पीएम स्वनिधि योजना में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं होगी बर्दाश्त-अतिरिक्त निगमायुक्त
– नगर निगम गुरुग्राम के अतिरिक्त आयुक्त डा. बलप्रीत सिंह ने दिए बैंक प्रतिनिधियों को स्पष्ट निर्देश
– योजना के तहत लाभार्थियों को ऋण राशि उपलब्ध करवाना प्राथमिकता के आधार पर बिना किसी बहानेबाजी के किया जाए सुनिश्चित
गुरुग्राम, 19 जुलाई। नगर निगम गुरुग्राम के अतिरिक्त आयुक्त डा. बलप्रीत सिंह ने शुक्रवार को पीएम स्वनिधि योजना की समीक्षा बैठक के दौरान बैंक प्रतिनिधियों से कहा कि योजना के तहत किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा जो बैंक योजना के तहत अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं करेंगे, उनकी रिपोर्ट राज्य सरकार, केंद्र सरकार व भारतीय रिजर्व बैंक को भेजी जाएगी।
उक्त बात डा. सिंह ने पीएम स्वनिधि योजना के तहत बैंक प्रतिनिधियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने कहा कि जिन बैंकों ने लाभार्थियों के आवेदन वापिस किए हैं, वे एक सप्ताह में उन पर कार्रवाई करके उन्हें स्वीकृत तथा डिस्बर्समेंट करवाएं, ताकि जरूरतमंदों को योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि बैंक अपने सामाजिक दायित्वों को को पूरा करते हुए पीएम स्वनिधि योजना के लक्ष्यों को पूरा करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो बैंक योजना के तहत दिए गए लक्ष्यों में सुधार नहीं करते हैं, तो उनके यहां नगर निगम गुरुग्राम के बैंक खातों को बंद करने की भी कार्रवाई की जा सकती है। इस मौके पर बैठक में उपस्थित ना होने के कारण आईडीएफसी, इंडसइंड तथा आईडीबीआई बैंकों पर कार्रवाई करने के निर्देश अतिरिक्त निगमायुक्त द्वारा एलडीएम को दिए गए। बैठक में चीफ अकाउंट ऑफिसर विजय कुमार सिंगला, सिटी प्रोजैक्ट अधिकारी महेन्द्र ङ्क्षसह तथा एलडीएम अशोक कुमार सहित विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
पीएम स्वनिधि योजना : उल्लेखनीय है कि कोविड काल के दौरान जिन रेहड़ी-पटरी-फेरी वलों का कारोबार ठप हो गया था, उन्हें फिर से कारोबार शुरू करने के लिए भारत सरकार द्वारा पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों की पहचान करके नगर निगम गुरुग्राम द्वारा उन्हें एलओआई जारी किया जाता है तथा स्पांसर करके उनके आवेदन बैंकों को ऋण हेतु भेजे जाते हैं। बैंक इन आवेदनों पर आगामी कार्रवाई करते हुए उन्हें स्वीकृत करके ऋण राशि डिसबर्समेंट करते हैं। योजना के तहत प्रथम चरण में सस्ती ब्याज दरों पर 10 हजार रूपए की राशि दी जाती है, ताकि स्ट्रीट वेंडर्स अपना कारोबार शुरू कर सकें। इस राशि को किस्तों में चुकाना होता है तथा दूसरे चरण में 20 हजार रूपए व तीसरे चरण में 50 हजार रूपए की ऋण राशि दी जाती है।