… ऐसे में तो किसी की भी जान जा सकती थी !

फरुखनगर तहसील में गिरदावर के कमरे की छत का गिरा प्लास्टर

सरकारी कंप्यूटर, प्रिंटर और टेबल इत्यादि हो गए क्षतिग्रस्त

तहसीलदार ने उच्च अधिकारियों को भेजी रिपोर्ट कमरा किया सील

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम । फर्रुखनगर तहसील परिसर के दूसरे तल पर बने गिरदावर के कमरे की छत का करीब 10 से 15 फीट ऐरिया का प्लस्टर गिरने से कम्पूटर, प्रिंटर, मेज कुर्सी आदि समान टूट गया। गनीमत यह रही की छत का प्लस्टर दिन के समय में नहीं गिरा नहीं तो कोई बडी दुर्घटन घटित हो सकती थी। तहसीलदार नवजीत कौर ने मौका मुआयना करके उच्च अधिकारियों को रिर्पोट भेजी दी है।

बतां दे कि फर्रुखनगर तहसील के भवन का उदघाटन 23 जून 2014 को हल्का बादशाहपुर से तत्कालीन विधायक एवं पूर्व मंत्री राव धर्मपाल द्वारा जिला उपायुक्त शेखर विदयार्थी की अध्यक्षता में किया गया था। हैरत की बात तो यह है कि मात्र दस वर्ष में तहसील भवन के कमरे के पल्सटर जमीन पर गिरने लगे है। तहसील भवन की जर्जर छत को ठीक करने के लिए सम्बंधित कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा कई बार की जा चुकी है। लेकिन सम्बंधित विभागीय अधिकारी शायद किसी बडे हादसे की बांट जौह रहे है। इतना ही नही तहसील भवन के पास बीडीपीओ कार्यालय की हालत भी यही बनी हुई है। ऐसा कोई कमरा शेष नही है जिसकी छत का प्लस्टर नही झडा हुआ हो। दोनों ही भवनों में आमजन का आवागमन लगा रहता है। कमरों में प्रवेश करने से पहले कर्मचारियों व आमजन को दस बार सोंचना पडता है कि कही उनका एक कदम उन्हे मौत के मुंह में ना धकेल दे।

तहसीलदार नवजीत कौर का कहना है कि उन्हें जैसे ही सुबह सूचना मिली की तहसील परिसर के दूसरे तल पर बने गिरदावर बीरसिंह के कमरे का प्लस्टर गिरने से उनके आफिस का सारा सामान टूट गया है। उन्होंने मौका मुआयना किया और उच्च अधिकारियों के संज्ञान में उक्त मामले को पेश कर दिया हैं। कमरे को बंद करवा दिया गया है ताकि कोई कर्मचारी, अधिकारी, आमजन उसमें ना जाए।

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