ताऊ देवी लाल जयंती पर जजपा के बिना महागठबंधन की तैयारी, प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की

भाजपा कांग्रेस के खिलाफ नया दांव खेलने को तैयार अभय चौटाला 

अहीरवाल में इनेलो जेजेपी की बागियों पर नजर

5 जुलाई से हर जिले में जजपा करेगी कार्यकर्ता सम्मेलन, खोज होगी प्रत्याशियों की

अशोक कुमार कौशिक 

लोकसभा चुनावों में फ्लॉप साबित हो चुकी इनेलो और जेजेपी दोनों ही पार्टियां विधानसभा चुनावों में अहीरवाल की सीटों पर अपनी स्थिति मजबूत बनाने का पूरा प्रयास करेंगी। हरियाणा में अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान नये राजनीतिक गठजोड़ देखने को मिल सकते हैं। सत्तारूढ़ भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के विरुद्ध यह गठजोड़ होगा, जिसे महागठबंधन का नाम देने की तैयारी है। 

उधर हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी जननायक जनता पार्टी पांच जुलाई से हर जिले में कार्यकर्ता सम्मेलन करेगी। एक दिन में दो-दो जिलों के कार्यकर्ता सम्मेलन निर्धारित किए गए हैं। इन कार्यकर्ता सम्मेलनों के माध्यम से जजपा ने जहां संगठन का नये सिरे से गठन करने का निर्णय लिया है, वहीं विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए मजबूत दावेदारों की खोज भी इन्हीं सम्मेलनों के माध्यम से पार्टी करेगी।

जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलनों में जजपा प्रमुख डॉ. अजय सिंह चौटाला व हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला शामिल होंगे। कई कार्यकर्ता सम्मेलनों में पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला व बाढ़डा की विधायक नैना सिंह चौटाला भी भागीदारी करेंगी।

इनेलो के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय चौटाला तथा इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा की ओर से इस महागठबंधन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए भाजपा व कांग्रेस के कुछ असंतुष्ट नेता भी अभय चौटाला के संपर्क में बताए जा रहे हैं।

अलग राज्य स्तरीय गठबंधन बनाने की तैयारी में इनेलो

इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला और अभय सिंह ने लोकसभा चुनाव से पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन के प्रयास किए थे। पूर्व उपप्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल की जयंती पर हरियाणा में हर साल होने वाली रैली में इस महागठबंधन की रूपरेखा तैयार की गई थी।

यह महागठबंधन बना भी, लेकिन इनेलो को जब इसमें शामिल नहीं किया गया तो अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा में अपने स्तर पर अब अलग राज्य स्तरीय महागठबंधन तैयार करने की दिशा में प्रयास आरंभ कर दिए हैं। इसके लिए अभय सिंह और रामपाल माजरा दोनों भाजपा व कांग्रेस विरोधी दलों के साथ बातचीत करने में लगे हैं।

गठबंधन में नए दल होंगे शामिल

इस गठबंधन में अभय सिंह की सोच वाले महागठबंधन में ऐसे दलों को भी शामिल किया जाएगा, जो नये-नये अस्तित्व में आए हैं, लेकिन उन्हें राजनीति का बढ़िया प्लेटफार्म नहीं मिल रहा है। इस महागठबंधन में इनेलो की ओर से जननायक जनता पार्टी को शामिल नहीं किया जाएगा।

गठबंधन के ऐलान से पहले जारी की प्रत्याशियों की सूची

इसी बीच इंडियन नेशनल लोकदल ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची की जारी कर दी है। 

पार्टी प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। इसी बीच इनेलो ने विधायक अभय चौटाला को ऐलनाबाद विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। वहीं यमुनानगर से दिलबाग सिंह, रादौर से श्याम सिंह राणा, बहादुरगढ़ से स्वर्गीय नफे सिंह राठी के परिवार के सदस्य और महेंद्रगढ़ से सुरेंद्र कौशिक को चुनावी मैदान में उतारा है।

पार्टी छोड़ने का ऐलान के बाद भी टिकट दे दिया

लेकिन इसमें सबसे ज्यादा हैरानी की बात ये है कि इनेलो ने श्याम सिंह राणा को रादौर से उम्मीदवार बनाया है, वह पार्टी को छोड़ने का मन बना चुके है। उन्होनें कहा कि वह 5 जुलाई को बीजेपी में शामिल होगें। ऐसे में इनेलो ने फिर भी उनको रादौर विधानसभा सीट से टिकट दिया है। श्याम सिंह राणा फिलहाल इनेलो के राष्ट्रीय संगठन सचिव हैं।

इनेलो में फूट के बाद ही जजपा राजनीतिक रूप से अस्तित्व में आई थी। हरियाणा में एक सीट पर होन वाले राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने विपक्षी दलों को अपना एक साझा उम्मीदवार खड़ा करने की पेशकश भी की है। इनेलो व जजपा इस पेशकश को भाजपा को जिताने का कांग्रेस का राजनीतिक प्रयास मानकर चल रहे हैं।

कांग्रेस ने इनेलो और जजपा के लिए रखा है ये प्रस्ताव

कांग्रेस ने कहा है कि राज्यसभा चुनाव के लिए उसके पास विधायकों का पर्याप्त संख्या बल नहीं है। इसलिए जजपा व इनेलो मिलकर अपना उम्मीदवार ले आएं तो कांग्रेस उनका समर्थन कर देगी। 10 विधायकों वाली जजपा पहले ही फूट का शिकार है और इनेलो के पास सिर्फ एक विधायक है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इन दलों के सामने 14 विधायकों के समर्थन वाला राज्यसभा उम्मीदवार लाने की पेशकश की है, जो किसी भी सूरत में पूरी होती नजर नहीं आ रही है।

