गोदी मीडिया एक्जिट पोल फेल हुए

भारत सारथी/ कौशिक 

लोकसभा चुनाव 2024 के रूझानों ने देश की अगली सरकार की तस्वीर धूंधली हो गई है। मोदी का 400 पार का नारा लेकर चल रहा गोदी मीडिया और एग्जिट पोल के सभी दावे फेल हो गए। तीसरी बार बीजेपी की सरकार बन रही है, लेकिन पीएम मोदी का 400 पार का आंकड़ा पूरी तरह हवा हो गया है। आलम यह रहा कि रुझानों में भी पूरी एनडीए मिलकर यह आंकड़ा नहीं छू पाई और बीजेपी अकेले दम पर तो शायद ही बहुमत का आंकड़ा पार कर पाएगी। इसका मतलब यह है कि एग्जिट पोल्स से लेकर तमाम एक्सपर्ट्स के दावे और आंकड़े पूरी तरह फेल हो गए हैं।

12 बजे तक के रूझानों से स्पष्ट हो गया है कि अब केंद्र की सत्ता की चाबी भाजपा के शीर्ष नेता पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के पास नहीं रह गई है। इस बार दो बड़े नेता काफी ताकतवर होकर उभरे रहे हैं। इसमें पहले हैं बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के नेता नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश में टीडीपी के नेता चंद्रबाबू नायडू।

वैसे तो ये दोनों नेता और उनकी पार्टी इस वक्त एनडीए के हिस्सा हैं लेकिन इनका इतिहास काफी ढुलमुल रहा है। बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी बड़ी जीत हासिल करने की ओर बढ़ रही है। उसने राज्य में 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसमें से वह 14 पर आगे चल रही है। 17 सीटों पर चुनाव जीतने वाली भाजपा केवल 12 सीटों पर आगे है।

दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश में कुल 25 सीटों में से एनडीए 22 पर आगे चल रही है। हालांकि इसमें से 16 पर अकेले टीडीपी है। यह टीडीपी वही पार्टी है जिसके नेता चंद्रबाबू नायडू 2019 के चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार के खिलाफ गठबंधन की अगुवाई कर रहे थे। हालांकि इससे पहले चंद्रबाबू नायडू अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में एनडीए के हिस्सा रह चुके हैं।

ये दोनों ऐसे नेता हैं जो कई भाजपा के मौजूदा नेतृत्व के साथ सहज नहीं रहे हैं। लेकिन, कहा जा सकता है कि राजनीतिक मजबूरी में ये एनडीए के साथ आए थे। अब जबकि भाजपा कमजोर होती दिख रही है तो ऐसे में ये दोनों अपने लिए अवसर की तलाश कर सकते हैं।इनके पास मोलभाव करने की बड़ी ताकत आ गई है। जो कहते थे कि बिहार में बार-बार पलटी मारने वाले नीतीश के लिए यह वजूद बचाने की लड़ाई थी लेकिन रूझानों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नीतीश एक बड़े राजनीतिक खिलाड़ी हैं। 

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