–जिला एवं सत्र न्यायाधीश विरेन्द्र प्रशाद शर्मा, न्यायाधीशगण व अधिवक्ताओं ने दी आहूति

—चैम्बर्स सोसाईटी के प्रधान यशवीर ढिल्लो एडवोकेट सपत्नीक रहे हवन के यजमान

भारत सारथी/ कौशिक 

नारनौल। अधिवक्ता परिषद की जिला इकाई ने अधिवक्ता परिषद के जिला अध्यक्ष मनीष वशिष्ठ एडवोकेट के संयोजन में भारतीय नव वर्ष के अवसर पर अधिवक्ता चौम्बर परिसर में हवन का अयोजन किया। हवन अधिवक्ता चैम्बर परिसर में स्थित श्री हनुमान मंदिर के समक्ष आयोजित किया गया। हवन में मुख्य यजमान अधिवक्ता चैम्बर्स सोसाईटी के अध्यक्ष यशवीर सिंह ढिल्लो एवं उनकी धर्मपत्नी सुशील रहे। पूर्णाहुति जिला एवं सत्र न्यायाधीश विरेन्द्र प्रशाद एवं यजमान यशवीर ढिल्लो ने दी। हवन में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डा. दयानन्द भारद्वाज, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश चौधरी, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमनदीप दीवान, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश निधि बंसल, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राज गुप्ता, न्यायिक दण्डाधिकारी कीर्ती जैन, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी शैलजा, न्यायिक दण्डाधिकारी अमित सिहाग, न्यायिक दण्डाधिकारी अनुराग यादव, न्यायिक दण्डाधिकारी भुवनेश सैनी, जिला बार एसोसिएशन के सचिव सुमित चौधरी एडवोकेट, सह सचिव अश्वनी खारीवाडा, अधिवक्ता चैम्बर सोसाईटी के पूर्व प्रधान राकेश महता एडवोकेट, बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान यशवंत यादव एडवोकेट, चैम्बर सोसाइ्रटी के उप प्रधान विजय सैनी, सचिव जयकिशन व सह सचिव पंकज भारद्वाज उप जिला न्यायवादी विरेन्द्र शर्मा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

अधिवक्ता परिषद, नारनौल इकाई के जिला अध्यक्ष मनीष वशिष्ठ एडवोकेट ने बताया कि विक्रम संवत 2081 आज चौत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन प्रारंभ हुआ है, इस अवसर पर अधिवक्ता परिषद ने अधिवक्ता चौम्बर परिसर में हवन का आयोजन करके नव वर्ष मनाया। हवन में हवनाचार्य पंडित महेन्द्र शास्त्री थे। हवन को गणेश पूजा, नव ग्रह, षोडस मात्रिका व अग्रि देव की अराधना करते हुए वेद मंत्रोचार द्वारा सम्पन्न किया गया। हवन के पश्चात अधिवक्ताओं, न्यायिक कर्मचारी व आम जनता को प्रसाद वितरित किया गया।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश विरेन्द्र प्रसाद व अन्य न्यायाधीशगणों ने सभी अधिवक्ताओं को भारतीय नववर्ष की शुभकामनाएं दी साथ ही सत्र न्यायाधीश विरेन्द्र प्रसाद ने कहा कि अधिवक्ता परिषद भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को संजो कर रखने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन होते रहना चाहिए, इसके लिए उन्होंने अधिवक्ता परिषद को बधाई दी।

भारतीय नव वर्ष के अवसर पर अधिवक्ता परिषद के जिला प्रधान मनीष वशिष्ठ ने कहा कि विक्रम संवत चक्रवर्ती सम्राट विक्रमाद्वित्य द्वारा प्रारंभ किया गया था। उन्होंने बताया कि 12 महीने का एक वर्ष तथा सप्ताह में 7 दिन रखने का चलन विक्रम संवत से ही प्रारंभ हुआ है। इसमें महीने का हिसाब सूर्य व चन्द्रमा की गति से लगाया जाता है। बारह राशियां 12 सौर मास हैं तथा पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा जिस नक्षत्र में प्रवेश करता है उसके अनुसार मास का नाम होता है। चन्द्रमा के चित्रा नक्षत्र में प्रवेश करने से चौत्र मास का नामकरण हुआ। प्रधान मनीष वशिष्ठ ने कहा कि चौत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को विक्रम संवत प्रारंभ होने के अलावा भी अनेकों महत्व हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्मा जी ने इसी दिन सृष्टि की रचना प्रारंभ की। भगवान राम का राज्यभिषेक, धर्मराज युधिष्ठिर का राजतिलक, नवरात्रों का प्रथम दिन, आर्य समाज की स्थापना, सिक्खों के द्वितीय गुरू श्री अंगद देव का जन्म दिवस तथा सिंघ प्रांत के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार संत झूलेलाल भी इसी दिन प्रकट हुए थे।

इस अवसर पर एडवोकेट बनवारी लाल शर्मा, रविन्द्र कुमार संघी, श्याम सुन्दर गौस्वामी, जसबीर सिंह ढिल्लो, चैम्बर सोसाईटी के उप प्रधान विजय सैनी, सचिव अनिल शर्मा बवानिया, चन्द्र प्रकाश गुर्जर, गिरीबाला यादव, राजबाला यादव, अश्वनी खारीवाडा संयुक्त सचिव बार एसोसिएशन, राजपाल लाम्बा, अनिल भारद्वाज, रामफल यादव, जयवीर यादव, साकेत मुक्कड़, कृष्ण कुमार शर्मा, हेमंत कृष्ण शर्मा, कुलदीप भारद्वाज, बजरंग जांगड़ा, प्रमोद ताखर, अजय शर्मा, प्रवीण यादव, योगेन्द्र सोनी, पवन कौशिक, प्रवीण चौधरी, नरेन्द्र यादव गुवाणी, जयंत यादव, औपेन्द्र यादव, जगदीप ढिल्लो, सत्यवीर झुकिया, दुलीचन्द गुर्जर, मामन भरगड़, मांगेराम सैनी, जयंत यादव, महेश दीक्षित, खिलाडी पाल लाम्बा, गणेश राव, विकाश शर्मा, हर्षद शर्मा, कृष्ण शर्मा धोलेडा, मनिश यादव, सुरेश यादव, रवि यादव सहित अन्य अधिवक्ता उपस्थित थे।

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