विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा में बजी खतरे की घंटी 5 जून को हो सकती है भाजपा विधायक दल की बैठक चुनाव में मुखालफत करने वालों पर गिर सकती है गाज अशोक कुमार कौशिक राजधानी चंडीगढ़ में 5 जून को भाजपा विधायक दल की मीटिंग हो सकती है। जिसमें लोकसभा के चुनाव परिणामों पर विधायकों से मंथन होगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा के चुनाव परिणाम मंगलवार को आने के बाद 6 जून बुधवार को भाजपा विधायक दल की एक महत्वपूर्ण बैठक हो सकती है। सूत्रों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी हरियाणा की 10 सीटों में से जिन लोक सभा सीटों पर कमजोर नजर आएगी, वहां पर आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए भावी रणनीति तैयार की जाएगी। जिन लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी जीत हांसिल करेगी उन लोकसभा सीटों पर भाजपा को और कैसे मजबूत किया जाए इस पर मंथन किया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि विधायकों को सूचना दे दी गई है। आधिकारिक रूप से अभी तक विधायक दल की मीटिंग को लेकर कोई पुष्टि नहीं हो पाई है। जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तथा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बीते दिनों मुलाकात की थी। चुनाव पार्टी के खिलाफ जाने वाले नेताओं पर भजापा एक्शन के मूड में है। सीएम सैनी और मनोहर लाल द्वारा ऐसे नेताओं के खलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। वहीं विधायको व लोकसभा चुनावों के उम्मीदवारों द्वारा मिली सूचनाओं के आधार पर तारपीडो करने वाले लोगों को बाहर का रास्ता भी दिखा सकते हैं। मिशन 2024 के तहत लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी का अब हरियाणा के अंदर फोकस विधानसभा चुनाव पर है। बीजेपी हरियाणा के अंदर सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए अपने विधायकों को फील्ड में ज्यादा सक्रिय कर सकती है। ऐसी भी जानकारी मिली है कि लोकसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद हरियाणा के अंदर पेंडिंग पड़े तथा अनाउंसमेंट किए व अन्य कार्यों को युद्धस्तर पर निपटाने का अधिकारियों को आदेश दिया जा सकता है। अन्य बड़े कामों को युद्धस्तर पर निपटाने के लिए अधिकारियों को आदेश दिया जा सकते हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तथा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल दोनों पिछले दिनों समीक्षा बैठकों के दौरान मिली जानकारी के बाद यह स्पष्ट कर चुके हैं कि जिन अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने चुनाव में कटाई की है। उनके खिलाफ आने वाले दिनों चुके एक्शन लिया जा सकता है। अतीत में विधायकों को यह नाराजगी रही है कि उनके क्षेत्र के अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं करते। इसके चलते भाजपा आनेवाले दिनों में खास रणनीति बना सकती है। हरियाणा में 10 निर्वाचन क्षेत्रों में लोकसभा वोटों की गिनती समाचार लिखे जाने तक जारी है। सीटों के लिए मैदान में उतरे 223 उम्मीदवारों में 207 पुरुष और 16 महिलाएं हैं। हरियाणा में लगभग 65% वोटिंग हुई थी। उल्लेखनीय उम्मीदवारों में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और कृष्ण पाल गुर्जर, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और कांग्रेस के दिग्गज नेता कुमारी शैलजा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा शामिल हैं। करनाल में भाजपा उम्मीदवार खट्टर का मुकाबला हरियाणा युवा कांग्रेस अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा से है। 2019 के आम चुनावों के दौरान बीजेपी ने हरियाणा में सभी 10 लोकसभा सीटें जीतकर क्लीन स्वीप किया था। कांग्रेस 5 और बीजेपी 5 पर आगे, विधानसभा में असर हरियाणा में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में ये नतीजे बीजेपी के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकते हैं। अगर कांग्रेस यहां 8 सीटों पर जीत हासिल करती है तो इसका फायदा उसे विधानसभा चुनाव में भी मिल सकता है। हरियाणा के किसान और जाट खट्टर सरकार से नाराज चल रहे हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों में इसका असर भी देखने को मिल रहा है। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए ये बड़ा झटका है। Post navigation चौटाला फैमिली, जिसकी कभी राज्य में धमक थी वह मटियामेट सत्ता की चाबी अब मोदी शाह के बजाय नीतिश नायडू के पास