बीरेंद्र बोले मुझे मार्गदर्शक न समझा जाए मैं सक्रिय राजनेता हूं, राजनीति में मेरा लंबा अनुभव है लोकसभा चुनाव खत्म होते ही विधानसभा चुनाव में जुट गई कांग्रेस कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ चार्जशीट में लगाए 15 बड़े आरोप अशोक कुमार कौशिक हरियाणा में सरकार बनाने को लेकर आशान्वित कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा के विरुद्ध हरियाणा मांगे हिसाब नाम से राज्यस्तरीय अभियान आरंभ किया है। इस अभियान के तहत कांग्रेस ने 15 आरोपों के साथ भाजपा सरकार के विरुद्ध एक चार्जशीट जारी की। कांग्रेस नेता यह चार्जशीट लेकर पूरे प्रदेश में लोगों के घर-घर जाएंगे और उन्हें भाजपा सरकार के 10 साल के कार्यकाल की विफलताओं की जानकारी देंगे। चार्जशीट जारी करते समय कार्यक्रम में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के बीच बृहस्पतिवार को जबरदस्त जुगलबंदी नजर आई। भूपेंद्र हुड्डा और बीरेंद्र सिंह रिश्ते में भाई लगते हैं। दोनों राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं। हुड्डा ने बीरेंद्र सिंह को जहां बड़ा भाई कहकर सम्मान दिया, वहीं बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस को सत्ता में लाने के कई सुझाव दे डाले। हुड्डा ने बीरेंद्र का कोई सुझाव नजरअंदाज नहीं किया। बीच में हुड्डा व उदयभान ने चौधरी बीरेंद्र सिंह पर तंज भी कसे। बीरेंद्र सिंह बोलते चले जा रहे थे और हुड्डा अपलक सुनते जा रहे थे। बात-बात पर दोनों के बीच हंसी-ठिठोली भी हुई। जब चौधरी उदयभान ने हंसते हुए उनको कांग्रेस व 10 साल बीजेपी में बिताए पलो की याद दिलाई व भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उनको मार्गदर्शक कहा तो बीरेंद्र सिंह ने अपने चिर-पिरिचित अंदाज में यह संदेश भी दे दिया, मुझे सिर्फ मार्गदर्शक मंडल का सदस्य ना समझा जाए। मेरे पास कांग्रेस में 42 और भाजपा में 10 साल का अनुभव है, मैं सक्रिय राजनेता हूं। कुछ मेरे हिसाब से भी चलोगे तो हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बननी तय है। मुख्यमंत्री को लेकर क्या बोले हुड्डा हरियाणा कांग्रेस की इस बड़ी प्रेस कान्फ्रेंस में आखिरी सवाल मुख्यमंत्री के पद से जुड़ा था। हुड्डा से किसी ने सवाल पूछा कि यदि आपकी अपेक्षा के अनुरूप कांग्रेस की सरकार आती है तो मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा होंगे या फिर दीपेंद्र सिंह हुड्डा को सीएम बनाया जाएगा। हुड्डा ने तपाक से इस सवाल का जवाब दिया। बोले कि वैसे तो यह हाइपोथेटिकल सवाल है, लेकिन कांग्रेस में वही सीएम बनता है, जिसे विधायक चाहते हैं और जिसे कांग्रेस हाईकमान चाहता है। आप हमारी सरकार बनवाओ। हम विधायकों से बात कर सीएम का फैसला खुद कर लेंगे। हरियाणा मांगे हिसाब अभियान लॉन्च मौका था कांग्रेस के हरियाणा मांगे हिसाब अभियान की लांचिंग का। चंडीगढ़ स्थित पार्टी कार्यालय में अधिकतर विधायक और प्रमुख नेता इस कार्यक्रम का हिस्सा बने। कुछ विधायकों व पूर्व मंत्रियों के बाद चौधरी बीरेंद्र सिंह कार्यक्रम में पहुंचे। पार्टी नेताओं से हाल-चाल जानने के बाद वे मंच पर सबसे पीछे की पंक्ति में जाकर बैठ गए। थोड़ी देर बाद हुड्डा, उदयभान, अशोक अरोड़ा और दीपेंद्र सिंह आए। साथ में आफताब अहमद, गीता भुक्कल, वरुण मुलाना, सतपाल ब्रह्मचारी और शमशेर गोगी भी थे। बीरेंद्र सिंह ने बीजेपी के साथ जेजेपी की खिंचाई की दीपेंद्र हुड्डा ने बीरेंद्र सिंह को अंकल कहकर नमस्ते किया। हुड्डा के बगल में एक कुर्सी खाली थी। बीरेंद्र को उन्होंने अपनी बगल में बैठने का इशारा किया। फिर शुरू हुआ बातचीत का सिलसिला। बीरेंद्र सिंह को पहले बोलने का मौका मिला। उन्होंने भाजपा के साथ-साथ जजपा की भी खूब खिंचाई की। बोले, राजनीतिक रूप से भाजपा लोगों के भरोसे पर खरी नहीं उतर पाई। भाजपा का सबसे बड़ा राजनीतिक करप्शन जजपा के साथ गठबंधन का था। जजपा ने आर्थिक करप्शन किया तो भाजपा ने आंखें बंद कर ली। एक के बाद एक एसआइटी और कमेटियां बनाकर इस भ्रष्टाचार को ढंकने की कोशिश की गई। ‘न तो मनभेद है और ना ही मतभेद’ बीरेंद्र सिंह ने इशारों ही इशारों में कुमारी सैलजा द्वारा समानांतर किए जाने वाले कार्यक्रमों को भी स्वीकृति दी, लेकिन साथ ही स्पष्ट किया कि कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए जो लंबी छलांग लगा सके, लगानी