मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जनता को बताये कि पिछडे वर्ग की 8 लाख रूपये की क्रीमीलेयर सीमा को घटाकर 6 लाख रूपये कांग्रेस ने की थी या भाजपा खट्टर सरकार ने की थी? विद्रोही

जो नेता मुख्यमंत्री बनने से पहलेे संघी हिन्दुत्व की मनुवादी व्यवस्था की गुलामी करके पिछडे दलित वर्ग विरोधी हर कार्य में सम्मिलित रहा, वह आज अपने को पिछडा वर्ग हितैषी होने का ढोंग करके लम्बे-चौडे दावे करे, इससे अधिक क्रूर मजाक और क्या हो सकता है? विद्रोही

21 जुलाई 2024 – कांग्रेस राज में पिछडे, दलित वर्ग का शोषण होता था, ऐसा आरोप लगाने वाले हरियाणा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने सार्वजनिक सवाल किया कि वे जनता को बताये कि पिछडे वर्ग की 8 लाख रूपये की क्रीमीलेयर सीमा को घटाकर 6 लाख रूपये कांग्रेस ने की थी या भाजपा खट्टर सरकार ने की थी? वहीं विद्रोही नेे पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवेहलना करके क्रीमीलेयर सीमा में कृषि आय भाजपा सरकार ने जोडकर पिछडे वर्ग के युवाओं के आरक्षण के आधार पर उच्च नौकरियां प्राप्त करने में क्यों रोडा अटकाया गया? हरियाणा में पिछडे, दलित वर्ग की प्रथम, द्वितीय श्रेणी की नौकरियों की भर्ती में आरक्षित पदों को यह कहकर खाली क्यों छोडा जा रहा है कि योग्य उम्मीदवार नही मिल रहे? मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बताये कांग्रेस राज में प्रथम व द्वितीय श्रेणी की नौकरियों के लिए पिछडे, दलित वर्ग के योग्य उम्मीदवार कैसे मिल जाते थे और भाजपा के दस साल के राज में क्या हुआ कि जिस हरियाणा में कभी भी पात्र उम्मीदवार न मिलने के नाम पर पिछडे वर्ग के आरक्षित पद खाली नही रहे, जो अब भाजपा राज में इन वर्गो के पात्र उम्मीदवार क्यों नही मिल रहे?  

विद्रोही ने आरोप लगाया कि योग्य उम्मीदवार न मिलने के नाम पर भाजपा हरियाणा सरकार ने पिछडे वर्ग के आरक्षित पदों को खाली छोडकर उसके साथ भारी अन्याय दस साल से करती आ रही है और इन दस सालों में नायब सिंह सैनी 2014 से 2019 तक विधायक व भाजपा खट्टर सरकार मेें मंत्री रहे और 2019 से मई 2024 तक कुरूक्षेत्र से लोकसभा सदस्य रहे, फिर भी नायब सिंह सैनी ने कभी भी पिछडे, दलित वर्ग के हित, सरोकारों की आवाज, विधानसभा, लोकसभा व सार्वजनिक मंचों पर क्यों नही उठाई? अब जब मनोहरलाल खट्टर ने 12 मार्च 2024 को नायब सिंह सैनी को हरियाणा का अपना खडाऊ मुख्यमंत्री बना दिया तो रातोरात वे कैसे पिछडे वर्ग के नेता बन गए? जो नेता मुख्यमंत्री बनने से पहलेे संघी हिन्दुत्व की मनुवादी व्यवस्था की गुलामी करके पिछडे दलित वर्ग विरोधी हर कार्य में सम्मिलित रहा, वह आज अपने को पिछडा वर्ग हितैषी होने का ढोंग करके लम्बे-चौडे दावे करे, इससे अधिक क्रूर मजाक और क्या हो सकता है? विद्रोही ने कहा कि नायब सिंह सैनी बेशक एक पिछडे वर्ग के परिवार में पैदा हुए है, लेकिन उनका राजनीतिक व सामाजिक दर्शन संघी हिन्दुत्व व्यवस्था है जो पिछडे, दलितों को शुद्र मानकर उनका शोषण करना अपना पैदाईशी अधिकार मानते है। संघी मनुवादी व्यवस्था की दासता करने वाले नायब सिंह सैनी जैसे नेता कभी भी पिछडे, दलित वर्ग के हितैषी नही हो सकते अपितु ऐसेे ही नेता अपनी निजी सत्ता लिप्सा की पूर्ति करने खातिर मनुवादियों की कठपुतली बनकर पिछडे, दलितों को अन्याय, शोषण, दमन की चक्की में झोंकने के लिए जिम्मेदार है जिनसे पिछडे, दलित वर्ग को सावधान रहने की जरूरत है।    

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