किसानों को प्रति एकड़ कम से कम 50,000 का मुआवजा मिले किसानों के सामने बैंक और बाजार के उधर को चुकाने का दोहरा दबाब 6 अप्रैल से तक किसानों के खाते में मुआवजे की राशि सीधे पहुंचाई जाए किसने की उपजाई गई फसल 70 से 100 प्रतिशत तक हुई नष्ट किसानों के सामने अपने पालतू मवेशी के लिए चारे का बन गया संकट फतह सिंह उजाला पटौदी 1 अप्रैल । ओलावृष्टि से प्रकृति ने जो अपना कोप मऊ,लोकरी पालासोली, भोडाखुर्द, खटावली सहित फरुखनगर और मानेसर क्षेत्र के गांवों पर दिखाया । उसके कारण से इन गांवों के किसान वर्ग और खेती हर मजदूर में मातम का माहौल हो रखा है। मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर किसानों के द्वारा पहले से ही उपजाई गई फसलों का लेखा-जोखा दर्ज करवाया जा चुका है। जिस प्रकार से फसलों पर आसमान से आफत गिरी है । उसको ध्यान में रखते हुए सरकार किसानों के साथ पोर्टल पोर्टल खेलना बंद करें तथा फसलों के नुकसान का अधिक से अधिक मुआवजे का भुगतान किया जाए। यह बात सोमवार को पटौदी क्षेत्र के बरसात और ओलावृष्टि से प्रभावित ग्रामीण इलाकों का दौरा करते हुए पीड़ित किसानों से बातचीत के बाद कांग्रेस नेत्री एवं सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट पर्ल चौधरी के द्वारा कही गई है। उन्होंने कहा अधिकतर खेतों में सौ फ़ीसदी फसल बर्बाद हो गई है। किसानों का कहना है कि इस बार मेहनत मशक्कत करके प्रति एक एकड़ में 70 मन गेहूं होना था, यानी की 28 क्विंटल प्रति एकड़। अगर हम 25 एकड़ प्रति एकड़ का औसत भी लेकर चलें तो 2200 प्रति क्विंटल के रेट से मुआवजा की कुल राशि 55000 प्रति एकड़ बनता है। सरकार को पोर्टल पर मध्यम वर्गीय किसानों के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध है। इसलिए 6 अप्रैल से पहले पहले किसानों को उनके खाते में मुआवजे की राशि सीधे-सीधे पहुंचाई जाए। प्रभावित और पीड़ित किसानों से जानकारी लेने के बाद कांग्रेस नेत्री श्रीमती चौधरी ने बताया कुछ किसानों ने अपने परिवार के लिए एक डेढ़ किले में ही गेहूं और सरसों की फसल लगाई थी । हो सकता है उनसे पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया होगा। तो सरकार ऐसे किसानों को भी गांव के सरपंच और पटवारी की मदद से चिन्हित करें और उन्हें इसी रेट से मुआवजा तुरंत दिलवाया जाए । धर्मपाल सरपंच लोकरी, रमेश, राजपाल फौजी, श्योचन्द, बिल्लू, अशोक, श्री भगवान, बुधराम, धर्मेंद्र इत्यदि के द्वारा बताया गया कि बहुत से किसानों ने बैंकों से और खुले बाजार से पैसे उधार लेकर फसल लगाई थी । फसल के बर्बाद होने की स्थिति में उन पर आर्थिक पहाड़ टूट पड़ा है । डबल इंजन की सरकार का यह दायित्व है कि वह इलेक्शन कमीशन से विशेष अनुमति लेकर के अगले 5 दिनों में फौरन मुआवजा किसानों को दिलवाये। कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने बताया 2005 में जब चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार थी तो तत्कालीन कांग्रेसी विधायक स्वर्गीय भूपेंद्र चौधरी ने सरकार के साथ मिलकर रोडवेज के जी एम को भी ड्यूटी पर लगा करके किसानों को उनके मुआवजे का हक दिलवाया था। उन्होंने कहा सरकार पोर्टल का प्रयोग किसनों के सहूलियत के लिए करें ना कि किसानों को मुआवजा दिलाने में रोडा लगाएं। अगर हर कुछ पोर्टल के माध्यम से होना है तो सरकार चुनावी रैलियां और क्या मतदान भी पोर्टल पर ही करवाएगी। Post navigation एआईकेकेएमएस ने सरसों की खरीद को लेकर धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया जनसभा और प्रचार सामग्री के लिए जिला प्रशासन ने तय किए स्थान, अन्यत्र नहीं लगाया जाएगा होर्डिंग : डीसी