चण्डीगढ़, : हरियाणा की करनाल लोकसभा सीट से कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी दिव्यांश बुद्धि राजा ने अपने खिलाफ राजनीतिक द्वेष के चलते दर्ज की गई एफआईआर रद्द करने के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख किया है। दिव्यांशु बुद्धिराजा हरियाणा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और लोकसभा चुनाव 2024 में पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा के मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे हैं। युवा नेता दिव्यांशु जो करनाल लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार हैं, ने एक आपराधिक मामले में ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश नहीं होने के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में पहुंचे हैं ताकि उनके चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो सके।

इस मामले की सुनवाई अर्जेंट बेसिस पर सोमवार को होने की उम्मीद है। क्योंकि बुद्धिराजा ने भारतीय दंड संहिता की धारा 174ए के तहत दर्ज प्राथमिकी पर रोक लगाने और पुलिस द्वारा गिरफ्तारी से रोकने की गुहार लगाई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गत वर्ष दिसंबर 2023 में, हरियाणा संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत 2018 के एक मामले में पंचकूला में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा बुद्धिराजा को उद्घोषित अपराधी घोषित किया गया था। ट्रायल ऑर्डर के बाद, उन पर आईपीसी की धारा 174 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। कांग्रेस नेता ने कहा कि 2018 के मामले में उन्हें उसी साल ट्रायल कोर्ट से जमानत मिल गई थी। उन्होंने कहा कि सीजेएम ने 2022 में मनमाने तरीके से व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के लिए उनके आवेदन को खारिज कर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किए थे।

याचिका में कहा गया है कि वारंट बिना तामील के वापस आ गए थे, क्योंकि बुद्धिराजा दिए गए पते पर नहीं रह रहे थे, इसलिए उनके खिलाफ उद्घोषणा जारी की गई थी। बाद में जब उन्होंने गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने के लिए आवेदन किया, तो उसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि वह अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे। वहीं दिनांक 15.12.2023 को अदालत ने पाया कि वर्तमान याचिकाकर्ता के खिलाफ जारी उद्घोषणा विधिवत निष्पादित होकर वापस आ गई थी। इसकी सूचना संबंधित अदालत को भेजी गई थी।

कांग्रेस उम्मीदवार ने अपने अधिवक्ता प्रताप सिंह और हरप्रीत सिंह मुल्तानी के माध्यम से यह याचिका दायर की है। जिस पर सभी राजनीति दलों की नजर टिकी हुई है।

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