केन्द्र सरकार द्वारा की जानी है 52 केंद्रीय अधिनियमों की समीक्षा

चण्डीगढ़, 28 मई- हरियाणा सरकार ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्डों व निगमों के प्रबंध निदेशकों तथा प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को सभी संविधान-पूर्व कानूनों या अधिनियमों की वर्तमान समय में उपयुक्तता और प्रासंगिकता के सम्बन्ध में एक सप्ताह के अंदर अपेक्षित टिप्पणियां या विचार प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्रीय विधि और न्याय मंत्रालय के विधायी विभाग से प्राप्त एक अर्ध-सरकारी पत्र के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा वर्तमान परिस्थितियों में सभी संविधान-पूर्व कानूनों की उपयुक्तता और प्रासंगिकता के अनुसार जांच की जानी है। केन्द्र सरकार द्वारा संविधान-पूर्व अधिनियमों सहित ऐसे 52 केंद्रीय अधिनियमों की एक सूची भी भेजी गई है। इस संदर्भ में आवश्यकतानुसार, ऐसे कानूनों को निरस्त करने या पुनः अधिनियमित करने के लिए राज्य सरकार की टिप्पणियां या विचार मांगे गए हैं।

केन्द्र सरकार द्वारा भेजी गई सूची के अुनसार जिन अधिनियमों की समीक्षा की जानी है, उनमें विधिक प्रतिनिधि वाद अधिनियम, 1855 (1855 का 12), घातक दुर्घटनाएं अधिनियम, 1855 (1855 का 13), धार्मिक बंदोबस्त अधिनियम, 1863 (1863 का 20), तलाक अधिनियम, 1869 (1869 का 4), भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 (1872 का 1), भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 (1872 का 9), भारतीय ईसाई विवाह अधिनियम, 1872 (1872 का 15), विवाहित महिला संपत्ति अधिनियम, 1874 (1874 का 3), बहुसंख्यक अधिनियम, 1875 (1875 का 9), रिलीजियस सोसाइटी एक्ट, 1880 (1880 का 1), काजी अधिनियम, 1880 (1880 का 12), भारतीय न्यास अधिनियम, 1882 (1882 का 2 का), संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 (1882 का 4), वाद मूल्यांकन अधिनियम, 1887 (1887 का 7), भारतीय सुखाचार अधिनियम, 1882 (1882 का 5), पावर ऑफ अटॉर्नी एक्ट, 1882 (1882 का 7), धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 1890 (1890 का 6), गार्डियन एंड वार्ड एक्ट, 1890 (1890 का 8), विभाजन अधिनियम, 1893 (1893 का 4), सामान्य धाराएं अधिनियम, 1897 (1897 का 10), दिवानी प्रक्रिया संहिता, 1908 (1908 का 5),

आनंद विवाह अधिनियम, 1909 (1909 का 7), अधिकारिक न्यासी अधिनियम, 1913 (1913 का 2), हिंदू संपत्ति निपटान अधिनियम, 1916 (1916 का 15), धर्मार्थ और धार्मिक न्यास अधिनियम, 1920 (1920 का 14), भरण-पोषण आदेश प्रवर्तन अधिनियम, 1921 (1921 का 18), सिख गुरुद्वारा (पूरक) अधिनियम, 1925 (1925 का 24), भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 (1925 का 39), वस्तु विक्रय अधिनियम, 1930 (1930 का 3), हिंदू शिक्षण लाभ अधिनियम, 1930 (1930 का 30), पारसी विवाह और तलाक अधिनियम, 1936 (1936 का 3), आर्य विवाह मान्यता अधिनियम, 1937 (1937 का 19), मुस्लिम पर्सनल लाॅ (शरीयत) एप्लीकेशन एक्ट, 1937 (1937 का 26), कच्छी मेमन अधिनियम, 1938 (1938 का 10), मुस्लिम विवाह विच्छेद अधिनियम, 1939 (1939 का 8), वाणिज्यिक दस्तावेज साक्ष्य अधिनियम, 1939 (1939 का 30), दी डिप्लोमेटिक एंड कांसुलर आॅफिसर (ओथ एंड फीस) एक्ट, 1948 (1948 का 41), विशेष विवाह अधिनियम, 1954 (1954 का 3), हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 (1955 का 25), हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 (1956 का 30), हिंदू अल्पसंख्यक और अभिभावक अधिनियम, 1956 (1956 का 32), हिंदू एडाॅप्शन एंड मेंटिनेंस एक्ट, 1956 (1956 का 78), संसद अयोग्यता निवारण अधिनियम, 1959 (1959 का 10), दी लिमिटेशन एक्ट, 1963 (1963 का 36), विशेष राहत अधिनियम, 1963 (1963 का 37), प्रशासक-सामान्य अधिनियम, 1963 (1963 का 45), विदेश विवाह अधिनियम, 1969 (1969 का 33), शपथ अधिनियम, 1969 (1969 का 44), दी डिप्लोमेटिक एंड कांसुलर आॅफिसर (ओथ एंड फीस) (जम्मू और कश्मीर तक विस्तार) एक्ट, 1973 (1973 का 2), मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों की सुरक्षा) अधिनियम, 1986 (1986 का 25), मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996, मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों की सुरक्षा) अधिनियम, 2019 (2019 का 20) शामिल हैं।

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