इसके पहले धर्म सिंह छोक्कर को गिरफ्तार कर चुकी है ईडी कांग्रेस को घेरने की भाजपा की रणनीति, दो दर्जन नेता ईडी की रडार पर अमित शाह का पाई पाई का हिसाब लेने के ऐलान को ईडी कर रही क्रियान्वित कांग्रेसियों पर शिकंजा, क्या अमित शाह के महेंद्रगढ़ दौरे पर लिखी गई पटकथा? दान सिंह पर छापे के बाद अहीर मतदाता भाजपा से बेरुखी अपना सकते हैं, ‘राव राजा’ पहले ही खफा दान सिंह की सम्पत्ति को लेकर ईडी ने बयान जारी किया भाजपा ने बनाए ‘दागी कांग्रेसी टारगेट’ तो कांग्रेस सर्वे में देख रही है ‘बेदाग’ छवि के लोग पूर्व सीएम हुड्डा से जुड़े केस में 300 करोड़ की जमीन अटैच की अशोक कुमार कौशिक हरियाणा विधानसभा चुनाव जल्द होने वाला है। मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। देश के गृह मंत्री अमित शाह ने दौरे की शुरुआत कर चुनावी बिगुल बजा दी है। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापे की कार्रवाई शुरू कर दी। गुरुवार के बाद शनिवार को एक्शन लेना शुरू किया। 3 दिन में 2 कांग्रेस विधायक महेंद्रगढ़ विधायक राव दान सिंह के बाद सोनीपत के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार पर एक्शन लिया है। शनिवार रात को यमुनानगर और राज्य के कुछ अन्य क्षेत्रों में अवैध खनन से जुड़े धन शोधन मामले में सुरेंद्र पंवार को उनके बेटे सहित गिरफ्तार किया गया। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेता एवं हरियाणा के विधायक सुरेंद्र पंवार को ”अवैध” खनन से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया है। सूत्रों ने बताया कि पंवार (55) को गुरुग्राम से शनिवार तड़के हिरासत में लिया गया। वह ईडी के कार्यालय में पेश हुए थे जहां से शुक्रवार शनिवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया।उन्होंने बताया कि विधायक को अंबाला में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां केंद्रीय एजेंसी उन्हें 14 दिन रिमांड में भेजने का अनुरोध किया। जिस पर अदालत ने नौ दिन का ईडी रिमांड दिया है और ईडी से कहा है कि रोजाना मैडीकल होना चाहिए । 29 जुलाई तक वह ईडी की हिरासत में रहेंगे। एजेंसी ने राज्य के यमुनानगर क्षेत्र में ”बड़े पैमाने पर अवैध खनन” के आरोप में पंवार से जुड़े परिसरों पर जनवरी में छापेमारी की थी। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में यमुनानगर से इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह और उनके एक सहयोगी कुलविंदर सिंह को गिरफ्तार किया था। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद भी यमुनानगर और इसके आसपास के जिलों में पत्थर, बजरी और रेत के कथित अवैध खनन को लेकर हरियाणा पुलिस की ओर से कई प्राथमिकी दर्ज की गई थीं। धन शोधन का यह मामला भी इसी से संबंधित है। केंद्रीय एजेंसी ‘ई-रवाना’ योजना में कथित धोखाधड़ी की भी जांच कर रही है। ‘ई-रवाना’ एक ऑनलाइन पोर्टल है, जिसे हरियाणा सरकार ने रॉयल्टी और कर संग्रह को आसान बनाने तथा खनन क्षेत्रों में कर चोरी को रोकने के लिए 2020 में शुरू किया था। ईडी के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि कथित अवैध खनन के जरिये पिछले कुछ वर्षों में लगभग 400-500 करोड़ रुपये का अवैध धन अर्जित किया गया। राव दान सिंह पर बृहस्पतिवार को हुई थी रेड इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 1,392 करोड़ रुपये के कथित बैंक कर्ज धोखाधड़ी मामले से जुड़ी धन शोधन जांच के सिलसिले में हरियाणा से कांग्रेस विधायक राव दान सिंह, धातु निर्माण कंपनी और प्रवर्तकों के ठिकानों पर बृहस्पतिवार को छापेमारी की थी। केंद्रीय एजेंसी के गुरुग्राम स्थित कार्यालय के अधिकारियों ने