केन्द्र सरकार खेल बजट आवंटन में हरियाणा की उपेक्षा क्यों करती है? विद्रोही

मनु भाकर भारत की पहली ओलिम्पियन खिलाडी है जिसने पेरिस ओलिम्पिक खेल में दो कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा व हरियाणा का गौरव बढ़ाया है : विद्रोही

जब हरियाणा के खिलाडी पूरी दुनिया में भारत का मान-सम्मान बढाने में इतने आगे है तो फिर केन्द्र सरकार खेल बजट आवंटन में हरियाणा की उपेक्षा क्यों करती है? विद्रोही

4 अगस्त 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा राज आने के बाद हरियाणा में खेल व खिलाडियों को वह सम्मान नही मिल रहा है, जो कंाग्रेस राज में मिलता था। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा के जिन खिलाडियों ने देश व दुनिया में हरियाणा व भारत का नाम रोशन किया, उनको वह सम्मान प्रदेश में नही मिल रहा जिसके वे अधिकारी है। हरियाणा के खिलाडी खेलों में सबसे ज्यादा पदक लाते है फिर भी केन्द्र सरकार से हरियाणा को बजट में उतनी राशी नही मिलती जितना हरियाणा के खिलाडी भारत का नाम रोशन कर रहे है। पेरिस ओलिम्पिक खेलों में भी भारत के कुल खिलाडियों का 21 प्रतिशत हिस्सा हरियाणा का है। अभी तक ओलिम्पिक शूटिंग इवेंट में जो दो कांस्य पदक भारत ने जीते है, वे भी हरियाणा से सम्बन्धित शूटर मनु भाकर व सरबजोत सिंह ने जीते है। भारत की आजादी के बाद पहली बार गोरिया झज्जर निवासी शूटर मनु भाकर ने एक ही ओलिम्पिक खेल में दो कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा है।  

विद्रोही ने कहा कि मनु भाकर भारत की पहली ओलिम्पियन खिलाडी है जिसने पेरिस ओलिम्पिक खेल में दो कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा व हरियाणा का गौरव बढ़ाया है। सवाल उठता है कि जब हरियाणा के खिलाडी पूरी दुनिया में भारत का मान-सम्मान बढाने में इतने आगे है तो फिर केन्द्र सरकार खेल बजट आवंटन में हरियाणा की उपेक्षा क्यों करती है? अभी केन्द्र सरकार ने खेलो इंडिया के जिस 2200 करोड़ रूपये बजट की घोषणा की है, उसमें हरियाणा को केवल 65 करोड़ रूपये अर्थात 3 प्रतिशत बजट मिला हैे जबकि गुजरात को 500 करोड़ रूपये का बजट मिला है जो कुल बजट का 23 प्रतिशत है। सवाल उठता है कि जो हरियाणा पदक लाने में सिरमौर है, उस प्रदेश को 3 प्रतिशत और जो गुजरात एक भी पदक नही लाता, उसे 500 करोड़ रूपये अर्थात खेलो इंडिया के कुल बजट का 23 प्रतिशत हिस्सा दिया गया है। क्या यह भेदभाव व अन्याय नही है। आश्चर्य है ऐसा खुला भेदभाव होने पर भी हरियाणा भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री दड़ मारकर इस अन्याय को देख रहे है।

विद्रोहीे ने कहा कि खेल तभी आगे बढेगा और नये खिलाडी तभी पैदा होंगे जब स्कूल स्तर पर खिलाडियों को प्रोत्साहन व नकद इनाम राशी दी जाये। गांव-गांव खेल स्टेडियम, खेल नर्सरी बनाकर नये खिलाडी तैयार किये जाये। कांग्रेस राज में निचले स्तर पर खिलाडी तैयार करने की जो प्रक्रिया तेज हुई थी, भाजपा राज में बजट व प्रोत्साहन राशी और सुविधाओं के अभाव में उसमें कमी आई है। निचले स्तर पर खेलों का आधारभूत ढांचा मजबूत न करके, निचले स्तर के खिलाडियों को सुविधाएं व प्रोत्साहन राशी दिये बिना हरियाणा में नये खिलाडी कैसे पैदा होंगे? भाजपा सरकार को लम्बी-चौडी हांकने की बजाय इस पर गंभीरता से विचार कर निचले स्तर के खेल विकास के लिए ज्यादा बजट राशी खर्च करनी होगी तभी हरियाणा के खिलाडियों की प्रतिभा और निखरेगी, संवरेगी।   

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