क्या किसी यह बताया गया कि देश में विकास दर कितनी है, डॉलर पेट्रोल क्या भाव बिक रहे है। आंकलन का विषय तो यह है जिन्होंने जनता की पगड़ी और जूते उतारे उनका नारे की अब की बार … पार की क्या स्थिति हुई

आचार्य डॉ महेंद्र शर्मा “महेश”

पानीपत – EMPTY ,”खाली डिब्बा खाली बोतल ले लो मेरे यार ” के परिणाम वाली देश की EMPTY Politics में “Empty” एक विचित्र शब्द है , इस चुनाव में किसी को कुछ नहीं मिला लेकिन सब खुश है । Empty शब्द से चाहे पगड़ी उतार लो या जूते खींच कर नंगे पांव चलने के लिए मजबूर कर दो लेकिन empty शब्द का अर्थ नहीं बदलेगा। Empty शब्द से आप E (पगड़ी) हटा दो या Y ( जूते )… इस के अर्थ वही MPT “खाली खाली, शून्य शून्य कुछ नहीं कुछ नहीं” ही रहेगा। कमाल की बात तो यह है वर्तमान के चुनाव के इन नतीजों से जीतने वाले पक्ष nda गठबंधन को उसकी पिछली पांच वर्षों की राजनीतिक नीति धींगामुश्ती नीति को बहुत बड़ा झटका लगा है और जो पक्ष हारा है वह अपनी हार से संतुष्ट है कि यदि सब मिल कर संघर्ष करें तो परिणाम बदलना मुश्किल नहीं। ऐसा तो सताधीशों ने भी नहीं सोचा था गत 10 वर्षों में उनके पिछले पांच वर्ष इतने निराशा भरे होंगे, इन चुनावों में देश में व्याप्त क्रोध, बेरोजगारी, प्रतिशोध, अराजकता, राष्ट्रीय संस्थानों का दुरुपयोग और महंगाई के सामने मंदिर हिंदू मुस्लिम मुद्दे फीके पड़ गए, जो लोग उपरोक्त मुद्दों पर चर्चा किए बिना यह कह रहे था जो राम को लाए हैं हम उनको लायेंगे … अयोध्या में भगवान श्री राम ने इस तरह के नारा देने वालों को नकार दिया इन का प्रत्याशी हार गया। भगवान श्री राम तो हम सब के जीवन का आधार हैं। जो हमारे जीवन का आधार हों उनको कौन ला सकता है। ऐसा नारा देने वालों से यह प्रश्न है कि श्री राम को 500 वर्ष बाद अयोध्या लाने वाले 1978 से बनी SYL कैनाल में आज तक पानी क्यों नहीं ला सके? क्या इसके लिए भी हरियाणा को 500 वर्ष तक इंतज़ार करना होगा। अब हर समय भावुकता से सब को सम्मोहित करना आसान नहीं रहा, राजनैतिक दलों को यह समझना चाहिए कि “कुछ गम और भी जमाने में ” इन पर विचार भी होना चाहिए। यह लोग यह बात कहते हैं कि आप शाम को बाजार चले जाओ बहुत भीड़ है, लोग शादियों में पहले से ज्यादा खर्च कर रहे हैं नई गाड़ियों की बिक्री बढ़ी है, इस का दूसरा पक्ष भी तो देखो कि कितने लोगों को काम मिला, कितने लोगों को शिक्षा और चिकित्सा मिली, दैनिक उपयोग की खाने पीने की वस्तुएं कितनी महंगी हुई, भुखमरी का ग्राफ क्या है?

यह एक विचित्र शब्द है , आप इ के कारण साम्प्रदायिक सौहार्द में कमी यथावत बनी रहेगी। Empty Level Politics. में Latest Political analysis फलादेश अनुसार हरियाणा के आगामी विधानसभा चुनावों से पूर्व अब सत्ताभोगी नेताओं में ” घर वापिसी” की भगदड़ मचने वाली है, जनता की पीड़ा समझे बिना आगामी विधान सभा चुनावों में यह पार्टी 18/20 सीटों तक ही सिमट कर रह जायेगी। केवल उजला पक्ष देखना कहां की बुद्धिमत्ता है, क्या किसी यह बताया गया कि देश में विकास दर कितनी है, डॉलर पेट्रोल क्या भाव बिक रहे है। आंकलन का विषय तो यह है जिन्होंने जनता की पगड़ी और जूते उतारे उनका नारे की अब की बार … पार की क्या स्थिति हुई। आज के दिन तो यह लज्जाहीन व्यक्त है कि एनडीए को सत्ता मिली, लेकिन आप की पार्टी की पगड़ी और जूतों का क्या हश्र हुआ तो मुझे इस बात पर श्री पंडित मनोज कुमार गोस्वामी की फिल्म “नीलकमल” का एक गीत याद आ रहा है यह है जो स्वर्गवासी मन्नाडे जो गाया गीत जिस पर श्री महमूद ने अभिनय किया ” “खाली डिब्बा खाली बोतल ले लो मेरे यार। खाली का मतलब यह समझो खाली सब संसार।” मुझे तो यही लगता कि देश की आम जनता को और सभी राजनैतिक दलों को यही खाली डिब्बा empty box मिला है।

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