महेंद्रगढ़, बहादुरगढ़, गुरुग्राम, दिल्ली और जमशेदपुर समेत करीब 15 स्थानों पर तलाशी ली। ईडी के दलों के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के कर्मियों का एक दल भी था। राव दान सिंह के महेंद्रगढ़ के शंकर कॉलोनी स्थित घर, उनके भाई के पास के आवास और रेवाड़ी रोड पर उनके फार्महाउस की तलाशी ली। इन सभी स्थानों पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और किसी को भी परिसर में प्रवेश करने या बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। सूत्रों ने बताया कि ईडी की टीम 1,392 करोड़ रुपये के कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत एक मेटल फैब्रिकेटिंग कंपनी, एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड (एएसएल) और उसके प्रमोटरों मोहिंदर अग्रवाल, गौरव अग्रवाल और कुछ अन्य के ठिकानों की भी तलाशी ली। ईडी ने कथित तौर पर पाया है कि राव दान सिंह के बेटे के स्वामित्व वाली कुछ कंपनियों ने इस एएसएल से ऋण लिया था जिसे बाद में माफ कर दिया गया था। सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों के ठिकानों पर तलाशी ली गई, उनमें महेंद्रगढ़ क्षेत्र से 65 वर्षीय विधायक सिंह, उनका बेटा अक्षत सिंह, एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड (एएसएल) कंपनी तथा उसके प्रवर्तक मोहिंदर अग्रवाल, गौरव अग्रवाल व अन्य लोग शामिल हैं। राव दान सिंह के रेवाड़ी में स्थित एक फार्म हाउस की भी तलाशी ली गयी। एएसएल ‘स्टील रोल’ उत्पादों का निर्माण करती है। इस कंपनी पर 1,392 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज धोखाधड़ी मामले में शामिल होने का आरोप है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2022 में कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सूत्रों के मुताबिक, ऐसा आरोप है कि राव दान सिंह के परिवार और उनकी कंपनियों ने एएसएल से कर्ज लिया, लेकिन कभी लौटाया नहीं और बाद में इस कर्ज को बट्टे खाते में डाल दिया गया। सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से हाल में लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वह 41,000 से अधिक वोटों के अंतर से भाजपा के धर्मबीर सिंह से हार गए थे। अब हुड्डा के खिलाफ एक मामले में ईडी ने एक्शन हरियाणा में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ एक मामले में ईडी ने एक्शन लिया है। ईडी ने एक कंपनी के खिलाफ एक्शन लेते हुई इसकी 300 करोड़ की जमीन अटैच की है। बता दें कि ईडी के निशाने पर लगातार हरियाणा कांग्रेस के नेता हैं। जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से गुरुग्राम में एम3एम बिल्डर तथा सहयोगी कंपनी आरएस इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर शिकंजा कसते हुए करीब 300 करोड़ रुपये की 88.29 एकड़ जमीन को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है। यह जमीन हरियाणा के गुरुग्राम जिले के गढ़ीहरसरू तहसील के बांस हरिया गांव में स्थित है। ईडी की तरफ से मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत कार्रवाई की गई है। आरोप है कि एम3एम बिल्डर ने ये जमीन भूपेंदर सिंह हुड्डा के राज में ली थी। इस पूरे मामले में आरोप है कि तत्कालीन सरकार ने किसानों को ज़मीन अधिग्रहण के नाम पर नोटिस भेजे, जिससे किसान डर गए और बिल्डरों को सस्ते में ज़मीन बेच दी। बाद में इसी ज़मीन पर सरकार ने बिल्डरों को लाइसेंस दे दिया और रातों रात ये ज़मीन कई सौ करोड़ की हो गई। प्रदेश में भाजपा सरकार आपने पर इस पूरे मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश हुई और बाद में ईडी की भी एंट्री हो गई। अब इसी मामले में ईडी ने कार्रवाई की है। विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच ईडी ने यह जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। इस एफआईआर में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के तत्कालीन निदेशक निदेशक त्रिलोक चंद गुप्ता, आरएस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (आरएसआइपीएल) और 14 अन्य कालोनाइजर कंपनियों का नाम शामिल है। आरोपियों ने धोखाधड़ी से लाभ उठाया यह मामला किसान, आम जनता और हरियाणा राज्य और शहरी विकास प्राधिकरण को धोखा देने से जुड़ा है। आरोपियों ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की धारा 4 और 6 के तहत अधिसूचना जारी करवाई और इस कारण किसान डर गए। बाद में भूमि कालोनाइजर कंपनियों ने बाजार मूल्य से कम दर पर किसानों को जमीन बेचने के लिए मजबूर किया। इसके बाद आरोपियों ने अधिसूचित भूमि पर लाइसेंस प्राप्त कर धोखाधड़ी से लाभ उठाया। किसानों को डर दिखाकर जमीन खरीदी ईडी की जांच में पाया गया कि आरएसआइपीएल के प्रमोटर बसंत बंसल और रूप बंसल ने एफआइआर में नामित व्यक्तियों के साथ मिलकर 10.35 एकड़ भूमि पर व्यावसायिक कालोनी स्थापित करने के लिए अवैध रूप से लाइसेंस प्राप्त किए। लाइसेंस प्राप्त करने के बाद उन्होंने व्यावसायिक कालोनी का विकास नहीं किया और बाद में 726 करोड़ रुपये की भारी कीमत पर लाइसेंस धारी भूमि और कंपनी की संपत्तियों को रेलीगेयर ग्रुप की सहयोगी इकाई लोवे रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया। हालांकि कंपनी का दावा है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया ही और एम3एम कानून का पालन करने वाली कंपनी है। गौरतलब है कि ईडी की कार्रवाई से दो दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महेंद्रगढ़ में थे। वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सम्मेलन को संबोधित करने के लिए महेंद्रगढ़ पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान पर कटाक्ष किया था। कांग्रेस के हरियाणा मांगे हिसाब अभियान का जवाब देते हुए कहा कि ‘मैं बनिया का बेटा हूं, पाई पाई हिसाब लेकर आया हूं’। अमित शाह के लगातार दूसरे दौरे के बाद अब यह साफ हो गया है कि हरियाणा चुनाव की कमान उन्हीं के हाथों में रहेगी। क्योंकि ईडी उनके अधीन है भविष्य में कुछ और कांग्रेसी नेताओं के ऊपर भी गाज गिर सकती है। इसका इशारा उन्होंने महेंद्रगढ़ रैली में किया। उन्होंने कहा कि ‘हमारे दस साल और हुड्डा के दस साल’ का काम देख लें। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि केंद्रीय मंत्री के बयान के बाद राव दान सिंह के साथ कांग्रेस जनों से पाई-पाई का हिसाब लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बताया जा रहा है की राव दान सिंह पर शिकंजा कसने की पटकथा यही से शुरू की गई। समालखा से विधायक धर्मसिंह छोक्कर व उनके बेटे सिकंदर के बाद राव दान सिंह पर ईडी का शिकंजा कसा गया, जो अब भुपेंद्र हुड्डा के अन्य करीबियों व कांग्रेस टिकटार्थीयों तक जा सकता है। कांग्रेस को कमजोर करने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। कांग्रेस से जो भी चुनाव लड़ना चाहते हैं उनकी कुंडली कांग्रेस के अलावा भाजपा भी खंगाल रही है। धर्मसिंह छोक्कर के बाद राव दान सिंह और अब सुरेन्द्र पंवार तो महज़ बहाना है। बीजेपी कांग्रेस को चुनाव से पहले ही कमजोर करना चाहती है। भूपेंद्र द के फाइनेंसरों को को खत्म करना चाहती है भाजपा। क्योंकि हुड्डा के फाइनेंसर खत्म हो जाएंगे तो उनको सबसे ज्यादा परेशानी खुद के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाने में होगी। हरियाणा में दो दर्जन से अधिक कांग्रेसी नेताओं पर बीजेपी की ‘तीखी