गुरुग्राम से मुख्य मुकाबला में भाजपा के राव इंद्रजीत और कांग्रेस के राज बब्बर में शनिवार को 21 उम्मीदवारों का भविष्य इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में कैद कैद मतदान समाप्त होते ही समर्थकों के बीच हार जीत के लगने लगे आंकड़े राव इंद्रजीत और राज बब्बर के बीच हार और जीत की हैट्रिक बनी जिज्ञासा फतह सिंह उजाला गुरुग्राम । उफनते हुए पारे की तरह गुड़गांव संसदीय सीट भी शनिवार तक हरियाणा प्रदेश की सबसे हॉट सीट बन गई । शनिवार को गुड़गांव संसदीय क्षेत्र में मुख्य मुकाबले में शामिल रहे भाजपा के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और पूर्व सांसद एवं अभिनेता राज बब्बर सहित 21 उम्मीदवारों का भविष्य मतदाताओं के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में कैद कर दिया गया। मतगणना या फिर वोटिंग काउंटिंग अब 4 जून मंगलवार को होगी। यह देखना सबसे अधिक रोचक होगा कि ‘मंगल’ किसके लिए होगा मंगल और किसके लिए ‘अमंगल’ साबित होगा। शनिवार की छाया का प्रभाव राव इंद्रजीत या राज बब्बर दोनों में से किसके ऊपर अधिक दिखाई देगा ? माना जाता है कि शनि जिस पर भी मेहरबान हो जाएंम, उसको राजा भी बना देते हैं । लेकिन यहां राजा बनाने का फैसला लाखों की संख्या में मतदाताओं के द्वारा लिखा गया। राजनीति के जानकारों का मानना है कि वर्ष 2009 की तरह ही वर्ष 2024 में भी दक्षिणी हरियाणा के छत्रप राव इंद्रजीत सिंह को चुनावी मैदान में कड़ी और कांटे की टक्कर मिली है। इस बार राव इंद्रजीत के मुकाबले में कांग्रेस के द्वारा अनुभवी राजनेता राज बब्बर को भेजा गया है। कांग्रेस उम्मीदवार के देरी से घोषित किया जाने को मतदान होने के दिन तक राजनीति के जानकार लोगों के द्वारा कहा गया राज बब्बर के नाम की लगातार चर्चा होने से लोगों के बीच में कांग्रेस उम्मीदवार की एक पहचान और छवि अपना घर कर चुकी थी । राव इंद्रजीत के लिए जहां सबसे अधिक मेहनत उनकी पुत्री आरती राव के द्वारा की गई । इस प्रकार से राज बब्बर के लिए सबसे अधिक मेहनत उनकी पुत्री जूही बब्बर तथा परिवार के अन्य सदस्यों के द्वारा की गई। इस बात में भी कोई गुंजाइश नहीं है कि जीत के दोनों मुख्य दावेदारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी स्तर के नेताओं के द्वारा भी पसीना बहाया गया। भाजपा के राव इंद्रजीत भाजपा उम्मीदवार के तौर पर अपनी जीत की हैट्रिक बनाने के लिए मतदाताओं के बीच पहुंचे । दूसरी तरफ कांग्रेस के उम्मीदवार राज बब्बर अपनी पराजय की हैट्रिक को रोकने के लिए मजबूती से डटे हुए दिखाई दे रहे हैं । शनिवार को मतदान समाप्त होने के साथ ही मुख्य मुकाबले के उम्मीदवार के समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच अपनी अपनी जीत का बीजगणित से जीत का दावा भी किया जाना आरंभ कर दिया गया । नौतपा आरंभ होने के साथ ही अब 4 जून के बीच जो भी 9 दिन बचे हुए हैं , प्रतिदिन नए-नए दावे समर्थकों के द्वारा किए जाते रहेंगे । लेकिन लाख टके की बात यही है कि 4 जून मंगलवार को ही फैसला हो सकेगा की सही मायने में ‘मंगल’ किसके लिए ‘मंगल’ और ‘मंगल’ किसके लिए ‘अमंगल’ साबित हुआ। Post navigation मतदाताओं के उत्साहवर्धन के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी निशांत कुमार यादव स्वयं उतरे फील्ड में…. गुरुग्राम पुलिस द्वारा किए गए पुख्ता सुरक्षा प्रबन्धों के परिणामस्वरूप मतदान शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न