चंडीगढ़, 06 जून-हरियाणा सरकार ने पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री सहित प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों की सिफारिशों के लिए नामांकन आमंत्रित किए हैं। सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शुमार इन पुरस्कारों की घोषणा 26 जनवरी, 2025 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाएगी। हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद द्वारा ने राज्य के सभी प्रशासकीय सचिवों, मंडल आयुक्तों और उपायुक्तों को लिखे एक पत्र में निर्देश दिए हैं कि पद्म पुरस्कारों के लिए सिफारिशें [email protected] या [email protected] पर 15 अगस्त, 2024 तक भेजी जानी चाहिए। केवल ऑनलाइन भेजे गए नामांकनों पर विचार किया जाएगा और निर्धारित समय-सीमा के बाद प्राप्त किसी भी नामांकन पर विचार नहीं किया जाएगा। पद्म पुरस्कारों, अर्थात् पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री, को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार माना जाता है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर इन पुरस्कारों की घोषणा कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान और इंजीनियरिंग, सार्वजनिक मामले, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों और योगदान के दृष्टिगत की जाती है। ये पुरस्कार जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के आधार पर बिना किसी भेदभाव के सभी व्यक्तियों के लिए हैं। पुरस्कारों को शासित करने वाले विस्तृत कानून और नियम आधिकारिक वेबसाइट www.padmaawards.gov.in पर देखे जा सकते हैं। विगत में, यह देखा गया है कि जब कई नामांकन प्राप्त होते हैं, तो ऐसे योग्य व्यक्ति भी हो सकते हैं, जिनके असाधारण योगदान को उनकी विनम्रता और सार्वजनिक ध्यान की कमी के कारण अनदेखा कर दिया गया हो। इसलिए, ऐसे व्यक्तियों की पहचान करने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए, जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियाँ मान्यता योग्य हैं, और उनकी ओर से उपयुक्त नामांकन प्रस्तुत किए जाएं। इन योग्य व्यक्तियों की मान्यता से निस्संदेह पद्म पुरस्कारों की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नामांकन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए, नामांकनों की पहचान करने, विचार विचार करने और सिफारिशों अंतिम रूप देने के लिए एक विशेष सर्च कमेटी का गठन किया जा सकता है। अनुशंसित व्यक्तियों ने असाधारण आजीवन उपलब्धियां हासिल की हों और उनमें ‘एक्सीलेंस प्लस’ के मानदंडों का समावेश हो। इन पुरस्कारों के लिए व्यक्तियों की सिफारिश करते समय उच्चतम मानदंड लागू किए जाने चाहिए। पुरस्कार के लिए अनुशंसित व्यक्ति की उपलब्धि में सार्वजनिक सेवा के तत्व की मौजूदगी एक वांछनीय कारक होगा। चूंकि पद्म पुरस्कार देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है, इसलिए इस बात पर विचार किया जाना चाहिए कि अनुशंसित व्यक्ति को पहले अपने संबंधित क्षेत्र में राष्ट्रीय या राज्य पुरस्कार मिला है या नहीं। महिलाओं, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और दिव्यांग व्यक्तियों आदि सहित विभिन्न पृष्ठभूमियों के ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने का प्रयास किया जाना चाहिए, जो पुरस्कार के लिए विचार किए जाने योग्य हैं। यह अलंकरण आमतौर पर मरणोपरांत नहीं दिया जाता। हालांकि, अति योग्य मामलों में, सरकार मरणोपरांत पुरस्कार देने पर विचार कर सकती है। यह ध्यान रखा जाना आवश्यक है कि चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर, सार्वजनिक उपक्रमों में काम करने वाले कर्मचारियों समेत सरकारी कर्मचारी पद्म पुरस्कार के लिए पात्र नहीं हैं। Post navigation लोकसभा चुनाव में भाजपा को ट्रेलर दिखाने वाली जनता विधानसभा चुनाव में पूरी पिक्चर ही दिखाएगी : कुमारी सैलजा हरियाणा विधानसभा भंग कर नये चुनाव कराने के मुद्दे पर चर्चा के लिये 10 जून को सीएलपी की होगी बैठक – भूपेंद्र सिंह हुड्डा