अभय चौटाला जयन्त चौधरी की मुलाकात, विधानसभा चुनाव को लेकर निकाले जा रहे हैं सियासी मायने

जयन्त चौधरी बढ़ा सकते हैं बीजेपी की धड़कन

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे नेताओं की मुलाकातों से प्रदेश का सियासी पारा हाई होता जा रहा है। कई दलों की नजदीकियों से प्रदेश के सियासी बाजारों में अटकलों के दौर जारी है। इस बीच दो नेताओं की मुलाकात की ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने राजनीतिक गलियारों में कई तरह के सवाल पैदा कर दिए हैं।

दरअसल, आज इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव और ऐलनाबाद से विधायक अभय चौटाला ने राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी से मुलाकात की। वहीं इस मीटिंग के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि इस मुलाकात को अभय चौटाला ने महज एक शिष्टाचार भेंट बताया है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी से शिष्टाचार भेंट की एवं देश-प्रदेश की राजनीति पर चर्चा की।”

भले ही अभय चौटाला इस मुलाकात को आम बता रहे हों लेकिन इस मुलाकात की टाइमिंग गौर करने वाली है। ये दोनों नेता ऐसे समय में मिले हैं, जब हरियाणा में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और प्रदेश में कई तरह से सियासी तानबाने बुने जा रहे हैं।

बता दें कि जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी पहले इंडिया गठबंधन का हिस्सा थी, लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जयंत चौधरी पाला बदलकर बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन के साथ चले गए।

वहीं अब इस मुलाकात के बाद कयास लगना शुरू हो गए हैं कि क्या जयंत चौधरी हरियाणा के आने वाले विधानसभा में अभय चौटाला की पार्टी के साथ गठबंधन कर बीजेपी को टेंशन देंगे, या फिर ये मुलाकात महज के शिष्टाचार भेंट के रूप में ही याद रखी जाएगी। हालांकि आने वाले दिनों में इन तमाम सवालों के जवाब मिल जाएंगे।

ये मुलाकात इसलिए भी अहम हो जाती है क्योंकि हाल ही में उत्तर प्रदेश की एक और बड़ी पार्टी बसपा ने अभय चौटाला की इनेलो के साथ गठबंधन का ऐलान किया था। दोनों दलों में इस बात पर सहमति बनी थी कि 90 सीटों में से 53 सीटों पर इनेलो तो वहीं 37 सीटों पर बसपा चुनाव लड़ेगी। ऐसे में सवाल ये भी गलत नहीं है कि हरियाणा में एक नया समीकरण देखने को मिल सकता है। इस तरह के कयास को बल इसलिए भी मिल जाता है क्योंकि हरियाणा जाट बहुल प्रदेश है और जयंत चौधरी को जाटों का नेता माना जाता है।

माना जा रहा है कि इस साल अक्टूबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। इसको देखते हुए सभी सियासी दलों ने अपने-अपने हिसाब से तैयारियां शुरू कर दी हैं।

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