नजरें’ है। राजनीतिक हलकों में अब इस बात के कयास बड़े जोरों से लगाए जा रहे हैं। जानकारी मिली है कि बवानी खेड़ा से टिकट मांग रहे हैं कांग्रेस नेता सतबीर अतेरा, जितेंद्र भारद्वाज आफताब अहमद व सुखबीर कटारिया के ऊपर भी ईडी की तलवार साया मंडरा रहा है। पानीपत, कैथल, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, नारनौल, अटेली के अलावा कुछ अन्य जगहों पर ईडी का अगला टारगेट सामने आ सकता है। हरियाणा का खुफिया विभाग कांग्रेस के हर नेता की जन्म कुंडली को खंगाल रहा है जिन्होंने हुड्डा के कार्यकाल में सीएलयू कराकर मोटी मलाई खाई थी। ईडी यह देख रही है कि उनके ऊपर किसी प्रकार का केस तो नहीं बन रहा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मजबूत साथियों की घेराबंदी कर उन्हें कमजोर किया जा रहा है। उधर कांग्रेस आम आदमी पार्टी की तरफ पर युवा नीट एंड क्लीन प्रत्याशियों को लेकर सर्वे में अधिक ध्यान दे रही है। कांग्रेस में युवा महिला और नए प्रत्याशियों को मैदान में उतर जा सकता है। बता दें कि हरियाणा के दो दर्जन कांग्रेस विधायक ईडी के रडार पर हैं। इनमें अधिकांश विधायक पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबियों में हैं। इससे पहले, कांग्रेस विधायक धर्मसिंह छोकर के बाद घर पर भी ईडी ने रेड डाली थी और उनके बेटे को गिरफ्तार किया था। कांग्रेस नेता धर्म सिंह छोक्कर के मामले में 31 जुलाई को स्पेशल कोर्ट सुनवाई होगी। बता दें कि गुरुग्राम में 1500 फ्लैट से जुड़ा यह मामला है। किरण चौधरी के बीजेपी में शामिल होने के बाद हुई कार्रवाई, क्या किरण ने जानकारी उपलब्ध करवाई राव दान सिंह हरियाणा की महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से विधायक हैं। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को छका चुके राव दान सिंह विधानसभा चुनाव में भी सरकार के लिए मुसीबत बन सकते हैं। ऐसे में अगर 1392 करोड़ के मामले में जांच आगे बढ़ी तो राव दान सिंह के सामने मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी का टिकट काटकर भूपेंद्र हुड्डा के करीबी राव दान सिंह को भिवानी महेंद्रगढ़ सीट से उम्मीदवार बनाया था। हालांकि ये चुनाव वे हार गए थे। कांग्रेस प्रत्याशी को 5,47,154 वोट मिले थे। कांटे की टक्कर में बीजेपी उम्मीदवार चौधरी धर्मबीर 5,88,664 वोट लेकर लगातार तीसरी बार लोकसभा पहुंचे थे। राजनीतिक हलके में इस बात की भी चर्चा है की किरण चौधरी ने राव दान सिंह के खिलाफ जानकारियां दी। राव दान सिंह के समर्थक किस प्रकार के आरोप लगा रहे हैं जाटों के बाद अहीर भी छिटक सकते हैं बीजेपी से भाजपा के साथ जाट मतदाता पहले से ही खफा है। वह ओर अधिक खफा ना हो इसलिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर सीधा हाथ डालने से भाजपा का कतरा रही है। इधर अहीरवाल के क्षत्रप राव इंद्रजीत सिंह पहले से ही बगावती तेवर अपनाए हुए हैं। ‘राव राजा’ के बगावती तेवर और राव दान सिंह पर पड़े छापे को लेकर अगर अहीर मतदाताओं ने इसे अपने ‘आत्मसम्मान’ से जोड़ लिया तो यह भाजपा के लिए बड़ा ‘झटका’ हो सकता है। कांग्रेस विधायक राव दान सिंह पर रेड बाद ईडी का बयान 1.42 करोड़ रुपये की नकदी, आपत्तिजनक दस्तावेज, अघोषित 32 फ्लैट और जमीनें, विभिन्न लॉकर, ट्रस्ट की पहचान कर जब्ती हरियाणा में प्रवर्तन निदेशायल की टीम ने भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे राव दान सिंह के घर पर बृहस्पतिवार को रेड की थी। राव दान सिंह से पुराने आवास व फार्महाउस सहित उनके कई ठिकानों पर ईडी की टीम ने छापेमारी की। वहीं राव दान सिंह पर रेड के बाद ईडी का बयान सामने आया है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ईडी, गुरुग्राम