– झूठे तरीके से पिछड़ा वर्ग ‘ए’ का सर्टिफिकेट बनवाने का मामला

– सुनवाई 22 मई 2025 को, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

गुरुग्राम, 9 अप्रैल (भारत सारथी): गुरुग्राम की मेयर राजरानी मल्होत्रा और एक अन्य महिला सीमा पाहुजा पर कथित रूप से फर्जी तरीके से पिछड़ा वर्ग ‘ए’ (Backward Class A) का जाति प्रमाण पत्र बनवाने के गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले में यशपाल प्रजापति, बनवारी लाल (डीएसपी) और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है।

याचिका में आरोप है कि दोनों महिलाओं ने अपनी वास्तविक जाति — पंजाबी जाट और खत्री — को छिपाकर खुद को सुनार जाति का दर्शाया, जो कि पिछड़ा वर्ग ‘ए’ में आती है। इसके आधार पर उन्होंने राज्य सरकार से गलत ढंग से जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया।

याचिका में राज्य सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा गया है कि यह प्रमाण पत्र नियमों के खिलाफ और प्रक्रियाओं की अनदेखी करते हुए जारी किए गए हैं। याचिकाकर्ताओं ने इन फर्जी प्रमाण पत्रों को तुरंत रद्द करने और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शील नागु और न्यायमूर्ति करमजीत सिंह की डिवीजन बेंच ने की। अदालत ने राज्य सरकार, गुरुग्राम मेयर राजरानी मल्होत्रा, सीमा पाहुजा और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर 22 मई 2025 तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

याचिका में एडवोकेट मुकेश राव ने यशपाल प्रजापति की ओर से पक्ष रखा, जबकि सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल नवीन एस. भारद्वाज ने पेश होकर नोटिस की प्रति स्वीकार की और जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।

इस पूरे मामले को लेकर सामाजिक और राजनीतिक हलकों में हलचल है। अब देखना यह है कि अदालत की अगली सुनवाई में क्या बड़ा खुलासा सामने आता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।

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