चंडीगढ़, 28 मई- हरियाणा सरकार ने दिल्ली अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड द्वारा चयनित हरियाणा के कुछ उम्मीदवारों से ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के आधार पर नियुक्ति पत्र वापस लेने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। इन उम्मीदवारों को विभिन्न विषयों के टीजीटी के पद के लिए नियुक्ति की पेशकश की गई थी तथा उन्होंने कार्यभार भी ग्रहण कर लिया था। मुख्य सचिव ने अनुरोध किया है कि अंतिम तिथि से पहले या बाद में 1 जनवरी से 31 मार्च, 2021 के बीच की अवधि के दौरान सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी ईडब्ल्यूएस आय और संपत्ति प्रमाण पत्रों को वैध माना जाए और संबंधित उम्मीदवारों को अपना कार्यभार जारी रखने/वापस कार्यभार ग्रहण करने की अनुमति दी जाए। हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने दिल्ली के मुख्य सचिव, दिल्ली के शिक्षा विभाग के सचिव डी.एस.एस.एस.बी. के सचिव और दिल्ली शिक्षा निदेशालय को एक पत्र लिखकर यह अनुरोध किया है।

मुख्य सचिव ने बताया कि सरकार के ध्यान में आया है ऐसे उम्मीदवारों की उम्मीदवारी 1 जनवरी से 31 मार्च, 2021 के बीच जारी किए गए ई.डब्ल्यू.एस. प्रमाण पत्रों के चलते रद्द की गई है, जिनकी वैधता वित्त वर्ष 2021-22 के लिए थी। इसके अलावा, कुछ ई.डब्ल्यू.एस. प्रमाणपत्र तहसीलदारों के बजाय उस क्षेत्र के नायब तहसीलदारों द्वारा जारी किए गए थे, जिसमें वे रह रहे हैं। इसी तरह, कुछ ऐसे मामले सामने आए जहां आवेदन की समय सीमा के बाद प्रमाणपत्र जमा किए गए।

श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने स्पष्ट किया है कि उनके ई.डब्ल्यू.एस. प्रमाणपत्र पूरे वित्त वर्ष के आय डेटा पर आधारित होते हैं, भले ही प्रमाण पत्र उस अवधि के भीतर कभी भी जारी किया गया हो। इसलिए, वित्त वर्ष 2020-21 के पूरा होने से पहले अर्थात 1 जनवरी से 31 मार्च 2021 के बीच जारी किए गए ई.डब्ल्यू.एस. प्रमाण पत्र वर्ष 2021-22 के लिए वैध माने जाने चाहिए।

इसी तरह, हरियाणा के उम्मीदवारों द्वारा तहसीलदार के बजाय नायब तहसीलदार द्वारा जारी ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 की अनुसूची में हरियाणा में रहने वाले व्यक्तियों को ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जारी करने के लिए तहसीलदार और नायब-तहसीलदार, दोनों को अधिकृत किया है। समान प्रकृति के एक अन्य मामले में, हरियाणा सरकार द्वारा 7 दिसंबर, 2023 को जारी एक पत्र के माध्यम से नायब-तहसीलदार द्वारा जारी किए गए ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्रों को सत्य और वास्तविक मानने का निर्णय लिया गया है। वास्तव में, नायब-तहसीलदार द्वारा जारी किए गए ऐसे ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र यूपीएससी/डीओपीटी द्वारा भी स्वीकार किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि 2017 के सीडब्ल्यूपी 8502 (ओ एंड एम) में माननीय पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने यह माना है कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार की शक्तियाँ और कर्तव्य समान प्रकृति के हैं। कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से इन दोनों के पास कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्तियां हैं।. उनकी शक्तियों और कार्यों में राजस्व रिकॉर्ड का रखरखाव और अद्यतन करना, दस्तावेजों का पंजीकरण और सरकारी बकाया की वसूली शामिल है। इसलिए, नायब तहसीलदार और तहसीलदार के तौर पर प्रदान किया गया अनुभव या सेवा समान है। इसलिए इन दोनों के द्वारा प्रदान किए किए ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र को वैध माना जाना चाहिए।

मुख्य सचिव ने आगे बताया कि राज्य सरकार ने विभिन्न प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल (https://saralharyana.gov.in) लॉन्च किया है। इस पोर्टल के माध्यम से जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) प्रमाण पत्र प्राप्त किए जा सकते हैं। वर्ष 2021-22 की अवधि के दौरान शुरू की गई इस पहल का लक्ष्य विभिन्न विभागों द्वारा पहले जारी किए जाने वाले विभिन्न प्रमाणपत्रों को जारी करने को केंद्रीकृत और सरल बनाना है। इस पोर्टल का उद्देश्य प्रमाणपत्रों के दोहराव या हेराफेरी को रोकने है। पिछली प्रणाली के तहत, उम्मीदवार संबन्धित विभागों को विभिन्न तिथियों पर अलग-अलग शपथपत्रों का हवाला देकर संभावित रूप से एक से अधिक ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते थे। सरल पोर्टल की शुरुआत से, यह खामी प्रभावी रूप से अंकुश लगा है। सरल पोर्टल एक अनूठी पारिवारिक आईडी प्रणाली पर काम करता है, जहां प्रत्येक परिवार का सत्यापित वार्षिक आय डेटा राज्य स्तरीय डेटाबेस में संग्रहीत होता है। जब कोई उम्मीदवार पोर्टल के माध्यम से ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करता है, तो सिस्टम स्वचालित रूप से इस डेटाबेस से आय और जाति डेटा प्राप्त कर लेता है, जिससे इसमें छेड़छाड़ या परिवर्तन की संभावना समाप्त हो जाती है।

उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए, हरियाणा ने दिल्ली के शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए अपने मानव संसाधन विभाग के महानिदेशक को भेजने का भी प्रस्ताव रखा है। इस बैठक का उद्देश्य प्रत्येक उम्मीदवार के मामले पर चर्चा करना और यदि आवश्यक हो तो इसके लिए अतिरिक्त तर्क मुहैया करवाना है। हरियाणा विभिन्न राज्यों में सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में समान व्यवहार और सहयोग के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर बल देता है ।