मुख्यमंत्री के दावे ध्यान से पढ़िए सत्य लगे तो इन्हें वोट दीजिए अन्यथा ..………. ऋषि प्रकाश कौशिक

चंडीगढ़/ करनाल,  26 अप्रैल।   हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि प्रदेश के मजदूरों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी और उनकी जो भी मांग है, 4 जून के बाद अधिकारियों के साथ बैठकर उनका समाधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने मजदूरों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं बनाई और योजनाबद्ध तरीके से उन्हें सीधा मजदूर तक पहुंचाने का काम किया। ‌चाहे वह श्रमिकों को औजार देने की बात थी, श्रमिकों को साइकिल देने की, महिलाओं को सिलाई मशीन देने की या बच्चों को छात्रवृत्ति देने की, बेटी की शादी में कन्यादान योजना की बात रही,  ‌सरकार के अधिकारी कन्यादान डालने के लिए 3 दिन पहले चेक लेकर शादी वाले घर पहुंच जाते है।

मुख्यमंत्री शुक्रवार को यहां भारतीय कामगार संघ द्वारा आयोजित श्रमिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर भारतीय कामगार संघ के अध्यक्ष जंग बहादुर, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष योगेंद्र राणा, करनाल की पूर्व मेयर रेनू बाला गुप्ता, राष्ट्रीय कामगार संघ प्रदेश अध्यक्ष  सुरेंद्र ठाकुर, जिला पार्षद ओमप्रकाश मालिया, रोहतास जांगड़ा, श्याम लाल, श्रीमती पूनम ठाकुर मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिक पसीना बहाकर देश के विकास में अपना योगदान देता है और ऐसे में सरकार का भी दायित्व बनता है कि वह श्रमिकों की समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने हर मौके पर श्रमिकों के साथ खड़े होने का काम किया है। कोरोना काल में सरकार ने जब देखा कि अब काम बंद हो गए हैं तो सरकार ने श्रमिकों के घर में राशन पहुंचाने का काम किया और साथ ही प्रदेश सरकार ने 3 महीने तक पांच-पांच हजार रुपए श्रमिकों के खाते में डाले और केंद्र सरकार ने भी 500 रुपए महीना श्रमिकों को देने का काम किया। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले सिर्फ 19000 मजदूर कापी हरियाणा में बनी थी, जब वह श्रम मंत्री बने तो उन्होंने इनकी संख्या बढ़कर चार लाख 71000 की थी। पहले केवल 29 करोड़ रुपए का बजट श्रमिकों के लिए था, लेकिन उन्होंने इसे बढ़ाकर 650 करोड़ रुपए किया और यह पैसा सीधा मजदूरों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भी श्रमिक के बेटे हैं और जानते हैं कि श्रमिकों को किस प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वह पहले मंत्री थे जो चौक पर श्रमिकों के बीच में जाकर श्रमिकों की समस्याओं को सुनने का काम करते थे और उसका समाधान करते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने गरीबों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं बनाई। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीबों को घर बना कर दिया। उसमें उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस चूल्हा दिया। राशन योजना के अंतर्गत राशन दिया और हर घर में नल से स्वच्छ जल योजना के अंतर्गत पानी पहुंचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि अब समय है कि हरियाणा के श्रमिक घर-घर जाकर लोगों से हरियाणा और केंद्र सरकार की नीतियों के बारे में चर्चा करें और उन्हें बताएं कि 25 मई को कमल के फूल का बटन दबाकर हरियाणा की 10 की 10 लोकसभा सीटें नरेंद्र मोदी की झोली में डालने का काम करें ताकि देश मजबूती के साथ आगे बढ़ सके और गरीबों के कल्याण की योजनाएं इसी प्रकार से जारी रह सकें।

इससे पहले राष्ट्रीय कामगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र ठाकुर ने एक मांग पत्र भी पढ़ कर सुनाया और मुख्यमंत्री को सौंपा। मांग पत्र में ट्यूबवेल ऑपरेटर और ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को हटाने और उनको मानदेय देने का अधिकार सरपंचों से वापस लेकर विभागों को देने की मांग की गई। मांग पत्र में फैमिली आईडी में निर्माण मजदूर शब्द प्रयोग करने की मांग की गई ताकि उन्हें उनका लाभ आसानी से मिल सके। मजदूरों का ऑफलाइन पंजीकरण करने और विभाग द्वारा श्रमिकों की बेनिफिट की फाइल पर आपत्ति केवल एक ही बार लगाने की भी मांग की गई। मांग पत्र में यह भी मांग की गई है कि मनरेगा मजदूरों को 365 दिन मजदूरी और 600 रुपए दिहाड़ी दी जाए और उनकी हाजिरी ऑफलाइन लगे।

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