– 1500 से अधिक श्रद्धालु हुए शामिल, प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली से किया वैश्विक संबोधन

गुरुग्राम, 9 अप्रैल (भारत सारथी): विश्व शांति, आध्यात्मिक एकता और संस्कृति की गरिमा को समर्पित विश्व नवकार महामंत्र दिवस का आयोजन बुधवार को गुरुग्राम में भव्य रूप से किया गया। यह आयोजन जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जीतो) गुरुग्राम चैप्टर की ओर से सेक्टर-17 स्थित ब्लिस बैंक्वेट एवं कन्वेंशन सेंटर में संपन्न हुआ, जिसमें 1500 से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
इस दिन को ऐतिहासिक बनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन से मुख्य कार्यक्रम को संबोधित किया, जिसका सीधा प्रसारण गुरुग्राम सहित देश-विदेश के हजारों स्थानों पर किया गया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा,
“विकसित भारत अपनी प्राचीन संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर पर आधारित होगा। नवकार महामंत्र केवल एक जाप नहीं, बल्कि भारत के सांस्कृतिक दर्शन और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है।”
देशभर के करीब 6000 जैन मंदिरों व साधना केंद्रों में एक साथ नवकार महामंत्र का जाप हुआ, और यह दिवस 108 देशों में एक साथ मनाया गया।
साध्वीजनों की पावन उपस्थिति में हुआ महामंत्र जाप

गुरुग्राम कार्यक्रम की शोभा साध्वी चांदना जी, साध्वी प्रेक्षा जी, साध्वी श्रेष्ठा जी और साध्वी प्रज्ञा जी की उपस्थिति से और बढ़ गई। सभी श्रद्धालुओं ने एक साथ नवकार महामंत्र का जाप करते हुए विश्व शांति और मानव कल्याण की कामना की।
गौरवपूर्ण उपस्थिति और आयोजन की भव्यता
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डीसीपी मुख्यालय गुरुग्राम अर्पित जैन, दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश राहुल जैन तथा आरएसएस के वरिष्ठ सदस्य पवन जिंदल शामिल हुए।
इस आयोजन की सफलता में जीतो गुरुग्राम चैप्टर की टीम का योगदान उल्लेखनीय रहा —
चेयरमैन शैलेष जैन, चीफ सेक्रेटरी संजय जैन, वाइस चेयरपर्सन इंदू जैन व राजकुमार सलागिया, ज्वॉइंट सेक्रेटरी सचिन जैन, सदस्य विनोद जैन, महिला विंग की अंजलि जैन, सिम्मी जैन, सलोनी जैन, मीनाक्षी जैन, तथा यूथ विंग के आयुष जैन, अंकित जैन के साथ-साथ श्रवण आरोग्यं टीम कीर्ति वोरा व मुकेश जैन ने आयोजन को ऐतिहासिक स्वरूप देने में प्रमुख भूमिका निभाई।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समरसता का प्रतीक

जैन समाज के प्रवक्ता अभय जैन एडवोकेट ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक वैश्विक सांस्कृतिक संदेश था — जिसमें भक्ति, अनुशासन, शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का संगम देखने को मिला।
गुरुग्रामवासियों ने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि इस महान आयोजन का हिस्सा बनकर उन्होंने भारत की आध्यात्मिक परंपरा को वैश्विक मंच पर सशक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन और नवकार मंत्र की आध्यात्मिक गूंज ने हजारों लोगों के मन में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार किया।
यह आयोजन न केवल जैन समाज के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गया है — जो यह दर्शाता है कि भारत का अध्यात्म आज भी विश्व को शांति, करुणा और मानवता का मार्ग दिखाने में सक्षम है।