भारत सारथी/ कौशिक 

नारनौल। मेले और दंगल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं। शेखपुरा में लगने वाला शीतला माता का मेला इस इलाके का प्राचीन और सबसे बड़ा मेला है

उक्त विचार सोमवार देर सांय शेखपुरा स्थित शीतला माता के मेले में आयोजित दंगल और खेल प्रतियोगिता के समापन अवसर पर पूर्व अधीक्षण अभियंता राव सुखबिन्द्र सिंह ने मुख्यातिथि के रूप में उपस्थिति को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।

उन्होंने कहा कि जो लोग खेलों में भाग लेते हैं वे न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत हो जाते हैं। यदि युवा पीढ़ी को नशे और अपराधों से बचाना है तो उन्हें खेल से जोड़ना होगा। खिलाडी मानसिक रूप से मजबूत हो जाते हैं और तनाव में नहीं आते, जिससे वे नशे जैसी बुराइयों से भी दूर रहते हैं।

उन्होंने कहा कि खेल में हार-जीत होती रहती है। इसलिए खिलाडी को हतोत्साहित नहीं होना चाहिए, बल्कि अपना अभ्यास बढ़ाना चाहिए, ताकि अगली बार विजयी हो सके। उन्होंने कहा कि उनके पिता राव मानसिंह खुद अच्छे पहलवान थे और उन्होंने अपनी युवावस्था में कई वर्ष तक लगातार इस दंगल को जीता था।

राव सुखबिन्द्र सिंह ने मेला कमेटी को 21 हजार रूपये का आर्थिक सहयोग देने की घोषणा की। इससे पूर्व श्री राव को मेला कमेटी की तरफ से पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर कैप्टन अभिजीत यादव, पूर्व सरपंच और कमेटी के प्रधान निहालसिंह सैनी तथा मेला कमेटी के पदाधिकारी, खिलाडी और ग्रामीण उपस्थित थे।

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