कार्यालय ने 18 जुलाई 2024 को दिल्ली, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़ और जमशेदपुर (झारखंड) में 16 स्थानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत मेसर्स एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड, प्रमोटर गौरव अग्रवाल, मोहेंदर अग्रवाल और अन्य संबंधित व्यक्तियों अर्थात् राव दान सिंह (विधायक-महेंद्रगढ़ निर्वाचन क्षेत्र), अक्षत सिंह और उनकी संस्थाएं, मेसर्स सनसिटी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ तलाशी अभियान चलाया। ईडी ने सीबीआई, ईओ-I, नई दिल्ली द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की। आरोपी व्यक्तियों और संस्थाओं ने धन की हेराफेरी और डायवर्टिंग, आपराधिक गबन, आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, जालसाजी आदि करके धोखाधड़ी की है, जिससे केनरा बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ को 1392.86 करोड़ रुपये से अधिक का गलत नुकसान हुआ है। ईडी ने आगे बताया कि इस कार्यप्रणाली में बैंकों से लिए गए धन को असुरक्षित ऋण और अग्रिम के रूप में अन्य कंपनियों में ले जाना, अपने विभिन्न देनदारों के ऋणों को बट्टे खाते में डालना, फर्जी लेनदेन आदि शामिल थे और बदले में नकद राशि लेना जिसे भूमि खरीदने और अन्य दीर्घकालिक उद्देश्यों के लिए निवेश किया गया था। तलाशी में शामिल इकाइयों ने अपने खातों की पुस्तकों में हेराफेरी की हुई पाई गई। वहीं तलाशी अभियान के दौरान विधायक राव दान सिंह के पुत्र अक्षत सिंह की संस्थाओं सहित समूह संस्थाओं/व्यक्तियों के परिसरों से 1.42 करोड़ रुपये की नकदी, आपत्तिजनक दस्तावेज, अघोषित 32 फ्लैट और जमीनें, विभिन्न लॉकर, ट्रस्ट आदि की पहचान और जब्ती की गई। आगे की जांच जारी है। कांग्रेस ढ़ूंढ़ रही नीट एंड क्लीन प्रत्याशी भाजपा कांग्रेस प्रत्याशियों की कमजोरियों की फाइले बना चुकी वहीं परिस्थिति से निपटने के लिए कांग्रेस भी अपने स्तर पर स्कूटनी कर सभी प्रत्याशियों को लेकर सर्वे कर रही है, जिनकी छवि ‘नीट एंड क्लीन’ हो और उनके ऊपर केस न चलाया जा सकते हो। आप पार्टी की तर्ज पर कांग्रेस भी केजरीवाल की तरह एक संदेश देना चाहती है कि उसने क्लीन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। कांग्रेस पार्टी टिकट की चाह रखने वाले दावेदारों को भी यह देखना पड़ेगा कि वह ईडी, सीडी सीबीआई की चपेट में तो नहीं आ सकते। हरियाणा में तीन माह बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसके लिए सभी दलों ने कमर कसना शुरू कर दिया है। इस बार मुकाबले में कांग्रेस मजबूत नजर आ रही है। लेकिन विधायक राव दान सिंह के जरिए किए गए बैंक धोखाधड़ी का मुद्दा गरमा सकता है। बीजेपी इस मुद्दे को पूरी तरह से भुनाने की कोशिश करेगी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर कांग्रेस को घेरने का प्रयास करेगी। विपक्ष इसे राजनीतिक साजिश का नाम दे रहा हैं। अगर ईडी को इस रेड में कुछ मिलता है, तो इससे ना सिर्फ कांग्रेस विधायक को नुकसान होगा, बल्कि हरियाणा चुनाव में कांग्रेस को भी झटका लग सकता है। दूसरी तरफ कांग्रेस भाजपा पर ईडी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाती रही है। ऐसे में कांग्रेस नेताओं धर्म सिंह छोक्कर, राव दान सिंह के घर चुनाव से पहले दबिश और अब सोनीपत के विधायक सुरेंद्र पंवार की बेटे सहित गिरफ्तारी को कांग्रेस मुद्दा बना सकती है। Post navigation मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जैसे नेता कभी भी पिछडे, दलित वर्ग के हितैषी नही हो सकते : विद्रोही यूक्रेन-रूस युद्ध क्षेत्र से युवाओं को लाने का इंतजाम करे सरकार: कुमारी सैलजा