स्थानीय नेताओं ने सहायता करने के दिए थे आश्वासन, किसी ने भी नहीं पूरा किया आश्वासन गुडग़ांव, 6 जुलाई (अशोक): गत माह दौलताबाद क्षेत्र स्थित एक प्रतिष्ठान में ब्लास्ट हो गया था, जिसमें 4 कर्मचारियों की दर्दनाक मौंत हो गई थी और कई कर्मचारी घायल भी हो गए थे, जिनमें से कई अभी तक उपचाराधीन हैं। प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों व घायलों को सहायता राशि देने की घोषणा की थी और साथ ही विभिन्न राजनैतिक दलों के स्थानीय नेताओं ने भी इन परिवारों की सहायता करने का परिजनों को आश्वासन दिया था। लेकिन कोई भी स्थानीय नेता दिए गए अपने आश्वासन को अभी तक पूरा नहीं कर पाया है। जिससे मृतकों के परिजनों में उनके प्रति रोष भी देखा जा रहा है। परिजनों की बड़ी ही दयनीय स्थिति है। जब यह सब जानकारी प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शील मधुर को मिली तो वे अपने सहयोगियों के साथ मृतक के परिवार से मिलने के लिए उनके आवास पर पहुंचे। एक मृतक के पिता उपेंद्र सिंह ने पूर्व पुलिस अधिकारी को बताया कि उनका एक बेटा तो दुर्घटना का शिकार हो गया है और दूसरा बेटा अभी अस्पताल में उपचाराधीन है। हर किसी ने उन्हें पूरी सहायता देने का आश्वासन भी दिया था। समाचार पत्रों में भी उन्होंने खबरें भी छपवाई थी कि पीडि़त परिवारों का वे पूरा ध्यान रखेंगे और उनकी यथासंभव सहायता भी करेंगे। लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी आज तक किसी से एक फूटी कौड़ी तक भी नहीं मिली है। पूर्व पुलिस महानिदेशक शील मधुर ने पीडि़त परिवार की समस्या को समझा और उन्होंने 51 हजार रुपए का चैक मृतक के पिता उपेंद्र सिंह को दिया और उनको आश्वस्त किया कि जो भी उनसे पीडि़त परिवार के लिए बनेगा, वह हरसंभव सहायता करेंगे। शील मधुर ने मौके पर ही प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय व गुरुग्राम के उपायुक्त से भी फोन पर बात की और उनसे आग्रह किया कि मृतक व घायलों के परिजनों की यथासंभव सहायता की जाए। उपायुक्त ने भी उन्हें आश्वस्त किया कि कार्यवाही जारी है और शीघ्र ही परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करा दी जाएगी। उपेंद्र सिंह ने शील मधुर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके बुरे दिनों में वह एक फरिश्ते के रुप में उनके पास आए हैं और उनकी सहायता भी की है। काश, ये स्थानीय नेता भी मानवता के प्रति दयालुता दिखाते तो अच्छा था। Post navigation महावीर चौक पर लगी लाईटें न जलने से छाया रहता है अंधेरा …… निगम सिर्फ कागजों में सफाई का कर रहा कार्य : पंकज डावर