चुनावों में अपना दमखम दिखाने की कोशिश करेगी. हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर को समाप्त होने वाला है.

आयोग की दो दिन की समीक्षा यात्रा के दौरान, आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, सीपीआई (एम), कांग्रेस, भारतीय राष्ट्रीय लोक दल और जननायक जनता पार्टी के प्रतिनिधियों ने आयोग से मुलाकात की थी.

चुनाव आयुक्त से मुलाकात के दौरान राजनीतिक पार्टियों ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों का आयोजन, सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और संवेदनशील मतदान केंद्रों पर पर्याप्त केंद्रीय बलों की तैनाती का मुद्दा उठाया था.

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