बहादुरगढ़ से रोहतक मैट्रों की रफ्तार का डंका, कहीं लगा न दे रोहतक में कांग्रेस की लंका

बहादुरगढ़, झज्जर, किलोई के साथ बेरी तक के लोगों को होना है मैट्रो से फायदा

ऋषिप्रकाश कौशिक/ भारत सारथी

संविधान बचाने के नारे के साथ कांग्रेस के नेता सिर्फ किसान आंदोलन के सहारे ही भाजपा को कोसने का काम कर रहे है और रोहतक में कांग्रेस के साथ स्थिती और भी विकट बनी हुई है क्योंकि यहां से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के युवराज दीपेंद्र हुड्डा मैदान में है। नजदीकी हलकों के लोग उनके शासन के हर अच्छे और बुरे पहलु से वाकिफ है। ऐसे में उनकी घोषणाओं पर वो सहज विश्वास नही कर पा रहे है और यही कारण रहा होगा कि पिछले चुनाव में भाजपा के मंत्रियों का विरोध होते हुए भी भाजपा के अरविंद शर्मा ने उनको शिकस्त देने का काम कर दिया था। बता दे कि पिछले चुनाव में भाजपा के यहां स्थानीय विधायक और मंत्री चुनाव हार गये थे। अब रोहतक लोकसभा सीट पर पिछले चुनाव और अब के चुनाव के हार जीत की बात करे तो यहां से दो कारण स्पष्ट हो रहे है। पिछले चुनाव में लोगों को पता चला गया था कि उन्होंनें 2014 में कांग्रेस के दीपेंद्र को चुन कर लोकसभा क्षेत्र के विकास को अवरोध करने का काम कर दिया है क्योंकि केंद्र में सत्ता भाजपा के पास थी तो उन्हें सांसद भी भाजपा का चुनना चाहिए था इसीलिये उन्होंनें 2019 में यह निश्चित मानते हुए कि सत्ता भाजपा के पास रहने वाली है तो उन्होंनें यहां से भाजपा का सांसद चुन कर लोकसभा में अपना सांसद भेजा।

अब वर्तमान परिदृश्य की बात करे तो यहां चार हलको की मुख्य मांग बहादुरगढ़ से मैट्रो का विस्तारीकरण रोहतक तक होने की है। अगर रोहतक तक मैट्रों की जरूरत के बारे में लिखा जाये तो यहां फिलहाल मैट्रो लोगों के विकास में मील का पत्थर साबित होने वाली है और मतदाता यहां उसी प्रत्याशी का चयन करने में प्राथमिकता देने का मन बना चुका है जो बहादुरगढ़ से रोहतक तक मैट्रों का विस्तार करवा दे। मैट्रो के विस्तार कौन करवा सकता है जब इसे बारे में धरातल पर रिपोर्ट ली तो अधिकतर लोगों का कहना था इसमें कोई दो राय नही है कि केंद्र में फिर से मोदी की सरकार बननी तय है और ऐसे में सांसद भाजपा का होगा तो ही यहां इस बड़े प्रौजक्ट का काम हो सकता है। वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी के बारे में लोगों का कहना है कि कांग्रेस प्रत्याशी भाजपा की घोषणा पर ही अपनी मोहर लगाने का काम कर रहे है लोगों का कहना था कि साल 2003 में शुरू किया गया कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे कार्य को कांग्रेस सरकार ने ठंडे बस्ते में ड़ाल दिया था लेकिन भाजपा ने इस कार्य को पूरा करके लोगों को लिए विकास का रास्ता दिया था।

केएमपी का पत्थर 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओपी चौटाला ने रखा था लेकिन बीच में काम रोक दिया गया। साल 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर शिलान्यास किया। सितंबर 2018 में एक्सप्रेस वे बनकर तैयार करवाया। अब बहादुरगढ़ से रोहतक तक मैट्रों के बारे में स्वयं अरविंद शर्मा तो यहां तक घोषणा कर चुके है कि यदि वो रोहतक तक मैट्रो नही लाये तो वो राजनीति ही छोड़ देगें। अरविंद शर्मा की घोषणा पर केंद्रीय नेता समेत पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मैट्रो की रोहतक तक आने की बात कह कर एक बार फिर रोहतक लोकसभा में कांग्रेस की जड़े हिलाने का काम कर दिया। ऐसे में एक बार फिर मैट्रो का रोहतक तक विस्तारीकरण की चर्चा हो रही है और लोगों को इसकी उम्मीद भाजपा से ज्यादा है क्योंकि बहादुरगढ़ से आसौदा तक का मसौदा तैयार कर इसका बजट तय कर दिया है भाजपा ने। अब स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है मैट्रो का शोर भाजपा के पक्ष में जोर लगा रहा है।

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