इस स्थिति में राज्यसभा के चुनाव में भाजपा समर्थित उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही है। कांग्रेस की इसी रणनीति को अपने विरुद्ध मानते हुए इनेलो ने उसके साथ किसी तरह के गठजोड़ से इन्कार कर दिया है।

आम आदमी पार्टी से गठबंधन की भी संभावना

आम आदमी पार्टी चूंकि कुरुक्षेत्र लोकसभा के चुनाव में इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला के विरुद्ध अपना उम्मीदवार उतार चुकी है तो ऐसे में आप और इनेलो इकट्ठा होंगे, इसका दावा करना जल्दबाजी होगी।

इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने संकेत दिए हैं कि समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट करने के अभय सिंह चौटाला के प्रयास जल्दी ही धरातल पर फलीभूत होते नजर आएंगे। इसके लिए ग्राउंड पर बड़ी तेजी के साथ काम चल रहा है।

कभी दक्षिणी हरियाणा में मजबूत थी इनेलो

2000 तक समूचे अहीरवाल क्षेत्र में इनेलो की ताकत मजबूत रही थी। इसके बाद भी पार्टी ने कुछ सीटों पर दबदबा बनाए रखा, परंतु इनेलो और जेजेपी अलग होने के बाद इस क्षेत्र में दोनों दलों का भारी नुकसान हो चुका है। रेवाड़ी जिले के तीनों तथा महेंद्रगढ़ जिले के चारों हलकों में पार्टी के पास इस समय कोई ऐसा मजबूत चेहरा नहीं है, जिसके सहारे दोनों पार्टियां अपनी मजबूत उपस्थिति विधानसभा चुनावों में दर्ज करा सकें। ऐसे में इन दोनों दलों की नजरें टिकट से वंचित रहने के बाद दल बदलने में माहिर प्रभावी चेहरों पर रहेंगी।

इनेलो- जेजेपी कोसली, बावल, नांगल चौधरी व नारनौल में दर्ज करवा चुकी अपनी उपस्थिति 

इनेलो कोसली और बावल दोनों हलकों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा चुकी है। इन हलकों में न सिर्फ पार्टी प्रत्याशी जीत हासिल कर चुके हैं, बल्कि दूसरे दलों को कड़ी टक्कर भी दे चुके हैं। ऐसे प्रभावशाली इनेलो के विभाजन के बाद से ही पार्टी को अलविदा कर चुके हैं। किसी समय कोसली में जगदीश यादव, रेवाड़ी में सतीश यादव व बावल में डॉ. एमएल रंगा, रामेश्वर दयाल तथा नांगल चौधरी में राव बहादुर सिंह चौधरी मूलाराम, नारनौल से भानाराम सैनी कमलेश सैनी प्रभावशाली चेहरों के रूप में मौजूद रह चुके हैं। 

इनमें से डॉ. एमएल रंगा व रामेश्वर दयाल बावल से इनेलो की टिकट पर विधायक बन चुके हैं। जगदीश यादव कड़ी टक्कर दे चुके हैं, लेकिन हविपा को छोड़ने के बाद उन्हें दूसरी बार विधायक बनने का मौका नहीं मिला। सतीश यादव भी रेवाड़ी में एक बार कांग्रेस प्रत्याशी को सीधी टक्कर दे चुके हैं। इसी तरह बावल से श्यामसुदंर सभरवाल वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में भाजपा प्रत्याशी डॉ. बनवारीलाल को सीधी टक्कर दे चुके हैं।

जननायक जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मूलाराम कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। पूर्व विधायक के साथ उनकी पत्नी मंजू चौधरी भी मौजूूद रही, जो जजपा की वर्तमान में प्रदेश महासचिव थी और नांगल चौधरी विधानसभा से जजपा की प्रत्याशी रही थी।

लोकसभा चुनाव 2024 के ऐलान के बाद अहीरवाल की राजनीतिक में उलटफेर शुरू हो हुआ। नांगल चौधरी सीट से विधायक रह चुके राव बहादुर सिंह जननायक जनता पार्टी में शामिल हुए । इससे पहले राव बहादुर फिलहाल कांग्रेस में थे। जेजेपी के चुनाव चिन्ह पर उन्होंने भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा चुनाव लड़ा। राव बहादुर महेंद्रगढ़ की नांगल चौधरी विधानसभा सीट से 2009 में विधायक रह चुके हैं। उन्होंने इनेलो के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीता था। इसके अलावा वो शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हैं और यदुवंशी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के चेयरमैन हैं। राव बहादुर यादव समुदाय से आते हैं।

नाराज होने वालों पर रहेगी नजर

तीनों हलकों में ऐसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त है, जो मौका मिलते ही पार्टी बदलने में देर नहीं लगाते। लोकसभा चुनावों के दौरान जसवंत सिंह भाजपा से कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। भाजपा और कांग्रेस में टिकट के दावेदारों ही लाइन बढ़ चुकी है। दोनों दलों से टिकट से वंचित रहने वाले कुछ नेता हर हाल में चुनाव लड़ने की इच्छा के साथ दूसरे दलों की ओर रुख कर सकते हैं। ऐसे नेताओं का इनेलो और जेजेपी दोनों को इंतजार रहेगा।

अभय सिंह चौटाला दे चुके संकेत

हाल ही में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में अभयसिंह चौटाला इस बात के संकेत चुके हैं कि विधानसभा चुनाव करीब आते ही कई प्रभावशाली नेता इनेलो की ओर रुख कर सकते हैं। कुछ इसी तरह का इंतजार दुष्यंत चौटाला को रहेगा। दोनों दल जिले के कम से कम कोसली, बावल, नारनौल, नांगल चौधरी व अटेली हलकों में एक बार फिर से अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पूरी ताकत लगाने में पीछे नहीं रहेंगे।

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