चाहिए। अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा की बारी थी। उन्होंने अपने पुराने अंदाज में बढ़िया सवालों का खुलकर जवाब दिया और लाइन से हटे सवालों को चुप रहकर नजर अंदाज कर दिया। बीरेंद्र सिंह व सैलजा के साथ गुटबाजी से जुड़े सवाल पर हुड्डा ने स्पष्ट कहा, हमारे यहां न तो मनभेद है और ना ही मतभेद है। सबका मकसद कांग्रेस को सत्ता में लाने का है। हुड्डा ने मीडिया वालों से पूछा, आप ही बताओ, क्या हमारे में से किसी ने कभी किसी के विरुद्ध नाम लेकर कुछ बोला है। बीरेंद्र सिंह ने बीच में हस्तक्षेप करते हुए सांसदों की तरफ इशारा किया। बोले कि भाइयों, मैं माफी चाहता हूं, हो सकता है कि केंद्र की सरकार न जाने कब गिर जाए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान हरियाणा मांगे हिसाब अभियान का नेतृत्व करेंगे। राज्य के सभी कांग्रेस सांसद, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, प्रमुख नेता और कार्यकर्ता इस अभियान का हिस्सा बनेंगे। हरियाणा मांगे हिसाब अभियान के तहत भाजपा सरकार के विरुद्ध चार्जशीट तक लोगों तक पहुंचाने का काम 15 जुलाई से आरंभ होगा, जो 20 अगस्त तक चलेगा। कांग्रेस का रथ बनना शुरू इसके बाद भूपेंद्र हुड्डा, चौधरी उदयभान और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा पूरे प्रदेश में रथयात्रा निकालेंगे। कांग्रेस का यह रथ बनना शुरू हो गया है। चार्जशीट लोगों के घरों तक पहुंचाने तथा उनके सुझाव के आधार पर कांग्रेस का चुनाव घोषणा पत्र तैयार करने का काम साथ-साथ चलेगा। चार्जशीट में शामिल आरोपों की जानकारी लोगों तक कैसे पहुंचाई जाए, इसके लिए 14 जुलाई को सोनीपत में राज्यस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया है, जिसमें सभी प्रमुख नेताओं व कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है। हरियाणा मांगे हिसाब अभियान की लांचिंग हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान, पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह, सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, चौधरी वरुण मुलाना और सतपाल ब्रह्मचारी समेत कई प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ स्थित पार्टी कार्यालय में हरियाणा मांगे हिसाब अभियान की लांचिंग की गई। लोगों से मुलाकात के दौरान कांग्रेस का 14 सूत्रीय न्याय संकल्प पत्र भी वितरित किया जाएगा। बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस के 15 बड़े आरोप 1. हरियाणा असुरक्षित क्यों है व अपराधों पर क्यों नियंत्रण नहीं पाया जा रहा है।2. राज्य में घर-घर नशा कैसे पहुंच गया है।3. देश में सर्वाधिक महंगाई यहां क्यों है।4. भ्रष्टाचार के जनक और जी के जंजाल पोर्टल क्यों बनाए गए।5. 10 साल में करोड़ों के 50 बड़े घोटाले करने वालों पर क्या कार्रवाई की।6. भाजपा राज में 750 किसान, पुलिस की गोली से 70 से ज्यादा लोग क्यों मरे।7. भाजपा ने दलितों-पिछड़ों का आरक्षण खत्म करने की साजिश क्यों रची।8. अग्निपथ व कौशल रोजगार निगम के माध्यम से नौकरियां क्यों बंद की गई।9. देश में हरियाणा में सबसे अधिक 37.4 प्रतिशत बेरोजगारी क्यों है।10. न्याय और हक मांगने वाले हर वर्ग पर सरकार ने लाठियां क्यों बरसाई।11. 2014 व 2019 की चुनावी घोषणाएं क्यों अभी तक पूरी नहीं की।12. स्वास्थ्य सेवाओं का दिवालियां कैसे पीटा।13. शिक्षा तंत्र को बर्बाद करने पर सरकार क्यों तुली रही।14. राज्य में औद्योगिक निवेश के जो एमओयू किए गए थे, उनका क्या हुआ।15. भाजपा सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को क्यों चौपट कर दिया। रथयात्रा के बाद निकलेगी पदयात्रा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान के अनुसार हरियाणा मांगे हिसाब अभियान के तहत राज्यभर में विभिन्न समाज और वर्गों के सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। 20 अगस्त के बाद राज्य में निकलने वाली रथयात्रा के साथ संकरे इलाकों में पदयात्रा भी निकलेगी। जहां रथ से जाना संभव होगा, वहां रथ से और जहां पैदल जाना संभव होगा, वहां पदयात्रा के रूप में लोगों के बीच पहुंचा जाएगा। एक दिन में कम से कम दो विधानसभा क्षेत्र कवर करने की योजना है। Post navigation किसान ऑर्गेनिक खेती को अपनाएं और आय में इजाफा करें – मुख्यमंत्री समाधान शिविरों की हालत यह है कि लोगों को एक ही काम के लिए बार-बार चक्कर काटने पड़ रहे है : विद्रोही